राजनीति

CM हेमन्त का बयान, कोरोना के समय हम दूसरे राज्यों में फंसे अपने श्रमिक भाइयों को घर लाने में लगे थे और भाजपा के लोग हमारी सरकार गिराने में लगे थे

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कथनानुसार आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत आज गिरिडीह में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का उन्हें सौभाग्य मिला है। ऐसा शिविर पूरे राज्य में लग रहा है। गांव, पंचायत के साथ वार्डों में भी यह शिविर चल रहा है। आमजन को समर्पित यह कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में सभी माननीय विधायकों को भी आमंत्रित किया जा रहा है – जो सरकार में हैं अथवा नहीं, क्योंकि सरकार सभी के लिए होती है।

लेकिन विपक्ष के लोग सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल नहीं होते हैं। यही दुर्भाग्य है इस राज्य का। आप लोगों ने पहले कभी नहीं सुना होगा कि पूर्व की सरकारों में कभी पदाधिकारी गांव जाकर आपकी समस्याओं का समाधान करते होंगे। हमने यह व्यवस्था बदली है। अब सरकार अपने कर्मचारियों को आपकी सेवा के लिए तनख्वाह देती है। इसलिए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत योजनाओं की गठरी बांध-बांधकर राज्य सरकार पदाधिकारियों को आपके द्वार भेज रही है। आपको गठरी से अपने लिए योजनाओं को लेने का काम करना है।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड की 80 प्रतिशत आबादी हमारे गांव में बसती है। गांव ही इस राज्य का जड़ है। गांव ही इस राज्य की आत्मा है। गांव मजबूत होगा तभी हमारा राज्य मजबूत होगा। इसलिए हमारी योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर केंद्रित है। जो आने वाले समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी। हम लोगों ने जब सरकार बनाई तो कोरोना आ गया था। कोई घर से बाहर नहीं निकल पाता था। गिरिडीह गवाह है इस बात का।

इस जिले से सबसे अधिक लोग दूसरे राज्यों में काम के लिए जाते हैं। लॉकडाउन में समय वो वहीं फंस गए थे। गिरिडीह जिला के लोग गवाह भी हैं कि हमने अपने श्रमिकों को अन्य राज्यों से लाकर घर पहुंचाने का काम किया था। कोरोना के साथ-साथ हमारे विपक्षियों का सरकार गिराने का षड्यंत्र भी शुरू हो गया था। लेकिन हमें उसकी चिंता नहीं थी। हम लोगों के लिए काम कर रहे थे।

उसी क्रम में पहली बार हमने 2021 में आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की। जिसका यह तीसरा चरण चल रहा है। पूर्व की सरकारों ने कितना पिछड़ा बनाकर रखा था हमारे राज्य को। राज्य 20-21 साल का हो गया था पर हमें शिविरों के जरिए लाखों-करोड़ों आवेदन आये। इसका मतलब पहले कोई काम नहीं होता था। उस समय कर्मचारियों को सरकारों ने आमजन की सेवा के लिए नहीं बल्कि अपनी सेवा में लगा रखा था।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास बकाया है। जो नहीं मिल रहा है। पहले राज्य को थोड़ा बहुत झुनझुना दिखाया गया फिर ईडी-सीबीआई को दौड़ा दिया गया ताकि हम बोलना बंद कर दें। लेकिन अपने हक-अधिकार के लिए हम सदियों से लड़ते हुए आये हैं।

अगर झारखण्ड को उसका बकाया मिला होता तो हम लाखों लोगों को अबुआ आवास दे पाते, युवाओं को अन्य राज्य जाने की जरूरत नहीं होती, उनके लिए राज्य में ही रोजगार सृजन होता। गैस का सिलिंडर जो आज हजार रुपये में मिलता है वो हम 500 रुपयों में देते। जो आज जिला स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय बनाये गए हैं, उन्हें गांव-गांव में स्थापित करने का काम करते। राज्य में लाखों नौकरियों को देने का काम होता।

राज्य को सिर्फ केंद्र द्वारा झुनझुना दिखाया जाता है। यह अधिकार हमें तभी मिलेगा जब आपके तकलीफों को जानने समझने वाला कोई आपके बीच होगा। यही वजह है पहले पेंशन के लिए लाखों आवेदन आते थे। आज पेंशन के लिए बहुत कम आवदेन आते हैं। आज यह अधिकार भी लोगों को हाथों हाथ मिल रहा है। पूर्व की सरकारों ने लोगों को तो हक-अधिकार से वंचित किया ही सरकारी कर्मचारियों को भी उनकी बुढापे की लाठी से दूर किया। हमने कर्मचारियों को उनकी बुढापे की लाठी दी और आज वो खुशी-खुशी लोगों के द्वार जाकर उन्हें अधिकार दे रहे हैं।

यहां के जिलों में डीवीसी कार्यरत है। डीवीसी कोयला झारखण्ड से लेता है। मगर कोयले का बकाया राज्य को नहीं मिलता और बिजली काट दिया जाता है। पूर्व की डबल इंजन सरकार के कारण राज्य सरकार के खाते से स्वतः बिजली का पैसा काट लिया जाता है। उस खाते में हमारे राज्य के जरूरतमंद लोगों के पेंशन की राशि रहती है, छात्र-छात्राओं का स्कॉलरशिप राशि रहती है, राशन का पैसा है, किसानों का पैसा है।

लेकिन इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है। मगर आप चिंता मत करिएगा, जहां-जहां डीवीसी का कार्यक्षेत्र है उन जिलों में एक-डेढ़ साल में हम अपनी व्यवस्था स्थापित कर लोगों को बिजली देने का काम करेंगे। उसके बाद लोगों को परेशान करने वाली डीवीसी अपनी लाइन का अचार डाले, उसे कोई लेने वाला नहीं होगा।

हमारा राज्य युवा राज्य है। पूर्व की सरकारों ने ऐसे सभी काम किये जिससे झारखण्ड पिछड़ा रहने को विवश रहा। आने वाले समय में राज्य 25वे साल में भी प्रवेश करेगा। हम मिलकर झारखण्ड को पिछड़े राज्य से अग्रणी राज्य की श्रेणी पर ले जाने का काम करेंगे। पहले कौशल प्रशिक्षण का केंद्र जिला स्तर पर होता था, हमने उसे प्रखण्ड स्तर पर ले जाने का काम किया।

उसी का नतीजा है कि आज हजारों युवाओं को निजी क्षेत्रों में रोजगार देने का काम किया गया है। सरकारी नौकरियों में भी हजारों युवाओं को नियुक्तियां देने का काम किया जा रहा है। लेकिन झारखण्ड के युवाओं को नौकरी न मिले इसलिए विपक्ष द्वारा येन केन प्रकारेण अड़चन डालने का प्रयास किया जाता है पर उनका षड्यंत्र कभी कामयाब नहीं होगा।