CM हेमन्त ने मीडिया कप से दूरियां बनाकर मीडिया से जुड़े स्वयं को धुरंधर कहलाना पसन्द करनेवाले स्वयंभू पत्रकारों को उनकी हैसियत बता दी
पूरी राजधानी में खासकर खेल, राजनीति व मीडिया से जुड़े लोगों के बीच एक ही वाक्य जुबां पर है, वह वाक्य है – “CM हेमन्त ने मीडिया कप से दूरियां बनाकर मीडिया से जुड़े स्वयं को धुरंधर कहलाना पसन्द करनेवाले स्वयंभू पत्रकारों को उनकी हैसियत बता दी।” ज्ञातव्य है कि टाटा स्टील के सौजन्य से रांची प्रेस क्लब ने मीडिया कप का आयोजन किया था, जिसमें रांची प्रेस क्लब से जुड़े सदस्यों ने कई टीमों को बनाकर आपस में कई मैच मेकॉन स्टेडियम में खेलें।
जिसमें रांची से प्रकाशित विभिन्न अखबारों/चैनलों/ पोर्टलों के संपादकों/प्रबंधकों/निदेशकों की प्रमुख भूमिका रही। रांची से प्रकाशित इन विभिन्न अखबारों/चैनलों/ पोर्टलों के संपादकों/प्रबंधकों/निदेशकों को घमंड था कि चूंकि जैसे वे टाटा स्टील को अपने मीडिया कप के लिए मना लिया और उनसे धन आवंटित करवा लिये, ठीक उसी प्रकार वे मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को भी अपने फाइनल के दिन स्टेडियम में बुलाकर वाहवाही करा लेंगे।
फिर क्या था, रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र की अध्यक्षता में क्लब के अधिकारियों और अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मिलने 25 फरवरी को झारखण्ड विधानसभा के मुख्यमंत्री कक्ष पहुंच गये। वहां जाकर इन सबने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को निमंत्रण दिया, फोटो खिंचवाई और फिर उसे अपने-अपने स्पोर्टस पेज पर इस समाचार को फोटो समेत प्रकाशित भी कराया और लोगों को सूचना दी कि मुख्यमंत्री मीडिया कप के फाइनल में मेकॉन स्टेडियम में उपस्थित रहेंगे।
यह सूचना अखबार में समाचार के माध्यम से एक नहीं कई बार प्रकाशित कराये गये, आप कह सकते है कि ढोल बजाकर लोगों को बताये गये, लेकिन हुआ उलटा, मेकॉन स्टेडियम में मीडिया कप का फाइनल तो हुआ, टाटा स्टील के मठाधीश तो पहुंचे, पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन उपस्थित नहीं हुए और यही बात चर्चा में आ गई।
कमाल है, यही मीडिया के लोग, जो हर छोटी-खबरों को स्पोर्टस पेज पर देते थे, मीडिया कप के फाइनल मैच की खबर को स्पोर्ट्स पेज से हटाकर आज सामान्य पेज पर समाचार को बिखेर दिया, ज्यादा जानकारी के लिए आप दैनिक भास्कर व प्रभात खबर के आज का अंक निकाल लें, पता चल जायेगा। हां, दैनिक भास्कर ने टाटा स्टील के मठाधीशों का गुणगान करते हुए, एक समाचार अलग से छापी कि नरेन्द्र ने उस कार की सवारी की जिसमें बापू बैठे थे, साथ ही इन लोगों के साथ इसकी सवारी प्रभात खबर के संपादक ने भी की, फोटो भी छापे।
अब सवाल उठता है कि आखिर इतना पापड़ बेलने के बावजूद, इतनी आवभगत करने के बावजूद मुख्यमंत्री मीडिया कप के फाइनल का अवलोकन करने क्यों नहीं पहुंचे, इसका जवाब न तो मीडिया कप का आयोजन करने-करानेवालों के पास हैं और न ही बड़े-बड़े मठाधीश पत्रकारों के पास। पर जनता तो जान गई कि इन संपादकों/पत्रकारों की कोई हैसियत राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के पास नहीं हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री भी इनकी हैसियत 2019 के झारखण्ड विधानसभा चुनाव में देख चुके हैं।
जब ये सभी हर-हर रघुवर, भर-भर रघुवर, जय-जय रघुवर चिल्ला रहे थे, उस वक्त जनता हेमन्त को सत्ता सौंपने के लिए बेकरार थी, जिसका इल्म सिर्फ एक ही के पास था, जिसने खुलकर उस समाचार को प्रकाशित भी किया, आप सभी जानते ही होंगे। इधर इन संपादकों/पत्रकारों ने जिस प्रकार के समाचार छापने शुरु किये हैं, और उसके बाद माफी मांगनी शुरु की हैं, यह भी एक कारण रहा है कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस प्रकार के आयोजनों से खुद को अलग रखा।