“न हम समस्या पालते हैं और न टालते हैं” कहकर PM मोदी ने पाकिस्तान और यहां के विपक्ष को बढ़िया से समझा दिया
लालकिले के प्राचीर से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंहगर्जना कर दी, और लगे हाथों धारा 370 का जिक्र कर भारत के विपक्षी दलों के उन नेताओं, घड़ियाली आंसू बहा रहे तथाकथित बुद्धिजीवियों और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बढ़िया से समझा दिया कि वे उन नेताओं में से नहीं जो समस्याओं को पालते हैं या टालते हैं, वे तो समस्याओं को सदा के लिए समाप्त कर देने में ज्यादा विश्वास रखते हैं।
ऐसे भी आज देश की जनता और हमारा पड़ोसी पाकिस्तान यह जानने को बेचैन था कि आज भारत के प्रधानमंत्री जम्मू–कश्मीर पर क्या बोलते हैं, और लीजिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी वही कहा, जो भारत की जनता सुनना चाहती थी, जैसे ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह कहा कि “न हम समस्या पालते हैं और न टालते हैं” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दिल्ली में भाषण सुन रहे लोग ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न कोनों में विभिन्न माध्यमों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण सुन रहे सभी देशवासियों ने करतल ध्वनि से उक्त संबोधन का अभिवादन किया और खुद को भरोसा दिलाया कि भारत पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ज्यादा सुरक्षित है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट किया धारा 370 को हटाने के लिए जिस प्रकार लोकसभा और राज्यसभा में दो तिहाई सदस्यों ने रुचि दिखाई, वह इस बात का संकेत था कि उनके दिलों में भी कही न कही यह बात घर कर गई थी कि ये आर्टिकल 370 ही जम्मू–कश्मीर के विकास में बाधा है और लोगों ने यहां तक की विपक्ष के कई साथियों ने भी इसे हटाने में सरकार की मदद की। उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे भरोसा रखें, जिस काम को करने के लिए उन्होंने उन्हें भेजा है, वहीं काम उनके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले के प्राचीर से ही उन विपक्षियों के उपर कड़ा प्रहार किया और पूछ डाला कि जब धारा 370 इतना ही उपयोगी और महत्वपूर्ण था, तब जब उन्हें अपार बहुमत मिला तो उसे अस्थायी की जगह पर स्थायी करने का प्रयास क्यों नहीं किया, और जब हम सुधार कर रहे हैं, समस्या खत्म कर रहे है, तो आप अंगूलिया उठा रहे, दरअसल काम तो आप भी करना चाहते थे, पर आपमें सुधार करने की हिम्मत नहीं थी, और हमने करके दिखा दिया, क्योंकि पीएम मोदी के लिए देश का भविष्य ज्यादा महत्वपूर्ण है न कि उनका राजनीतिक भविष्य।
इधर धारा 370 को लेकर पाकिस्तान अपने यहां ब्लैक डे मना रहा है, पाकिस्तान ब्लैक डे मनाते रहे, उससे हमें क्या? वह ब्लैक डे मनाने के लिए ही पैदा हुआ है, क्योंकि जिस देश में महंगाई आकाश के पार जा चुकी है, जहां रुपये का अवमूल्यन इस प्रकार हो रहा है कि उसके पास कर्ज चुकाने तक को पैसे नहीं, बल्कि स्थिति ऐसी है कि उसे कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेने पड़ रहे हैं, आजादी के 72 साल बाद उसकी ऐसी स्थिति है कि कोई देश उसकी बात तक सुनने को तैयार नहीं।
यहां तक की जिस चीन की बदौलत वह कूदता है, वह भी किंकर्तव्यविमूढ़ है, इसलिए वह जब तक जीवित है, या नक्शे पर है, ब्लैक डे मनाता रहे, क्योंकि जो दूसरों के लिए तबाही का बीज बोता है, उसे ब्लैक डे मनाने का ही अधिकार है, न कि उसे स्वतंत्रता दिवस मनाने का, और रही बात भारत पर आंख उठाकर देखने की, तो थोड़ा 1948, 1965, 1971 और करगिल भी देख लें, कहीं ऐसा न हो कि पीएम मोदी और भारत को सबक सिखाने की चक्कर में पूरा पाकिस्तान का मुंह ही नहीं काला हो जाये।