बाबूलाल मरांडी ने न्यूयार्क टाइम्स के रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी से पूछा न्यूजक्लिक से उनका कैसा रिश्ता? दूसरी ओर झामुमो समेत अन्य भाजपा विरोधी पार्टियों पर भी साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का टिव्ट आज तीन मुद्दों पर केन्द्रित रहा। पहले मुद्दे में कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी, न्यूजक्लिक और चीन छाया था, जबकि दूसरे मुद्दे में राजस्थान, बिहार, बंगाल, झारखण्ड में हो रही हत्याओं, बलात्कार, खनिज संपदा की लूट व कर्नाटक व हिमाचल में बढ़े रहे आर्थिक संकट तथा तीसरे मुद्दे में झारखण्ड में हो रहे आदिवासी महोत्सव में चल रहे प्रचार-प्रसार पर केन्द्रित रहा।
बाबूलाल मरांडी ने इन तीनों मुद्दों पर जमकर सबकी खिंचाई की। सवाल दागे। बाबूलाल मरांडी का इन मुद्दों पर ट्विट के माध्यम से आक्रोश साफ दिखाई पड़ा। उनका कहना था कि न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट ने तो राहुल गांधी, न्यूज क्लिक व चीन के संबंधों की कलई खोल कर रख दी। भारत के हितों का नुकसान पहुंचाने व देश को अराजकता में धकेलने की कोशिश इससे स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है। बाबूलाल मरांडी का तीन ट्विट क्रमानुसार इस प्रकार है।
“न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि चीन की कम्युनिष्ट पार्टी (CPC) ने अपने प्रोपोगेंडा फैलाने के लिए नेविल रॉय सिंघम (Neville Roy Singham) को पैसे दिए। सिंघम ने अपने प्रोपोगेंडा वेबसाइट NewsClick के जरिए चीन के हितों को ध्यान में रखकर प्रोपोगेंडा फैलाया। इस वेबसाइट ने भारत के हितों को नुकसान पहुंचाया।
देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश की। अब राहुल गांधी जवाब दें कि NewsClick के साथ उनका क्या रिश्ता है? कांग्रेस जवाब दे कि आखिर डोकलाम विवाद के वक्त राहुल गांधी चीनी डिप्लोमैट्स से क्यों मिलने गए थे? क्या राहुल गांधी के चीनी दौरे के दौरान उन्हें Neville Roy Singham से नहीं मिलवाया गया था?”
“विपक्षियों की आपसी सहमति। राजस्थान की धरती लहूलुहान है, उसपर मौन रहेंगे। बिहार में जंगलराज की दस्तक है, चुप रहेंगे। बंगाल में लोकतंत्र बंधक है, खामोश रहेंगे। झारखंड हत्या, बलात्कार, खनिज सम्पदा और ज़मीन की लूट और अपराध की पीड़ा से कराह रहा है, नहीं बोलेंगे। कर्नाटक और हिमाचल में बड़ा आर्थिक संकट है, सब अच्छा है कहकर टाल देंगे। सिर्फ़ ये लोग झारखंड, झारखंडियों और देश को मिलकर लूटने की योजना पर काम करेंगे।”
“आदिवासी महोत्सव की झलकियों के नाम पर रांची की सड़कों पर सिर्फ़ “पिता – पुत्र” की झलकियां दिख रही है। सत्ता के अहंकार में चूर सोरेन राज परिवार झारखंड के वीर सपूतों और महान क्रांतिकारियों का भी तिरस्कार करने लगा है। याद रखिए, अहंकार का अंत निश्चित है।”