CM हेमन्त ने परिभ्रमण के दौरान गिरिडीह के तिसरी CO को किया निलंबित, कोडरमा के चंदवारा के BDO व सतगावां के CO को किया शो कॉज
वर्ष 2023″ क्रियान्वयन” (Implementation) का वर्ष है। सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हो। योजनाएं धरातल पर उतरे और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्तियों को इसका लाभ मिले, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस कड़ी में हर जिले में चल रही योजनाओं की लगातार निगरानी होगी। वरीय अधिकारियों के साथ वे स्वयं जिलों में जाकर इसकी समीक्षा करेंगे।
अगर कोई समस्या आ रही है तो उसकी गहराई तक जाएंगे और उसका समाधान करेंगे ताकि, व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा सके। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने ये बातें आज गिरिडीह के नगर भवन में गिरिडीह और कोडरमा जिले में चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं की अधिकारियों के साथ समीक्षा करने के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि नये वर्ष में नये जोश के साथ काम करें। सभी विभागों के अधिकारी समन्वय स्थापित कर पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों और कार्यों का निर्वहन करेंगे तो निश्चित तौर पर हमारी जो सोच है, हमारा जो उद्देश्य है, उसे हासिल कर पाएंगे। अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आप अपने कार्यों को सही तरीके से नहीं करेंगे तो समाज में अराजकता और अपराध समेत अन्य घटनाएं बढ़ जाएंगी। ऐसे हालात में आप खुद भी शर्मिंदगी महसूस करेंगे। मैं नहीं चाहता कि ऐसी स्थिति पैदा हो। आप कड़ी मेहनत करें और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाएं, ताकि इसका फायदा पूरे राज्य को मिले।
प्रगति का प्रजेन्टेंशन कुछ और ग्राउंड रियलिटी कुछ
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के क्रम में अधिकारियों से कहा कि आपने यहां विभिन्न योजनाओं की प्रगति का प्रजेंटेशन काफी आकर्षक तरीके से दिया है, लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और कहती है। हमें यथार्थ में जड़ को मजबूत करना है, ताकि सरकार की जो भी योजनाएं चल रही हैं, उसका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से और धरातल पर हो सके।
ग्रामीण जीवन और शहरी जीवन में अंतर
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों से शहरों की ओर पलायन लगातार बढ़ रहा है। कोरोना काल में उन्हें पता चला कि यहां से बड़ी संख्या में काम के लिए लोगों का पलायन होता है। उनका मानना है कि जिस तरह से शहरीकरण हो रहा है, वह हम सभी के लिए बड़ी चुनौती है। शहरों में सुविधाएं तो है, लेकिन उससे कहीं ज्यादा समस्याएं भी हैं। गांव में आज भी लोग अपने घरों में बिना ताला लगाए कहीं जा सकते हैं, पर शहरों में ऐसी स्थिति नहीं है। इसी वजह से सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने पर विशेष जोर दे रही है।
जो सुविधा एक शहरी को मिल रही, वहीं ग्रामीणों को भी मिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में जिस तरह की सुविधाएं लोगों को मिल रही है, वैसी सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपलब्ध हो, इसका प्रयास सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि गांवों में बिजली, पानी, सड़क और इंटरनेट जैसी कनेक्टिविटी मजबूत किया जा रहा है ताकि इसका लाभ ग्रामीणों को अपने ही गांव -घर में मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सही है कि राज्य से हो रहे पलायन को हम रोक नहीं सकते हैं। लेकिन, एक ऐसी व्यवस्था जरूर खड़ा कर सकते हैं, जहां लोगों को वैसे कार्य या रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं, जिसके लिए लोग दूसरे राज्यों का रुख करते हैं। इसके लिए पूरी ईमानदारी से कार्य करने की जरूरत है।
बजट की 45 प्रतिशत राशि वेतन पर खर्च
