राजनीति

CM का नया पैंतरा उपर के भ्रष्टाचारियों को समर्थन और नीचे के भ्रष्टाचारियों का सफाया

पिछले दिनों मुख्यमंत्री धनबाद में थे, वहां उन्होंने कहा कि झारखण्ड में अभी भी निचले स्तर पर भ्रष्टाचार और बिचौलिये हावी हैं। सिस्टम में नीचे बैठे लोगों को खून पीने की आदत है। कुछ तो ऐसे हैं,जो घूस न ले तो नींद नहीं आती, उन्होंने कहा भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन लगाम की कार्रवाई चल रही हैं। हम इसे  मिटाकर दम लेंगे।

झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास निराले मुख्यमंत्री हैं, उनकी नजरों में उपर का भ्रष्टाचार सदाचार होता है,  सिर्फ नीचे का भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार होता है, शायद इसीलिए झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा होगा कि वे नीचले स्तर पर फैले भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करके रहेंगे। उपर के भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने व संरक्षण के लिए उन्होंने बहुत पहले से ही काम करना प्रारंभ कर दिया हैं, जैसे – राज्य के मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, पुलिस महानिदेशक डी के पांडेय तथा एडीजी अनुराग गुप्ता को बचाने के लिए उन्होंने एड़ी चोटी एक कर दी, उन्होंने विधानसभा के बजट सत्र को समय से पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला ले लिया, पर इन बड़े अधिकारियों के समर्थन में कमर कसकर डटे रहे।

यहीं नहीं उन्होंने इन वरीय अधिकारियों के चलते राज्य के वरीय मंत्री सरयू राय के एक विभाग को दूसरे मंत्री के हाथों सौंप दिया पर इन भ्रष्ट अधिकारियों के उपर एकआंच तक आने नहीं दिया। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डा. प्रदीप कुमार की दस करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली, पर इस अधिकारी की सेवा को भी बरकरार रखा, जनता भूख से मर जाये, संतोषी भूख-भूख से चिल्लाकर मर जाये, बूटी मोड़ कांड से प्रभावित एक बेटी का बाप चीत्कार करता हुआ घूमता फिरे अपनी बला से, ये सब तो किसी राज्य में नहीं होता, जनता मरती हैं मरती रहे, पर भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा के इन अधिकारियों की वे सेवा और रक्षा करते रहेंगे, चाहे इसके लिए कुछ भी हो जाये, जहां ऐसी मानसिकता जिस राज्य के मुख्यमंत्री में हो, उस राज्य में विकास की बात करना, समरसता और प्रगति की बात करना बेमानी है।

लॉ एंड आर्डर की स्थिति ऐसी है कि परसो ही एक भाजपा विधायक ने एक भू-अर्जन पदाधिकारी की ठुकाई कर दी, उस पर गालियों की बौछार कर दी, जिसको लेकर झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारियों का दल आंदोलनरत है। ऐसे में दुमका में बाबू लाल मरांडी ने ठीक ही कहा कि सर्वाधिक भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री के विभागों में ही है। भ्रष्टाचार के आरोपी कम से कम एक दर्जन बड़े अधिकारियों पर कारर्वाई के लिए फाइल मुख्यमंत्री के पास लंबित है। संताल परगना के कमिश्नर की करोड़ों की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय जब्त कर लेता है, जेल जा चुके अधिकारियों को प्रमुख पदों पर सुशोभित करने का काम रघुवर दास ही कर रहे हैं, ऐसे में नीचले स्तर पर भ्रष्टाचार कैसे रुकेगा?