अपनी बात

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की संवेदनशीलता काम आई, कैमरून से सभी 47 श्रमिकों की हुई सुरक्षित वापसी, नियोजकों के खिलाफ हुई कार्रवाई, सभी श्रमिकों को राज्य की कल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ने के आदेश

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर कैमरून में फंसे झारखण्ड के श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो रही है। इस क्रम में एक बार फिर गुरुवार को 27 श्रमिकों की सुरक्षित वापसी हुई। शेष 08 श्रमिक 3 जनवरी 2025 की सुबह बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचेंगे। ज्ञातव्य है कि कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों में से 11 श्रमिकों की वापसी 29 दिसंबर 2024 को हुई थी। इसके बाद गुरुवार को 27 श्रमिकों को सुरक्षित लाया गया था। शेष श्रमिक भी भारत पहुंच चुके हैं। लेकिन ये सभी शुक्रवार की सुबह झारखण्ड पहुंचेंगे।

झारखण्ड के हजारीबाग, बोकारो तथा गिरिडीह के 47 श्रमिक सेंट्रल वेस्ट  अफ्रीका के कैमरून में M/s Transrail Lighting Limited के माध्यम से अगस्त 2024 से कार्यरत थे, जिन्हें वेतन भुगतान और कंपनी द्वारा अच्छा व्यवहार नहीं किए जाने की जानकारी मुख्यमंत्री को प्राप्त हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया था।

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए श्रमिकों और संबंधित कंपनी से संपर्क कर मामले का सत्यापन किया । प्राप्त शिकायत के आधार पर सचिव एवं श्रमायुक्त के निर्देशानुसार संबंधित जिलों के श्रम अधीक्षकों  ने नियोजकों/नियोक्ताओं और बिचौलियों (मिडिलमैन) के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया है।

कंट्रोल रूम की टीम लगातार ई-मेल और फोन के माध्यम से अधिकारियों, कंपनी एवं श्रमिकों से संपर्क करते हुए श्रमिकों का कुल 39,77,743 बकाया रुपये का भुगतान कराया। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की वापिस के बाद विभागीय सचिव को इन श्रमिकों का पारिवारिक विवरण संग्रह कर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से संबद्ध करने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के उपरांत सभी संबंधित श्रम अधीक्षक श्रमिकों का विवरण प्राप्त कर उन्हें योजनाओं का लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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