राजनीति

CM हेमन्त ने अपने दादा सोबरन सोरेन की प्रतिमा का किया अनावरण, कहा सूखा पीड़ित 30 लाख किसान परिवारों को देंगे राहत

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड सदियों से वीरों की धरती रही है। अमर शहीद सोबरन सोरेन ने आदिवासी-मूलवासी, शोषित, गरीब तथा वंचितों के हक, अधिकार तथा अस्मिता की लड़ाई लड़ी। महाजनी प्रथा के प्रकोप से इन वर्गों को बचाने के लिए लम्बा संघर्ष किया। शहीद सोबरन सोरेन की कुर्बानी को झारखंड के लोग आज याद कर रहे हैं।

हमारी सरकार शहीद सोबरन सोरेन के विचारों और आदर्शों पर चलकर  झारखंड के सर्वांगीण विकास के प्रतिबद्धता के साथ कार्य करते हुए आगे बढ़ रही है। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज शहीद सोबरन सोरेन की 65वीं शहादत दिवस के मौके पर रामगढ़ जिला के लुकैयाटांड़ में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

दिशोम गुरु ने शोषण व अन्याय के खिलाफ किया संघर्ष

मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर शहीद सोबरन सोरेन के पुत्र शिबू सोरेन ने भी अपने पिताजी की राह पर चलते हुए यहां के आदिवासी, दलित, शोषित, वंचित, गरीब सभी वर्गों के साथ हो रहे महाजनी शोषण और अत्याचार के विरुद्ध राज्य के गांव-गांव, जंगल-जंगल में जाकर इन वर्गों को संरक्षित करने के लिए संघर्ष किया। एक दौर ऐसा भी आया जब गुरु जी के पीछे-पीछे बड़ी संख्या में प्रदेश के लोगों ने इनके संघर्ष को बल दिया।

समाज में शिक्षा का अलख जगाते थे सोबरन सोरेन 

इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने वीर शहीद सोबरन सोरेन के शहादत दिवस के मौके पर रामगढ़ जिला के लुकैयाटांड़ स्थित स्मारक स्थल पर उनकी नवस्थापित प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया तथा माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सोबरन सोरेन हमारे दादा जी थे परंतु मैंने उन्हें नहीं देखा। शहीद सोबरन सोरेन एक शिक्षक थे। समाज में शिक्षा का अलख जगाते थे। इनका कार्य महाजनी तथा सामंतवादी लोगों को को पसंद नही आया था। शहीद सोबरन सोरेन की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके शहादत दिवस पर आज मैं उन्हें शत-शत नमन करता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से राहत मिलते ही राज्य में सुखाड़ जैसी आपदा फिर आ खड़ी हुई। हमारी सरकार ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए राज्य के किसानों के हितों के लिए गए कार्य किए। हमारी सरकार ने झारखंड के 226 प्रखंडों को चिन्हित कर सुखाग्रस्त घोषित करने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लगभग 30 लाख किसान परिवारों को हमारी सरकार सूखा राहत राशि के तौर पर प्रति किसान परिवार 3500 रुपए भुगतान करने का काम करेगी।

पंचायतों में शिविर लगाकर किसानों से आवेदन लिए जाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों में शिविर लगाकर किसान परिवारों से आवेदन लेकर सूखा राहत राशि का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में राज्य के सूखा पीड़ित 30 लाख किसान परिवारों को आगे राहत देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को आग्रह किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बेहतर कार्य योजना बनाकर प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। जब गांव मजबूत होगा तभी राज्य खुशहाल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बच्चे, नौजवान, बुजुर्ग सभी वर्ग के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। हमारी सरकार ने राज्य में सर्वजन पेंशन योजना लागू की है। अब सभी पात्र लोगों को पेंशन मिल रहा है।

आपके दरवाजे पर आपकी समस्या का समाधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा झारखंड के प्रत्येक गांव-गांव, पंचायत-पंचायत में आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम चलाया गया है। पिछले 20 वर्षों में यहां के लोग प्रखंड कार्यालयों का चक्कर लगाते लगाते थक जाते थे। हमारी सरकार ने अब प्रखंड कार्यालयों में पदस्थापित पदाधिकारियों को आपके गांव-गांव, और द्वार-द्वार पर भेजने का काम कर दिखाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी समस्याओं का समाधान आपके गांव-घर में लगे शिविरों में ही हो यह हमारी प्राथमिकता में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  सरकार निरंतर शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रयासरत है। अब हमारी सरकार सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूलों के तर्ज पर अपग्रेड करने का काम कर रही है। सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं इस निमित्त शिक्षकों को भी गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सरकार गठन के बाद से ही हमारा प्रयास रहा है कि राज्य में सड़क, स्कूल, कॉलेज इत्यादि के कार्यों में गति दी जाए। आप लगातार सभी जिलों में स्कूल-कॉलेज बन रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से सभी गरीब वर्ग की बालिकाओं को कक्षा 8वीं से लेकर कक्षा 12वीं तक वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही 18 वर्ष पूर्ण करने के बाद संबंधित किशोरी के बैंक खाते में 40 हजार की एकमुश्त राशि भी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की वैसी बच्चियां जो उच्च शिक्षा लेकर इंजीनियर, डॉक्टर, BDO, CO बनना चाहती हैं उनके सपने को हमारी सरकार पंख दे रही है। शिक्षा ग्रहण करने में गरीबी बाधा न बने इसके लिए हमने कार्य योजना बनाने का काम किया है।

गांव -गांव में विकास को दी जा रही गति

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज रामगढ़ जिला स्थित बरलंगा गांव के नजदीक लुकैयाटांड़ में शहीद सोबरन सोरेन के शहादत दिवस के अवसर पर मेला लग रहा है। आज इस स्थल पर स्कूल बन रहा है। लोग रात में भी घूम रहे हैं। समय के साथ बहुत कुछ बदला है। मुझे याद है कि पहले यह जंगल क्षेत्र हुआ करता था। अब गांव गांव में सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था राज्य सरकार उपलब्ध करा रही है।

अनेक विकास के काम हो रहे हैं। पिछले 20 वर्षों इस क्षेत्र के ग्रामीण विकास का बाट जोह रहे थे। सपने में भी विकास दिखाई नहीं पड़ता था परंतु आज स्थिति बदली है। गांव-गांव सड़क कनेक्टिविटी से जुड़े हैं। मेरा प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के संघर्ष को कम करें उन तक विकास की रोशनी को पहुंचाएं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप में शिलापट्ट के माध्यम से स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, मॉडल विद्यालय मसलिया, दुमका, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, मेदिनीनगर, आर के गर्ल्स  स्कूल गढ़वा, आश्रम आवासीय विद्यालय रानिया खूंटी एवं आश्रम आवासीय विद्यालय ओरमांझी का उद्घाटन किया।