राजनीति

CM हेमन्त को चुनौती, आप वाकई गंभीर हैं, तो विधानसभा की अवमानना एवं विशेषाधिकार हनन करनेवाले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को पहले बदलिये

राज्य के बहुचर्चित विधायक सरयू राय की एक ट्विट कल दे रात से चर्चा में हैं। टिव्ट है – अपनी सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि वे स्वास्थ्य एवं शिक्षा को प्राथमिकता देंगे, बधाई। आप वाकई गंभीर हैं, तो नियम कानून की धज्जी उड़ाने, दोषियों को बचाने, भ्रष्ट आचरण करने, विधानसभा की अवमानना एवं विशेषाधिकार हनन करनेवाले स्वास्थ्य मंत्री को पहले बदलिये

भाई बात तो सही है, केवल बयान देने से क्या होगा?  अगर आप सही में स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग की कायापलट करना चाहते हैं तो आपको ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी ही होगी, जो इसके जिम्मेदार है और प्रथम दृष्टया तो साफ पता चल जाता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है? सरयू राय ने टिव्ट के माध्यम से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर जो आरोप लगाया है, उसके सारे सबूत उनके पास हैं, सबूत तो विधानसभा में मंत्री द्वारा दिये गये भ्रमित बयान भी है, जिससे पता चलता है कि राज्य में स्वास्थ्य विभाग किस हाल में हैं?

अपने टिव्ट के माध्यम से सरयू राय ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को भी इशारों ही इशारों में बता दिया कि उनकी कथनी और करनी में अंतर है, तभी तो उन्होंने अपने टिव्ट में “वाकई” शब्द का इस्तेमाल करते हुए कह दिया कि आप वाकई गंभीर हैं, तो नियम कानून की धज्जी उड़ाने, दोषियों को बचाने, भ्रष्ट आचरण करने, विधानसभा की अवमानना एवं विशेषाधिकार हनन करनेवाले स्वास्थ्य मंत्री को पहले बदलिये।

अब सवाल उठता है कि राज्य के मुख्यमंत्री को इतनी हिम्मत है कि बन्ना गुप्ता से इस्तीफे मांग लें। क्या वे ऐसा कर कांग्रेस को नाराज करना चाहेंगे, क्योंकि बन्ना गुप्ता तो कांग्रेस के कोटे से मंत्री बने हैं,  और कांग्रेस से मंत्री कौन होगा, ये तो कांग्रेस डिसाइड करेगी, पर सरयू राय के इस टिव्ट ने तो ये भी साफ कर दिया कि कांग्रेस के कोटे से बने मंत्री के असली इरादे क्या है? वे जनता के प्रति समर्पित है या स्वयं के प्रति।

राजनीतिक पंडितों की मानें, तो सरयू राय ने ऐसा ट्विट कर साफ कर दिया कि स्वास्थ्य व शिक्षा को नीचे लाने में अगर किसी का हाथ हैं तो वे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का ही हाथ हैं और जब तक उन्हें बदला नहीं जाता, राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का बयान भी सवालों के घेरे में हैं। ऐसे भी राज्य में अगर कोई मंत्री सर्वाधिक विवादों में रहा हैं तो वे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ही है।