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुल बजट की 45 प्रतिशत राशि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन इत्यादि के मद में खर्च होता है। अगर गिरिडीह और कोडरमा जिले की सिर्फ बात करें तो यहां लगभग 450 पंचायतें हैं, जबकि विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या 10,000 से ज्यादा होगी। इसके बाद भी अगर पंचायतों का अपेक्षित विकास नहीं हो तो यह चिंता की बात है। हमें ऐसे हालात बदलने होंगे और इसमें अधिकारियों व कर्मचारियों को बेहतर तरीके से अपने कार्यों का निर्वहन करना होगा।
बैंकों की निष्क्रियता से समस्याएं ज्यादा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए बैंकों का सहयोग काफी जरूरी है। लेकिन, बैंकों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां की एक बड़ी आबादी आदिवासियों और दलितों की है फिर भी उन्हें बैंकों की निष्क्रियता की वजह से सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वे इस बात से केंद्र सरकार को अवगत करायेंगे, ताकि बैंकों का पूरा सहयोग राज्य को मिले।
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, सर्वजन पेंशन योजना, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मनरेगा अन्तर्गत मानव दिवस सृजन, राजस्व न्यायालय, आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार, जिले में चल रही विभिन्न परियोजनाओं एवं जिलों के विधि-व्यवस्था की समीक्षा की।
समीक्षा बैठक में पदाधिकारियों को मिले निर्देश…
1. सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के लिए निर्धारित लक्ष्य को 31 जनवरी तक पूरा करने के निर्देश।
2. सर्वजन पेंशन योजना के लाभुकों की पूरी लिस्ट गांववार तैयार करें, ताकि सभी ग्रामीण इसे आसानी से देख सकें।
3. सरकारी योजनाओं का लाभ जो लोग गलत अथवा फर्जी तरीके से ले रहे हैं उनकी छानबीन कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें।
4. जिनकी मौत हो चुकी है उनकी आश्रिता (पत्नी) को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जोड़ने का निर्देश।
5. सर्वजन पेंशन योजना के तहत 31 मार्च के बाद सभी पंचायत से संबंधित यह सर्टिफिकेट लें कि उनके यहां सभी योग्य लाभुकों को पेंशन योजना से जोड़ा जा चुका है।
6. दिव्यांगों के लिए विशेष शिविर लगाकर उन्हें दिव्यांगता सर्टिफिकेट जारी करने के साथ पेंशन योजना का लाभ देना सुनिश्चित करें। 7. 15 फरवरी तक प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति से सभी योग्य लाभुकों को करें आच्छादित।
8. मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत लाभुकों को उपलब्ध कराए गए पशुओं और उनकी पूरी वस्तु स्थिति की जानकारी लें।
9. मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का महाविद्यालयों में भी प्रचार प्रसार किया जाए, ताकि युवा पीढ़ी इस योजना के लाभ हेतु अपने अभिभावकों को जागरूक कर सकें।
10. मनरेगा में खराब प्रदर्शन के लिए कोडरमा जिले के चंदवारा बीडीओ को शो- कॉज जारी करने का निर्देश दिया गया। साथ ही जिले से एक टीम को वहां की वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के लिए भेजने का निर्देश उपायुक्त दिया गया ।
11. कोडरमा जिले के सतगांवा के सीओ को विभिन्न योजनाओं में खराब प्रदर्शन हेतु शो कॉज जारी करें। जिले से एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त कर उनके कार्यों की मॉनिटरिंग कराने का भी उपायुक्त को निर्देश।
12. गिरिडीह जिले के तिसरी अंचल के अंचल अधिकारी को वादों के निष्पादन में लापरवाही बरतने हेतु निलंबित करने का निर्देश।
13. राज्य के विकास में अपेक्षित सहयोग नहीं करने वाले बैंकों को सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि को दूसरे बैंक में हस्तांतरित करने और इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने का निर्देश दोनों जिलों के उपायुक्त को दिया गया ताकि केंद्र सरकार को इससे अवगत कराया जा सके।
14. विधि व्यवस्था संधारण को लेकर दोनों जिलों के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करें।