सीएम रघुवर दास के साथ चलकर, ससुरालवाद का आनन्द लीजिये
अभिनन्दन करिये, मुख्यमंत्री रघुवर दास का, जिन्होंने अपने सचिव सुनील कुमार बर्णवाल को सचिव से प्रधान सचिव का प्रभार दे दिया, यही नहीं इसी सुनील कुमार बर्णवाल की पत्नी ऋचा को सरकार के कई विभागों का कानूनी सलाहकार बनवा दिया और बचे सुनील कुमार बर्णवाल के ससुर यानी डा. त्रिभुवन प्रसाद बर्णवाल तो उन्हें झारखण्ड स्टेट फार्मेसी कौंसिल का अध्यक्ष बना दिया यानी पारिवारिक समरसता को आगे बढ़ाने में हमारे राज्य के मुख्यमंत्री ने इतनी ईमानदारी दिखाई का सारा लाज-शर्म सब धोकर पी गये। अब सवाल उठता है कि इस राज्य में कानूनी सलाहकार बनने या फार्मेसी कौंसिल का अध्यक्ष बनने की योग्यता कोई नहीं रखता।
पहले तो ये सब परिवारवाद-सुसरालवाद राजनीति में दिखाई पड़ता था, अब ये आईएएस/आईपीएस लोगों में भी घुस गया है, ये अब अपनी पत्नी और अपने ससुर तक का ख्याल रखने लगे हैं, और इसमें सहयोग देने में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास भी विशेष भूमिका निभा रहे हैं, हो भी क्यों नहीं, अपने लोगों को इतनी छूट देने का अधिकार तो राज्य के मुख्यमंत्री को है ही। भले ही इसके लिए कोई कुछ भी बोले, राज्य के मुख्यमंत्री को इतना विशेषाधिकार तो जरुर है कि अपने सचिव का विशेष रुप से ख्याल रखे, इसलिए उन्होंने कर दिया, इसमें किसी को दिक्कत भी नहीं होना चाहिए।
कहने का तात्पर्य है कि जब राज्य में इस प्रकार से बहाली या नियुक्तियां होगी तो फिर मुख्यमंत्री द्वारा पारदर्शिता, ईमानदारी, बेहतर सरकार का दिखावा करने का ढोंग क्यों? खुलकर बोलिये कि हम भी वहीं हैं, कुछ मामलों में तो उनसे भी बढ़कर हैं, इसलिए हे आईएएस/आईपीएस अधिकारियों अगर आपके घर में भी आपकी पत्नी या ससुर या दामाद या कोई भी अक्लमंद व्यक्ति हो तो आप हमारे सीएम होने का फायदा उठाइये, मस्ती में जीये, मस्ती में रहे, आपका दास, यानी रघुवर दास। सबका साथ, सिर्फ आपका विकास।