भाजपा को घूसखोर और बैलेट चोर की संज्ञा देते हुए सुप्रियो ने EC से पूछे सवाल, भाजपा के एकाउंट में पड़े 6500 करोड़ रुपये को चुनाव आयोग सीज क्यों नहीं कर रहा?
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कल जो सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया है और इसके दो दिन पूर्व जो फैसला आया था, वो दोनों फैसला ऐतिहासिक था। इस फैसले से यह सिद्ध हो गया कि जो घूस की राशि भाजपा के खाते में ज्यादा जाती है, वो घूस की राशि अवैध है और दूसरा जो बैलेट चोरी द्वारा अपनी सत्ता को कायम रखने का काम जो ये कर रहे हैं, वो असंवैधानिक है। मतलब घूसखोर और बैलेटचोर भाजपा का नया नामकरण सर्वोच्च न्यायालय ने किया।
सुप्रियो ने कहा कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव को पूरे देश ने 30 जनवरी को देखा था कि वहां किस प्रकार पीठासीन पदाधिकारी बैलेट पेपर चोरी करता है। दरअसल यह पूरा प्रकरण भाजपा का पायलट प्रोजेक्ट था, क्योंकि आनेवाले लोकसभा चुनाव में इसका वे इस्तेमाल करनेवाले थे, जो फेल हो गया। भाजपा का बार-बार ये कहना कि 370 और अब 400 पार, अब इसकी कलई खुल गई। सुप्रियो ने कहा कि आज ही चुनाव आयोग, पटना में प्रेस और पॉलिटिकल पार्टियों से बातचीत कर रहा था। जिसका चुनाव आयोग सटीक जवाब नहीं दे रहा था। इवीएम और वीपीपैट के पर्चें पर उनका क्या मंतव्य हैं, वे बता नहीं पाये।
सुप्रियो ने कहा कि भाजपा के एकाउंट में 6500 करोड़ पड़े हैं, आखिर चुनाव आयोग उसको सीज क्यों नहीं कर रही? खासकर इन्फोर्समेंट इलेक्टरेट इस पर अपना स्टैंड क्यों नहीं क्लियर कर रहा? चंडीगढ़ के मेयर का चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं था। यह चुनाव पहला चुनाव था, जब एनडीए के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने अपना उम्मीदवार दिया था। जहां 36 में से 20 वोट इंडिया गठबंधन के थे। इस छोटे से चुनाव में जिस प्रकार मोदी का इंट्री हुआ। जो बता दिया – ‘भाजपा का इरादा, मोदी का प्यादा’ उससे चोरी पकड़ी गई।
सुप्रियो ने कहा कि चुनाव पूर्व, चुनाव के नतीजों का दावा, आखिर इस मुद्दे पर चुनाव आयोग गूंगा क्यों है? ये जो प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार करेंगे और उसके लिए आधे घंटे पहले और बाद में नो फ्लाइंग जोन के कारण विपक्ष जो चुनाव प्रचार नहीं कर पायेगा, उसके लिए चुनाव आयोग क्या कर रहा है?