राजबाला वर्मा प्रकरण पर CMO सक्रिय, कार्मिक विभाग जारी करेगा CS को नोटिस
आखिरकार सरयू राय का सीएम रघुवर को लिखा पत्र और विपक्षी दलों की रणनीति काम आ ही गया। राजबाला वर्मा के खिलाफ सरकार एक्शन में आ ही गई। राजबाला प्रकरण सीएम रघुवर दास के लिए अग्निपरीक्षा भी हैं, अगर वे इस परीक्षा में सफल हुए, तब सब कुछ क्लियर हो जायेगा, कि सही में वर्तमान सरकार आम जनता के साथ है या भ्रष्ट नौकरशाह के साथ, क्योंकि वर्तमान में राज्य की जनता रघुवर सरकार के क्रियाकलापों से संतुष्ट नहीं है, सरकार की इमेज भी बहुत खराब हो चुकी है।
ये अलग बात है कि राज्य से प्रकाशित कुछ समाचार पत्र और कुछ चैनल विज्ञापन की लालच में सरकार की इमेज बनाये रखने का ठेका ले रखे हैं, और ऐसे-ऐसे समाचार प्रकाशित करते/दिखाते हैं, जिसमें सत्य का एक अंश भी नहीं होता।
इधर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा प्रकरण एक नये मोड़ पर आ गया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी करने का निदेश दिया है। सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने कार्मिक सचिव को बफशीट भेज दिया है। कार्मिक विभाग जल्द ही सीएमओ के निदेशानुसार मुख्य सचिव को पत्र भेजेगा और उनसे अपना पक्ष रखने को कहेगा। अगर इस बार भी मुख्य सचिव ने अपना पक्ष नहीं रखा तो सरकार अंतिम निर्णय ले सकती है।
ज्ञातव्य है कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने राजबाला वर्मा को चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में मिस कंडक्ट और लापरवाही का आरोप लगाया था, तथा इन पर विभागीय कार्यवाही चलाने को कहा था, पर किसी भी सरकार ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया। इस बात को सर्वप्रथम संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने पिछले दिनों धनबाद के पत्रकारों के बीच यह मुद्दा उठाया था, पर किसी अखबार ने उस वक्त इसे छापने की जहमत नहीं उठाई, पर दैनिक भास्कर ने 30 दिसम्बर के अंक में प्रमुखता से इसे प्रकाशित किया। उसके बाद से यह प्रकरण चर्चा में है, तथा इसको लेकर बिहार के राजनीतिक हलकों में भी यह प्रकरण शिखर पर है।