मुख्यमंत्री रघुवर दास का प्रवचन और सच्चाई…
झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अब प्रवचन देना शुरु कर दिया है। कल मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सार्वजनिक जीवन में शुचिता को अपनाने का सलाह दिया और कहा कि आचरण ऐसा हो कि आमलोग उदाहरण दें. आखिर कल क्या कहा? मुख्यमंत्री रघुवर दास ने…
“सभी लोग सार्वजनिक जीवन तथा निजी स्तर पर शुचिता को जीवनशैली का अंग बनाये, आचरण ऐसा हो कि आमलोग उदाहरण दें। यदि हम अपने जीवन में प्रत्येक कार्य को राष्ट्र सेवा से जोड़कर देखें तथा यह महसूस करें कि हमारा जो भी कार्य है वह इस देश के लिए समर्पित है, तो कभी भी भ्रष्टाचार जैसी नकारात्मक सोच पनप नहीं सकती। हम जब राष्ट्र के बदले स्वयं को केन्द्र में रखते है, तभी ऐसी सोच पनपती है। झारखण्ड के विकास के लिए समर्पित लोग टीम झारखण्ड के रुप में काम कर रहे है। यह एक बड़ा सम्मान है। निजता के ऊपर देश को महत्व दें” …और खुद का आचरण क्या है? उस पर नजर भी डालिये…
- स्वयं कनफूंकवों के गिरफ्त में हैं?
- स्वयं के द्वारा चलाया जा रहा मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र विवादों में है, खासकर आचरण मामले पर मुख्यमंत्री चुप है?
- चुनाव आयोग ने इनके प्रेस एडवाइजर अजय कुमार पर कार्रवाई करने की बात कहीं है, पर कब कार्रवाई होगी, कुछ कहने की स्थिति में नहीं है?
- ये खुद अपने कैबिनेट में लिये गये निर्णयों को जमीन पर उतार नहीं पाते, और सार्वजनिक जीवन में शुचिता की बात करते है।
- इनके राज्य में किसान आत्महत्या करते चले जा रहे है, लडकियों पर दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे है? और राष्ट्रसेवा की बात करते है।
- ये अपने राज्य में मोमेंटम झारखण्ड के नाम पर बिना किसी उपयोगिता के खाली हेलीकॉप्टर आकाश में उड़वा देते हैं और कहते है कि भ्रष्टाचार पर उनकी जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी।
- भारत में पहला राज्य है – झारखण्ड, जहां हाथी उड़ता है, ये सीएम मुख्यमंत्री का बयान है, जिसे लेकर पूरे राज्य की जगहंसाई होती है।
ऐसे कई उदाहरण है, जो बताने के लिए काफी है कि इनके प्रवचन में और इनके कार्यों में कितना अंतर है? हम चाहेंगे और राज्य की जनता भी चाहेगी कि मुख्यमंत्री रघुवर दास प्रवचन देने से परहेज करें और स्वयं एक कार्य करके ऐसा मिसाल कायम करें, जिससे इनका और राज्य दोनों का सम्मान बढ़े, फिलहाल जो स्थिति है, वह तो नारकीय है।
Sirf Bihar ki rajneeti pe nazar rakh ke Ashiyayee desho ke Rashtradhyaksh apne Rastra ko kaise chalana hai 0 tolerance ko apnate huey ye sikh sakte hai.