जनप्रतिनिधियों की जगह IAS की ब्रांडिंग कराने में झारखण्ड के CM रघुवर दास सबसे आगे निकले
कितना अच्छा लगता होगा एक IAS अधिकारी को, जब उसकी ब्रांडिंग करने के लिए मुख्यमंत्री तैयार हो जाता होगा। वह मुख्यमंत्री उन IAS अधिकारियों की ब्रांडिंग के लिए अपने सोशल साइट के पेज तक उपलब्ध करा देता होगा। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के बड़े-बड़े अधिकारी तक उसके मुट्ठी में होंगे, और वे IAS अधिकारी वह काम करा लेते होंगे, जो राज्य के माननीय मंत्रियों तक को नसीब नहीं होता होगा। जी हां, ये सब हो रहा हैं, झारखण्ड में। अगर आपको इसकी जानकारी चाहिए, तो आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, सिर्फ मुख्यमंत्री रघुवर दास के पेज पर चले जाना है, और वह सब कुछ देखिये, जो आप कहीं भी नहीं देख पायेंगे। आश्चर्य इस बात की भी हैं कि ये लोग अपनी इस मूर्खता को दिखाने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी और अमित शाह तक को टैग कर देते हैं, मतलब हैं न, घोर आश्चर्य? जरा सोचिये. दिल्ली में बैठे इनके सोशल साइट को देख रहे लोग, जब ये सब देखते होंगे तो क्या सोचते होंगे?
मैं जब झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का पेज देखता हूं, तो हैरान रह जाता हूं कि ये मुख्यमंत्री है, जबकि इसके उलट बिहार या अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सोशल साइट पर उपलब्ध उनके पेजों को आप देखेंगे, तो ये सब आपको देखने को नहीं मिलेगा। आम तौर पर CM का पेज स्पेशली मुख्यमंत्री और उनसे संबंधित कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए होता है, पर झारखण्ड में अब IAS अधिकारियों के ब्रांडिंग के लिए भी CM का पेज स्पेशली उपयोग होने लगा हैं। अब जब मुख्यमंत्री ही अपने IAS की ब्रांडिंग कराने और अपने पेज को उनके लिए उपलब्ध कराने को तैयार हो, तो दूसरा किसकी मजाल जो मुख्यमंत्री को आइना दिखा दें।
हम आपको बता दें कि कल यानी 19 अगस्त को जमशेदपुर में राज्य सरकार 2ND GROUND BREAKING CEREMONY आयोजित करने जा रही है, जिसमें उनके दो IAS अधिकारी ताल ठोक रहें हैं कि राज्य सरकार पूरे राज्य में विकास की गंगा बहा दी है, जो 210 एमओयू किये थे, उसे धरातल पर उतार रहे हैं, और इस वाहवाही में वे ये भूल जा रहे हैं कि वे जनता के बीच क्या परोस रहे हैं? जरा देखिये इस होर्डिंग को, जो राज्य सरकार स्वयं बनाई है।
क्या कह रहा हैं? 70 कंपनियों का शिलान्यास समारोह।
क्या कह रहा हैं? ये कह रहा हैं – 70 कंपनियों का शिलान्यास समारोह।अब सरकार ये बताये कि जिन कंपनियों का वह शिलान्यास समारोह आयोजित करने जा रही है? उसका मतलब क्या हुआ? उसका मतलब यह हुआ कि वह कंपनियां अभी अस्तित्व में है हीं नहीं, क्योंकि उसका तो अभी शिलान्यास हो रहा है, और जब सरकार का विज्ञापन ही कह रहा हैं कि अभी शिलान्यास हो रहा है, तो फिर वो कौन लोग थे? कौन सी कंपनियां थी? जिसके साथ राज्य सरकार ने एमओयू कर लिया, भाई ये तो गजब हो गया, इन्हें विज्ञापन और होर्डिंग बनाने भी नहीं आता, जनता की आंखों में धूल झोंक रहे है, पता नहीं किस नमूने ने ये विज्ञापन बनाया और होर्डिंग की शक्ल दे दी।
