CM रघुवर दास को पता ही नहीं, आज पं. दीनदयाल जी की जन्मशताब्दी वर्ष का समापन दिवस हैं
रघुवर सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों का कारनामा देखिये। आज इस विभाग ने मुख्यमंत्री रघुवर दास की कृपापात्र कंपनी द्वारा बनाई गई एक विज्ञापन को राज्य के सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया हैं। विज्ञापन एकात्म मानववाद के प्रणेता तथा संघ और भाजपा कार्यकर्ताओँ के प्राणाधार पं. दीन दयाल उपाध्याय जी को समर्पित है।
आज जबकि पूरा देश पं. दीन दयाल उपाध्याय की जन्मशताब्दी वर्ष का समापन दिवस मना रहा हैं, स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज पं. दीन दयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य कार्यक्रम की शुरुआत एवं दीन दयाल ऊर्जा भवन का लोकार्पण नई दिल्ली में करने जा रहे हैं, वहीं झारखण्ड का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग एवं राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को आज का दिन एक मामूली दिन की तरह लग रहा हैं। वे आज के दिन को पं. दीन दयाल उपाध्याय की सामान्य जयंतियों की तरह मना रहे हैं। इसका सबसे सुंदर उदाहरण है, राज्य सरकार का वह विज्ञापन जो आज सभी अखबारों में प्रकाशित हुआ है।
इस विज्ञापन में राज्य सरकार ने पं. दीन दयाल उपाध्याय की जन्मशताब्दी की कहीं चर्चा ही नहीं की है, वह विज्ञापन में जयंती शब्द का प्रयोग की हैं, जबकि यहीं सरकार अपने विभिन्न विज्ञापनों में अथवा आज के ही विज्ञापनों में पं. दीन दयाल उपाध्याय से संबंधित जो लोगो प्रस्तुत कर रही हैं, उस लोगों में पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष की चर्चा है।
यहीं नहीं, आज के विज्ञापन में इसने लिखा है कि “ राष्ट्रवाद और अंत्योदय के प्रणेता श्रद्धेय पण्डित दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती पर शत शत नमन” यानी एक तो जन्मशताब्दी की जगह जयंती का प्रयोग और दूसरे पं. दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती पर शत शत नमन, अरे भाई किसको शत शत नमन, इसका तो खुलासा करो, जनता को शत शत नमन, खुद को शत शत नमन या उस महापुरुष को शत शत नमन, तुम तो ऐसा विज्ञापन देते हो कि आम आदमी कन्फ्यूज्ड हो रहा हैं।
ऐसे में क्या समझा जाये कि रघुवर दास की कृपापात्र कंपनियां विज्ञापन बाजार में देने के पूर्व इस पर कोई अनुसंधान नहीं करती, बस जो मन किया, औने-पौने शब्द उठाये और जनता के सामने सीएम और पीएम का फोटो डालकर पटक दिया।
अगर सीएम रघुवर दास की बात मानें तो दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कंपनी जो खुद के चेहरे को चमकाने के लिए उन्होंने हायर किया है, वह झारखण्ड में काम कर रही हैं, जरा देखिये उस कंपनी का कारनामा। संघ और भाजपा के प्राणाधार पं. दीन दयाल उपाध्याय की जन्मशताब्दी वर्ष के समापन दिवस को मामूली जयंती में लाकर झारखण्ड की जनमानस के बीच पटक दिया, अब आप स्वयं समझिये कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीन दयाल उपाध्याय के प्रति राज्य के सीएम रघुवर दास की क्या सोच है?
मैं तो कहता हूं कि, अरे इससे अच्छा तो वह वामपंथी साहित्यकार व पत्रकार रविभूषण जी हैं, जिन्होंने आज के दिन अपनी लेखिनी से पं. दीन दयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व का शानदार विश्लेषण किया है, जो आज के प्रभात खबर के संपादकीय पृष्ठ पर उद्धृत हैं। राज्य सरकार द्वारा आयातित विज्ञापन बनानेवाली कंपनी, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों और सीएम के कनफूंकवों को उक्त आलेख को पढ़कर ज्ञानवर्द्धन करना चाहिए, पर ये बेशर्म अपना ज्ञानवर्द्धन करेंगे, इस पर हमें संदेह हैं, क्योंकि इनका मूल उद्देश्य झारखण्ड को लूटना हैं, सो वे लूटने पर ध्यान दे रहे हैं।