CM द्वारा जनता को आंख तथा तेवर दिखाने पर जनता की तीखी प्रतिक्रिया कहा, पहले बोलना सीखो
मुख्यमंत्री रघुवर दास इन दिनों जन–आशीर्वाद यात्रा पर हैं। उनके साथ एक लंबा काफिला भी चल रहा है। उस काफिले में हर प्रकार के लोग शामिल हैं, जो एक राजनीतिक यात्रा के लिए बहुत ही जरुरी माने जाते हैं। मुख्यमंत्री रघुवर दास के खासमखास एवं आइटी सेल के लोग, उनकी इस यात्रा को खूब सोशल साइट के माध्यम से जन–जन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
पर मुख्यमंत्री के सोशल साइट फेसबुक पर ही जन आशीर्वाद यात्रा की भद्द पीट रही है, आम जनता खुलकर उनके सोशल साइट पर ही अपना भड़ास निकाल रही हैं तथा मुख्यमंत्री के खिलाफ तीखी टिप्पणी कर रही हैं, लोगों का ज्यादातर गुस्सा मुख्यमंत्री के हाव–भाव और तेवर को लेकर हैं।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े लोगों को जब वह किसी उद्देश्य को लेकर राजनीतिक यात्रा करता है, जनता के बीच पहुंचता हैं, तो उसे अपने तेवर ढीले रखने चाहिए, क्योंकि वह जनता के बीच में है, कोई जरुरी नहीं कि हर जनता आपकी जय–जय करेगी, कोई–कोई सवाल भी पूछ सकती हैं और आपको उनके सवालों के जवाब मुस्कुराते हुए देना होगा, तथा उन्हें हर हाल में संतुष्ट करना होगा।
लेकिन आप ये सब न कर, ये सोचते है कि आप कुछ भी कर लें, जनता आपके साथ ही रहेगी, क्योंकि आपके पास नरेन्द्र मोदी जैसा कद्दावर नेता हैं, तो उक्त नेता को ये भी समझ लेना चाहिए कि उक्त कद्दावर नेता के रहते हुए भी राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य हाथ से निकल जाते हैं।
मुख्यमंत्री रघुवर दास के कई सभाओं मे देखा जा रहा है कि जनता उनसे कुछ सवाल पूछना चाहती है, पर वे गुस्से में आकर, सवाल पूछनेवाले युवा को चुप करा देते हैं, बेचारा वह युवा क्या करेगा, चुपचाप खिसक लेने में ही बुद्धिमानी समझता है, क्योंकि वो जानता है कि उक्त सभा में सवाल पूछने के बाद वह सुरक्षित रहेगा, इसकी कोई गारन्टी नहीं।
जरा इस फोटो को देखिये, ये मुख्यमंत्री रघुवर दास का उसवक्त का फोटो हैं, जब वे नोनीहाट पहुंचकर भाषण देने की शुरुआत करते है, तभी एक युवा कुछ सवाल करता है और उस सवाल का जवाब देने के बजाय मुख्यमंत्री गुस्से में कहते हैं – आपकी बात सुनेंगे, शांत रहो, और बेचारा शांत हो जाता है, मुख्यमंत्री का भाषण भी खत्म हो जाता है और वह व्यक्ति सदा के लिए अपना मुंह बंद करता हुआ किधर निकला पता नहीं चलता।
और इधर भाजपा के आइटी सेल द्वारा सीएम के फेसबुक पर चलाये जा रहे इस भाषण के क्रम में युवाओं का एक बहुत बड़ा वर्ग गुस्से में आ जाता हैं और मुख्यमंत्री पर बरसने लगता है। ज्यादातर युवाओं का गुस्सा इस बात को लेकर है कि आखिर मुख्यमंत्री को जनता से बात करना कब आयेगा? क्या जनता के साथ यही बोलने की तमीज है?
कुछ लोग तो कहते हैं कि मुख्यमंत्री की बोली में घमंड और अहंकार साफ झलकता है। कुछ लोग तो साफ कहते है कि पहले मुख्यमंत्री बोलना तो सीख लें। आप खुद देखिये कि लोगों ने मुख्यमंत्री के फेसबुक पर मुख्यमंत्री के भाषण के खिलाफ उनके ही अंदाज में कैसी–कैसी टिप्पणी की है, और इन टिप्पणियों के बावजूद भी अगर वे अपनी बोली में सुधार नहीं लाते, तो भाजपा का बेड़ा गर्क होने से कोई रोक नहीं सकता।
राजनीतिक पंडित तो यह भी कहते है कि भीड़ तो भीड़ होती हैं और भीड़ वोट में कभी तब्दील नहीं होती, भीड़ को लाने का एक अपना तरीका होता है, जिसे हर पार्टी के लोग उस तरीके (हथकंडे) को अपनाते हैं, लेकिन उस भीड़ में से एक भी व्यक्ति सवाल कर दिया और आप उस व्यक्ति के सवाल का जवाब देने में विफल रहे तो भाई अब तो सबके पास मोबाइल हैं, स्मार्ट फोन है, कैमरा है, वो आपके उक्त संदेश को मिनटों में जन–जन तक पहुंचा देगा, जो आपका आइटी सेल भी नहीं कर पायेगा।
भाजपा का आइटी सेल तो ऐसे भी खत्म है, क्योंकि जनता के समक्ष जो उसने रघुवर दास का इमेज बनाया है, उस इमेज को ग्राह्य करने को कोई तैयार नहीं है, और ऐसे भी सीएम रघुवर दास का जो बोलने का ढंग हैं, उसे कोई भी व्यक्ति या झारखण्डी पसन्द नहीं करता, नहीं तो आपके सामने उन युवाओं की टिप्पणियां मौजूद हैं, देखिये राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास पर कितनी तीखी टिप्पणियां की है –
Shree Saryu Rai ji is the best MLA of Jamshedpur West. 🙏but MLA of Jamshedpur East is not❌ perfect for the post of Chief Minister. And people of Jamshedpur is not❌ satisfied with the present Chief Minister.