राज्य सरकार की आरती उतारनेवालों में अखबार भी पीछे नहीं
प्रभात खबर का तो जवाब ही नहीं है, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने थोड़ी प्रभात कॉनक्लेव आयोजित करने में कोषागार का द्वार क्या खोल दिया, ये भी अनाप-शनाप दिये जा रहा हैं, जरा ये अखबार है, देखिये क्या कह रहा हैं? लिख दिया – 72 कंपनियों का शिलान्यास 19 को जमशेदपुर में करेंगे
सीएम और नीचे जब पढ़ेंगे, तब पता लगेगा कि 72 कंपनियों की आधारशिला रखेंगे, अरे भाई कुछ लिखने के पहले या किसी सीएम की आरती उतारने के पहले, ये तो समझ लो कि वहां कंपनियों की आधारशिला रखने सीएम नहीं जा रहे, जो एमओयू हुए है, उसे जमीन पर उतारने जा रहे हैं, एमओयू का बीजारोपण करने जा रहे हैं और इस बीजारोपण के बाद, वह एमओयू एक वटवृक्ष का रुप लेगा या नहीं, ये सवाल तो भविष्य के गर्भ में हैं, और एक बात ये भी जान लीजिये कि कंपनी तो रन कर ही रही हैं, तभी तो कंपनियां जमशेदपुर पहुंच रही हैं, इतनी भी बात आपलोगों को समझ नहीं आती। सीएम की दुलरुआ विज्ञापन कंपनी गड़बड़ कर रही हैं, समझ में आता है, पर आप अखबारवालों को क्या सूझ रही हैं? जो अनाप-शनाप दिये जा रहे हैं।
और अब बात इधर, राज्य के मुख्यमंत्री की
इन्हें केवल दो ही IAS, एक मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और दूसरे उद्योग सचिव सह मुख्यमंत्री के सचिव सुनील बर्णवाल ही पसंद हैं। उन्हें लगता है कि सारी अच्छाइयां सिर्फ इन्हीं दोनों में समाहित है, इसलिए इनकी एक भी बातों को नहीं टालते, चाहे राज्य का बंटाधार ही क्यों न हो जाये? चाहे अपनी जगहंसाई ही क्यों न हो जाये, मुख्यमंत्री को इससे कोई मतलब नहीं। जो काम करनेवाले अन्य IAS अधिकारी हैं, वे मौन-मुद्रा में हैं, वे कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, वे वक्त का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए वे सिर्फ सीएम की बातों में हां में हां मिला रहे हैं, क्योंकि वे जानते है कि इन्हें अच्छी बात कहना वर्तमान में बुरा बन जाना हैं, तो भला आ बैल मुझे मार की लोकोक्ति में क्यों पड़ें, वक्त का इंतजार करना ही सबसे अच्छा हैं।
बेचारे झारखण्ड के मंत्री
इधर IAS अधिकारियों की ब्रांडिंग, वह भी सीएम रघुवर दास द्वारा, रघुवर दास के ही सोशल साइटवाली पेज पर और उधर राज्य के मंत्रियों का समूह स्वयं एक अखबार और एक चैनल में ब्रांडिंग या विज्ञापन में आने के लिए तरस रहे हैं, इन मंत्रियों को बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हैं कि ब्रांडिंग/विज्ञापन में सिर्फ राज्य के सीएम ही दिखेंगे और दूसरे मंत्रियों को दिखने का आदेश नहीं हैं, पर IAS की ब्रांडिंग वह भी सीएम के सोशल साइटवाली पेज पर देखकर, फिलहाल सबकी बोलती बंद हो जा रही हैं। अब इसे क्या कहेंगे – सबका साथ, सबका विकास या सीएम का साथ और केवल दो IAS अधिकारियों के ब्रांडिंग का प्रयास।
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