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CM हेमन्त सोरेन 3469 शिक्षकों को कल सौंपेंगे नियुक्ति पत्र, उधर भाजपा ने उठाए सवाल, पूछा किस नियोजन नीति के तहत हो रही शिक्षकों की नियुक्ति

राज्य भर में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के शुभारंभ के बाद राज्य सरकार झारखण्ड की शिक्षा व्यवस्था में नई कड़ी जोड़ने जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन 19 मई को 3,469 माध्यमिक शिक्षकों को टाना भगत इंडोर स्टेडियम, खेलगांव में नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। नियुक्त होने वाले सभी शिक्षक राज्य भर के सरकारी स्कूलों में पदस्थापित किए जायेंगे। स्कूलों में बच्चों को उनकी भाषा में शिक्षा देने हेतु स्थानीय भाषा के शिक्षकों को भी नियुक्ति पत्र दिया जायेगा। इसमें संताली, मुंडारी, कुड़ुख एवं अन्य भाषा शामिल हैं।

जिलावार शिक्षकों की जरूरतों को देखते हुए सरकार उन्हें पदस्थापित करने जा रही है। जिसके अंतर्गत विभिन्न विषयों यथा इतिहास एवं नागरिक शास्त्र में 779, संस्कृत में 398, भूगोल में 341, हिन्दी में 337, अर्थशास्त्र में 260, गणित एवं भौतिकी में 268, अंग्रेजी में 249, जीव एवं रसायन विज्ञान में 232, शारीरिक शिक्षा में 184, वाणिज्य में 118, संगीत में 97, उर्दू में 27, गृह विज्ञान में 50, संथाली में 42, बांग्ला में 29, कुड़ुख में 28, नागपुरी में 11, मुंडारी में 11, कुरमाली 04, उड़िया में 02, पंचपरगनिया में 01 तथा हो विषय में 01 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित होगा। जबकि रांची में सर्वाधिक 279, पूर्वी सिंहभूम में 263, धनबाद 240, सरायकेला – खरसावां में 230, गोड्डा में 228, पश्चिमी सिंहभूम में 200 समेत कुल 3,469 शिक्षकों को राज्य भर के स्कूलों में पदस्थापित किया जायेगा।

राज्य में शैक्षिक उन्नयन एवं शैक्षणिक विकास को एक नई दिशा देने के लिए प्रत्येक ग्राम एवं पंचायत स्तर पर राज्य सरकार द्वारा लीडर स्कूल की संकल्पना विकसित की गई है। यह योजना राज्य के मुख्यमंत्री के शैक्षणिक विकास की दूरदर्शिता तथा राज्य को शैक्षणिक सूचकांक पर अग्रणी राज्यों में शामिल करने की महत्वकांक्षा को प्रदर्शित करता है।

इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दीपक प्रकाश ने आज नियोजन नीति के सवाल पर फिर एक बार मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया। श्री प्रकाश आज प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 19 मई को खेलगांव स्थित टाना भगत स्टेडियम में राज्य के 3469 हाई स्कूल शिक्षकों को स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नियुक्ति पत्र देने जा रहे हैं।

श्री प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में मंच से राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता को बताएं कि ये नियुक्ति पत्र किस नियोजन नीति के तहत बांटने जा रहे। राज्य की जनता यह जानना चाहती है। उन्होंने कहा कि जहां तक इन शिक्षकों की नियुक्तियों का सवाल है तो जनता और अभ्यर्थी जानते हैं कि यह नियुक्ति रघुवर सरकार की देन है।

इससे संबंधित विज्ञापन पुरवर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल 2016 में निकाला गया था। परीक्षाएं भी भाजपा सरकार में हुई थी लेकिन कतिपय कारणों से जब मामला न्यायालय में गया तो ये हेमंत सरकार ही है जिसने बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए महंगे वकीलों के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध कराया।

उन्होंने कहा बावजूद इसके उच्चतम न्यायालय ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसले दिए और नियुक्ति हेतु राज्य सरकार को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया कि रघुवर सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया संवैधानिक रूप से सही थी। श्री प्रकाश ने कहा कि एक तरफ यह सरकार नियोजन नीति के नाम पर बेरोजगारों को दिग्भ्रमित करती है दूसरी ओर नियुक्तियां बांटकर अपना पीठ भी थपथपाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि आखिर साढ़े तीन वर्षों तक नियुक्तियों को लटकाने भटकाने का जिम्मेवार कौन है? क्यों इन नियुक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि यह विचित्र सरकार है जो एक तरफ नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध करने के लिए भी पैसा पानी की तरह खर्च करती है दूसरी तरफ उसी विज्ञापन से संबंधित नियुक्ति पत्र बांटकर विज्ञापन के माध्यम से करोड़ों रुपए खर्च कर अपना पीठ भी थपथपाती है।

उन्होंने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की जिम्मेवार हेमंत सोरेन सरकार है। आखिर तीन वर्ष बाद नियुक्ति होने के कारण हुई आर्थिक क्षति केलिए जिम्मेवार कौन है? उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खुद दिग्भ्रमित है और जनता को भी दिग्भ्रमित करती है। नई नियोजन नीति के नाम पर 20 से ज्यादा विज्ञापन इसी सरकार ने रद्द किए। उन्होंने कहा कि जब पुरवर्ती रघुवर सरकार की नीति सही है तो फिर बाकी रद्द विज्ञापनों पर भी सरकार अपनी राय स्पष्ट करे। उन्होंने कहा की पंचायत सचिवालय सचिव की नियुक्ति भी न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह सरकार लटकाए रखी है।