श्रीरामनवमी के अवसर पर CM हेमन्त पहुंचे तपोवन मंदिर, ‘श्रीरामदरबार’ के आगे सर झुकाया, मांगा आशीर्वाद, लगवाए ‘जयश्रीराम’ के नारे
श्रीरामनवमी के शुभ अवसर पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ रांची के अतिप्रतिष्ठित तपोवन मंदिर पहुंचे। वहां अधिष्ठापित श्रीरामदरबार के आगे सर झूकाया। राज्य की प्रगति व सेवा के लिए भगवान श्रीराम से आशीर्वाद मांगा। साथ ही रांची की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वे तपोवन मंदिर को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास जारी रखेंगे। आप सभी श्रीरामनवमी पर्व को धूम-धाम से मनाएं। सरकार आपकी भावनाओं के साथ है। अंत में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने तीन बार ‘जयश्रीराम’ के नारे भी लगवाएं।
उन्होंने इस अवसर पर वहां उपस्थित सभी को पावन पर्व रामनवमी की अनंत बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी हमारे आदर्श हैं। रामनवमी महापर्व आपसी एकता, बंधुत्व, सौहार्द और वर्षों से चली आ रही परंपरा और संस्कृति को मजबूत बनाता है। यह पर्व हमें जीवन के आदर्शों के प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या होनी चाहिए, बताता है।
तपोवन मंदिर में भगवान श्री राम जानकी का दर्शन कर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हम अपने जीवन में भगवान श्री राम के आदर्शों को आत्मसात करें, क्योंकि इसी में सबका कल्याण निहित है। इस मौके पर उन्होंने प्रभु श्री राम जी के चरण में शीश नवाकर राज्य वासियों की उन्नति, सुख- समृद्धि, शांति और स्वस्थ जीवन के लिए आशीर्वाद लिया।
तपोवन मंदिर को विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने यहां हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए याद दिलाया कि पिछले वर्ष रामनवमी महापर्व के अवसर पर उन्होंने तपोवन मंदिर की पवित्र भूमि को विकसित करने की घोषणा की थी। इस वर्ष रामनवमी पर मंदिर और आसपास के क्षेत्र का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य प्रारम्भ हो चुका है और अगले वर्ष रामनवमी के पावन अवसर पर यहां भगवान श्री राम जानकी के भव्य मंदिर का आप सभी दर्शन करेंगे। तपोवन मंदिर परिसर के विकास पर 14 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर और भी राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
तपोवन मंदिर को एक प्रतीक के रुप में किया जा रहा विकसित
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि ऐतिहासिक- धार्मिक स्थलों को संरक्षित और विकसित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। तपोवन मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र का विकास इसी कड़ी का एक अहम हिस्सा है। इस मंदिर को एक प्रतीक के रूप में विकसित किया जा रहा है। आनेवाले समय में यह मंदिर और भी भव्यता को प्राप्त करेगा। ऐसा उनका विश्वास है।