भाजपा कार्यकर्ताओं के अनुसार सिल्ली व गोमिया में भाजपा की हार का मूल कारण CM का अहंकार
जनाब को उच्च क्वालिटी का घमंड हो चुका था, क्योंकि हाल ही में नगर निकाय के हुए चुनाव में उन्हें जबरदस्त सफलता मिली थी, सारे के सारे नेता-कार्यकर्ता जनाब के द्वार पर उनकी विकास गाथा लेकर, पहुंच चुके थे, उधर जनाबों के जनाब दिल्ली से इसका श्रेय रांची के कांके रोड में बैठे जनाब को दे रहे थे, वाह-वाह किये जा रहे थे, बेचारे जनाब की हरकतों से परेशान सामान्य भाजपा कार्यकर्ता मन मसोस कर रह गये थे, कि आखिर जो जनता जनाब से इतनी नाराज है, वह थोक के भाव से वोट नगर निकाय के चुनाव में कैसे दे दी? पर आज सामान्य भाजपा कार्यकर्ता बहुत खुश है, क्योंकि सिल्ली और गोमिया की जनता ने जनाब का घमंड चूर-चूर कर दिया है।
दिल्ली में बैठे जनाबों के जनाब तक इनकी इस करारी हार की खबर मिल चुकी है, क्योंकि दोनों सीट, एक पर तो जनाब ने अपने मित्र को समर्थन दिया था और दुसरे पर स्वयं किसी को लड़वा रहे थे, कई बार खुद भाषण देने के लिए गोमिया पहुंच चुके थे, खुब दिये जा रहे थे, कि आज तक उनके जैसा मुख्यमंत्री हुआ ही नहीं, जो विकास की गंगा बहाया हो, पर उसके बावजूद जनता को जनाब पर विश्वास नहीं हुआ और आज जनाब का चेहरा खिला हुआ नजर नहीं आ रहा, बेचारे मन मसोस रहे हैं, संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह का भी चेहरा उड़ा हुआ है, बेचारे रांची से जो लोग उनके पास जाते, यहीं कहते कि बस चुनाव तो औपचारिकता मात्र हैं, हम लोग जीत चुके है, पर ये क्या आज का चुनाव परिणाम तो बता रहा है कि भाजपा कहीं मुंह दिखलाने लायक नहीं, वह आज गोमिया में तीसरे स्थान पर चली गई।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश और उपाध्यक्ष आदित्य साहू बोलने से कतरा रहे है, आम कार्यकर्ता इन दोनों से परेशान है, क्योंकि भाजपा की जो आज स्थिति है, इसके लिए कुछ न कुछ इन्हें भी वे जिम्मेवार मानते है। भाजपा की गोमिया तथा सिल्ली में उसके द्वारा समर्थित प्रत्याशी की हुई करारी हार ने भाजपा को कही का नहीं छोड़ा है। एक भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सिल्ली व गोमिया में जो हार हुई है, वह दरअसल न तो नरेन्द्र मोदी की हार है और न भाजपा का, ये तो शत प्रतिशत रघुवर दास के अहंकार की हार है, झूठे विकास व वायदों की हार हैं तथा भाजपा कार्यकर्ताओं का बार-बार उनके द्वारा किये जा रहे अपमान का ये सुंदर परिणाम है।
भाजपा नेता रणविजय सिंह ने इस हार से दुखी होकर सोशल साइट फेसबुक के माध्यम से लोगों से पुछ डाला कि पेट्रोल का दाम 16 दिनों से बढ़ रहा है, घटना चाहिए कि नहीं? किसानों का गन्ना का बकाया है, मिलना चाहिए कि नहीं? मोदी जी के मंच पर विधायकों को रहना चाहिए कि नहीं? मोदी सरकार को क्या अपनों के कार्यकलापों से खतरा है? जवाब दें।
भाजपा नेता रणविजय सिंह ने दुखी होकर यह भी लिखा कि जो भाजपा के नहीं, उन्हें आप पास जारी करते हो और जो समर्पित है उन्हें बाहर का रास्ता दिखाते हो, मुख्यमंत्री याद रखे कि मतदाताओं ने आपको सीएम बनाया है, सिर्फ उन्हें याद रखिये। भ्रष्ट, चाटुकार सदैव हानिकारक होते है। रणविजय सिंह तो साफ कहते है कि बनना-बिगड़ना तो भ्रष्ट नेताओं का होना है? वे भाजपा के कार्यकर्ता बिंदास थे, हैं और रहेंगे।
ज्ञातव्य है कि हाल ही में जब धनबाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दौरा हुआ था, तब उस दौरे के दौरान मंच पर भाजपा के विधायकों को ही जाने नहीं दिया गया, यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को पास तक नहीं जारी किया गया, यहीं नहीं कई ऐसे-ऐसे लोगों को भाजपा नेता व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल द्वारा स्थानीय प्रशासन से कहकर भीआईपी पास दिलवा दिया गया, जो हमेशा से भाजपा के खिलाफ रहे, और जो सहीं मायनों में भाजपा के कार्यकर्ता थे, वे एक पास क्या, प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में जाने को तरस गये।
सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री कार्यालय हो या मुख्यमंत्री आवास या भाजपा कार्यालय सभी जगह कनफूंकवों की चलती है, चाटुकारों की चलती है, और जहां ये सब चलेगा, उस पार्टी का ये हाल होना ही है, चाहे वह पूरा प्रशासन लगा दें, या नोट की दरिया बहा दें, जो पार्टी अपने समर्पित कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं देगा, जो नेता अपने अहंकार में चूर रहेगा, जो यह कहेगा कि एको अहम् द्वितीयो नास्ति तो वह समझ ले कि अभी तो सिल्ली और गोमिया हाथ से निकला है, 2019 में पुरा झारखण्ड हाथ से निकल जायेगा, हालात ऐसे हो जायेंगे कि आप विपक्षी दल के नेता बनने के लायक भी नहीं रहेंगे।