भाई, यहीं उदारता राज्य की अन्य बेटियों पर क्यों नहीं दिखाता, झारखण्ड का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग
13 जुलाई को झारखण्ड का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग एक समाचार अपने विभागीय पोर्टल से प्रसारित करता है। जिसका प्रेस विज्ञप्ति संख्या 466/2019 हैं। यह समाचार राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रधान सचिव सुनील कुमार बर्णवाल की बेटी धृति बर्णवाल से संबंधित है। समाचार की हेडिंग है – आइये अन्तरिक्ष विज्ञान को मन का विषय बनाएं, सपने अपने अच्छे लगेंगे – धृति बर्णवाल।
आम तौर पर जिस भी राज्य में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग हैं, उसका मूल कार्य राज्य सरकार के क्रियाकलापों को जन-जन तक पहुंचाना, न कि राज्य सरकार के अधीन कार्यरत अधिकारियों या कर्मचारियों के परिवारों से संबंधित समाचारों के लिए विभागीय पोर्टल का इस्तेमाल करना, पर देश में शायद झारखण्ड ही एक ऐसा राज्य है, जहां की सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, विभाग में कार्यरत अधिकारियों की पत्नी और उनके बेटियों तक के लिए पोर्टल का इस्तेमाल कर लेता है।
ताजा उदाहरण, धृति बर्णवाल का हैं, जो बताया जाता है कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार बर्णवाल की बेटी हैं, उससे संबंधित समाचार को विभागीय पोर्टल पर स्थान दे दिया गया। अब सवाल उठता है कि एक तो यह कार्य ही पूरी तरह से गलत है, और जब आपने गलत को ही सत्य रुप में प्रतिस्थापित कर दिया है तो फिर आप अन्य अधिकारियों की बेटियों और पत्नियों तथा राज्य में रह रहे अन्य सामान्य जनों की बेटियों/पत्नियों के लिए यह विभागीय पोर्टल क्यों नहीं उपयोग में आ रहा, अरे भाई सामान्य लोगों ने कौन सा पाप कर दिया, जिसका फायदा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के पोर्टल का वे नहीं उठा रहे।
राजनैतिक पंडितों तथा विभागीय गतिविधियों के जानकारों का कहना है कि यह तो सीधा विभागीय पोर्टल का दुरुपयोग है और अनैतिकता की पराकाष्ठा है, इस पोर्टल से केवल राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यपाल या विभागीय मंत्रियों अथवा विभाग से संबंधित अधिकारियों और उनसे जुड़ी समाचार का ही संप्रेषण हो सकता है, न कि कोई अधिकारी जो जवाबदेह जगह पर हैं और वह अपनी संतानों/परिवारों के लिए इस पोर्टल का उपयोग कर ले, इस अनैतिकता को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता, पर चूंकि झारखण्ड अपने आप में भ्रष्टाचार व अनैतिकता की एक प्रयोगस्थली है।
आप कुछ भी भ्रष्टाचार कर लें, आपको कुछ नहीं हो सकता, अगर भाजपा या सरकार में हैं तो फिर शत प्रतिशत मान लीजिये, आप गलत करने के बावजूद भी फायदे में रहेंगे, और विपक्ष में हैं तो फिर आपकी खैर नहीं, आप को उसका दंड अवश्य मिलेगा, भले ही वह पाप आपने किया हो अथवा नहीं, फिलहाल इस दुरुपयोग का मजा लीजिये और सोचते रहिये कि झारखण्ड कैसे अनैतिकता की पराकाष्ठा तक पहुंच चुका है?