राजनीति

हमनें सदियों से शोषित-वंचितों को उनका हक-अधिकार दिलाकर उन्हें भरोसा दिलाया कि झारखण्ड के विकास में उनकी भी बराबर की भागीदारी हैः हेमन्त सोरेन

मोराबादी मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में उनकी सरकार ने गांव-गांव, घर-घर पहुंचकर जनसमस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया है, उनके लिए योजनाएं और नीतियां बनाई है। सदियों से शोषित और वंचितों को उनका हक-अधिकार दिलाकर उन्हें यह भरोसा दिलाया है कि झारखण्ड के विकास में उनकी भी बराबर की भागीदारी है।

उन्होंने कहा कि विकास के रास्ते में कोरोना महामारी के कारण इस आपदा से निकलने में उन्हें डेढ़ से दो साल लग गये। निहित स्वार्थ से प्रेरित कुछ विकास विरोधी तत्वों द्वारा झारखण्ड के विकास के रास्ते में बार-बार परेशानियां खड़ी करने का कुत्सित प्रयास किया गया। उसके बावजूद भी हम डटे रहे। उन्होंने कहा कि कि अगर इरादा मजबूत, दिल में विश्वास, नीयत में ईमानदारी हो तो दुनिया की कोई ताकत आपको झूका नहीं सकती।

उन्होंने कहा कि अब झारखण्ड की फिजाएं बदल रही है। हमारी सरकार अबुआ आवास योजना के जरिये गरीबों को तीन कमरों का पक्का मकान, 35 लाख जरुरतमंदों को पेंशन, 20 लाख लोगों को राशन और 57 लाख लोगों को दो बार वस्त्र प्रदान कर रही है। ऋण के बोझ से दबे किसानों को झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना के माध्यम से राहत पहुंचाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना और मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आर्थिक रुप से सशक्त बनाया जा रहा है। झारखण्ड की महिलाओं को फूलो झानों आशीर्वाद अभियान, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना, सखी मंडल और पलाश ब्रांड के जरिये उन्हें सशक्त बनाया जा रहा है। सावित्री बाई फूले किशोरी समृद्धि योजना के अंतर्गत आठ लाख से अधिक किशोरियों को आर्थिक मदद की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अभी-अभी एक झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत की है। जिसमें 21 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं को 1000 रुपये की प्रतिमाह आर्थिक मदद दी जायेगी। जिससे 48 लाख महिलाएं लाभान्वित होंगी। उन्होंने कहा कि उनकी नजर श्रमिकों पर भी है। हाल ही में कैमरुन में फंसे 27 श्रमिकों को सकुशल घर वापसी कराया है।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में फंसे झारखण्ड के श्रमिकों को उनके परिजनों तक पहुंचवाया है। लम्बे समय से नौकरी के लिए भटक रहे युवाओं को भी पोस्ट ग्रेजुएट प्रशिक्षित शिक्षकों, चिकित्सक, असिस्टेंट टाउन प्लानर, सहायक अभियंता, कृषि पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, पशु चिकित्सक, लिपिक, पंचायत सचिव, अकाउंटेंट, प्रयोगशाला सहायक, ए ग्रेड नर्स, कनीय अभियंता, दंत चिकित्सक आदि पदों पर नौकरियां दिलवाई है।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 35000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रियाधीन है। जिसे अक्टूबर 2024 में पूरा कर लिया जायेगा। इसमें मुख्य रुप से उत्पाद सिपाही, आरक्षी, सहायक आचार्य, महिला पर्यवेक्षकों आदि पदों पर नियुक्ति की जानी है। जेपीएससी द्वारा 11-13 वीं सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया भी अंतिम चरणों में हैं, जल्द ही 342 पदों पर नियुक्ति हेतु परीक्षाफल प्रकाशित कर दिये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि जो युवा स्वरोजगार करना चाहते हैं। उनके लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना भी चलाया जा रहा है। झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 लागू किया गया है, जिसके तहत 40,000 रुपये तक मासिक वेतन या मजदूरी पानेवाले पदों के विरुद्ध 75 प्रतिशत पद पर स्थानीय निवासियों की नियुक्ति की जानी है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा की रोशनी से झारखण्ड की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए राज्य में 80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस संचालित है। अब सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यमों से गुणवतापूर्वक शिक्षा बच्चों को मिल रही है। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए माध्यमिक विद्यालयों में 12809 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक तथा प्लस टू विद्यालयों में 2509 स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों और 543 प्रयोगशाला  सहायकों की नियुक्ति की कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पारा शिक्षकों, आंगनवाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं, रसोइया दीदी, मनरेगाकर्मी, होमगार्ड जवान, प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी आदि पदों पर कार्यरत लाखों अनुबंधकर्मियों की मांगों पर विचार करते हुए उनके मानदेयों में 50 से 100 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। राज्य के एससी-एसटी, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सरकारी खर्च पर विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी वे काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शैक्षणिक उत्कृष्टता हेतु मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना का शुभारम्भ इसी वर्ष किया जा रहा है। कमजोर वर्गों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने के लिए उनकी सरकार ने मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना भी चालू  की है। इस योजना के अंतर्गत लाभुकों को प्रतिवर्ष, प्रति परिवार 15 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत 70 पुलों के निर्माण का लक्ष्य था, जिसमें 24 पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया है। वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत 62.48 लाख ग्रामीण परिवारों को नल-जल के द्वारा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 33 लाख से अधिक परिवारों को इस योजना से आच्छादित किया गया है।

उन्होंने कहा कि अब हम राज्य के उपभोक्ताओं को 125 यूनिट के स्थान पर 200 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली प्रदान करने जा रहे हैं। जिससे राज्य के 41 लाख से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। झारखण्ड मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के माध्यम से अब तक 572 ग्रामीण मार्ग अधिसूचित किये गये हैं तथा उन ग्रामीण मार्गों पर कुल 92 बसों को परमिट निर्गत किया जा चुका है। हमनें वन संरक्षण में भी बड़ा काम किया है। आज भौगोलिक क्षेत्रफल इसका 34 प्रतिशत हो गया है। इको टूरिज्म के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर भी पर्यटकीय दृष्टिकोण से सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में विकास मूलमंत्र, आधार मूलमंत्र के दृष्टिकोण को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए प्रगतिशील सोच के साथ विकास के राह पर आगे बढ़ना है। जनता की सहभागिता एवं रचनात्मक सहयोग से हम झारखण्ड के नव-निर्माण के रास्ते आनेवाली हर चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।