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नवोदित कहानीकारों और कवियों को मिला मंच, श्रेन्या सोनी की पहल पर प्वाइट्स ऑफ जमशेदपुर की हुई लॉन्चिंग

जमशेदपुर के कदमा स्थित स्टारबक्स में एक अत्यंत ही यादगार शाम में कॉफी की चुस्कियों के बीच प्वाइट्स ऑफ जमशेदपुर की लॉन्चिंग हुई। श्रेन्या सोनी की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम में मशहूर लेखक सह प्रकाशक अजिताभा बोस बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। उन्होंने शमिता आहूजा, प्रिया एंथनी, अरुप घोष, निशि सोनी व अशोक सोनी के साथ मिलकर प्वाइट्स ऑफ जमशेदपुर के बैनर का अनावरण किया। उसके बाद अजिताभा ने बतौर लेखक व प्रकाशक अपनी यात्रा की चुनौतियों को साझा किया।

कार्यक्रम का आयोजन युवाओं ने किया, मगर यहां मौका हर उम्र के लिए था। नई पीढ़ी का साहित्य प्रेम देखते ही बना जहां लगभग उपस्थित पचास लोगों में से ज्यादातर युवा थे। अब जमशेदपुर के नवोदित कहानीकारों और कवियों के लिए एक नया मंच मिल गया है। जिसके बैनर तले वे अपनी रचनाओं को अभिव्यक्त करेंगे।

कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार सह कहानीकार अन्नी अमृता ने अपनी पुस्तक “मैं इंदिरा बनना चाहती हूं” की एक कहानी ‘अनकहा ब्रेकअप’ के एक अंश को पढ़ा – “न लगा सकेगा ये जमाना इश्क पर इल्ज़ाम, हम छुप छुप कर जो वफा करते हैं” वहीं युवा इप्सिता सिन्हा, शमिता आहूजा, निशि सोनी, रिया अग्रवाल, प्रेम और एसजी रॉय ने भी अपनी रचनाएं पढ़ीं और लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम की आयोजक सह संचालक श्रेन्या सोनी ने कहा कि यह तो शुरुआत है, आगे ऐसे लगातार आयोजन संचालित करने की उनकी योजना है जहां ऐसे ही रचनात्मक अभिव्यक्ति करनेवाले जुटेंगे। आज की तेज भागदौड़ वाली जिंदगी में जरुरी है कि थोड़ा ठहरें और खुद के साथ व औरों के साथ संवाद करें। दरअसल प्वाइट्स ऑफ जमशेदपुर मूल रुप से प्वाइट्स ऑफ नोएडा का विस्तार है। 2018 में रवि विश्वकर्मा व अभिषेक ने प्वाइट्स ऑफ जमशेदपुर की शुरुआत की थी जिसका आगे चलकर बैंगलोर, मुंबई, कोलकाता और दिल्ली तक विस्तार हुआ और अब जमशेदपुर में इसकी शुरुआत की गई है।