BJP का नया पैंतरा, लाभार्थी सम्मेलन में आइये, भोज-भात खाइये और भाजपा के ऐहसानों तले दब जाइये
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अभी चुनाव की तिथि की घोषणा नहीं हुई हैं, पर भाजपाइयों को हार का डर अभी से सताने लगा हैं, इसलिए यह हार का डर जो न करा दें, देखिये न भाजपा वालों ने क्या-क्या करना शुरु कर दिया हैं? अभी मुख्यमंत्री रघुवर दास का जन-आशीर्वाद यात्रा खत्म भी नहीं हुआ, पर हार के भय ने इन्हें लाभार्थी सम्मेलन करवाने पर मजबूर कर दिया।
ये गांव-गांव, मुहल्ले-मुहल्ले भोज-भात के साथ लाभार्थी सम्मेलन करवा रहे हैं, और इस लाभार्थी सम्मेलन के माध्यम से यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने आम जनता को गैस, चुल्हा, वृद्धावस्था पेंशन, मुफ्त में मकान, गली-कूचियों में नाली और सड़क बनवा दिया, इसलिए उन्होंने जनता को लाभ दिया, जनता अब लाभार्थी हैं, और जनता के वोट पर सिर्फ उनका ही हक बनता है, इसलिए जब कभी भी उनके इलाके में विधानसभा का चुनाव हो, जनता उन्हें ही वोट दें, कमल का बटन दबाएं।
ये भाजपावाले लाभार्थी सम्मेलन इस प्रकार आयोजित कर रहे हैं, जैसे लगता है कि ये जनता पर बहुत बड़ा ऐहसान कर दिये हो, अरे भाई जनता का पैसा, जनता की सेवा में लगा, इसमें आपकी कौन सी बड़ी भूमिका हो गई? क्या आपके पहले जनता को पूर्व की सरकारों ने अपने ढंग से सेवा नहीं की थी, आपने ही पूरे राज्य का कायापलट कर दिया क्या?
कमाल है, आज ही रांची के चुटिया में महादेव मंडा के पास भाजपा की ओर से लाभार्थी सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें भाजपा के कार्यकर्ता व भाजपा के लिए काम करनेवाले ठेकेदारों ने बहुत सुंदर पंडाल बनाया था, मंच भी बहुत खुबसुरत बनाये गए थे, तथा भोज-भात की भी अच्छी व्यवस्था की थी। इस लाभार्थी सम्मेलन को संबोधित करने के लिए भाजपा नेता रवीन्द्र राय, नगर विकास मंत्री एवं इस इलाके के विधायक सी पी सिंह, भाजपा महानगर अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र मंच पर मौजूद थे।
सभी का स्वर एक ही था, भाजपा ने जो किया, आज तक किसी ने नहीं किया, जनता को इतना लाभ दिलवाया, इतना लाभ दिलवाया कि आज तक किसी ने वैसा लाभ नहीं दिलवाया, ये वहीं भाजपा हैं, जो कल तक सेवा की बात करती थी, इसके नेता पीएम मोदी खुद को प्रधान सेवक कहते आज भी नहीं थकते, आज इनके नेता व्यापारी की तरह पेश आ रहे थे, बता रहे थे लोगों को, हमने आपको दिया, अब आप हमको चुनाव के समय दें, कमल पर बटन दबाएं।
अब सवाल उठता है कि क्या भाजपा के नेता अपने पैसे से वृद्धावस्था पेंशन देते हैं, या गैस अथवा गैस का चुल्हा देते हैं या अपने घर के पैसे से सड़क या नालियां बनवाई (हालांकि इनके द्वारा बनाई गई सड़क व नालियों की क्या स्थिति हैं, वो सबको पता है, साथ ही ये कितना विकास किसका करते हैं, वो भी सबको मालूम हैं, पर इनसे बतकही कौन करें?) अरे जनता का पैसा, जनता को मिला, जनता टैक्स देती हैं, आप उस टैक्स का लाभ जनता को देते हैं, इसमें आप हैं कहां?
आप को तो जनता इसी के लिए चुना था, कि आप उसकी सेवा करेंगे, ये आप खुद को मठाधीश समझने की भूल कब से करने लगे, आप वोटों के सौदागर कब और कैसे बन गये, आप जनता पर ऐहसान किस बात का जताने लगे, अरे बंद करिये ये लाभार्थी सम्मेलन और ये भोज-भात, ये सब एक बेहतर लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं हैं, आप किसी पर ऐसा सम्मेलन कराकर, अभी से अपने पक्ष में माहौल बनाने का काम न करें। अब जो भी वक्त हैं, उस पर काम करें, क्या ये सही नहीं कि आज भी चुटिया में कई इलाके हैं, जहां लोगों को पानी तक नसीब नहीं, बिजली तक नहीं पहुंची, सड़क तक नहीं बनी हैं और लाभार्थी सम्मेलन कराकर खुद अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
क्या आपको नहीं पता कि एक लोकोक्ति हैं – नेकी कर दरिया में डाल, और आप नेकी तो की नहीं, आपने तो जनता के पैसे से ही मस्ती की, अपने लोगों को मस्ती करवाई, और जनता को कह रहे है कि हमने आपको लाभ दिलवाया और आप इस ऐहसान को भूलो मत, भाई ये तो बहुत ही शर्मनाक है।