अपनी बात

CM का घमंड सातवे आसमां पर, अब तक तीन पारा टीचरों की मौत, प्रमुख नेताओं ने रघुवर को चेताया

पारा टीचर बेमौत मर रहे हैं, पर राज्य के सीएम रघुवर दास घमंड में चूर हैं, उन्होंने दयालुता को श्रद्धाजंलि दे दी है, उन्होंने लगता है स्वीकार कर लिया है कि पारा टीचर मर जाये अपनी बलां से, पर वे पारा टीचरों के आगे नहीं झूकेंगे, कल समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी के आवास पर एक पारा टीचर कंचन दास ने दम तोड़ दिया और आज देवघर के सारठ स्थित सधरिया पंचायत के धावासोल गांव निवासी उज्जवल राय की मौत हो गई।

ये वहीं उज्जवल राय है, जो राज्य स्थापना दिवस के दिन पुलिसिया प्रहार के शिकार हो गये थे, इसी बीच गढ़वा से खबर है कि वहां भी एक पारा टीचर हरि शंकर पांडेय की मौत हो गई, अब सवाल उठता है कि राज्य के सीएम रघुवर दास को कितने पारा टीचरों की मौत का इंतजार है, आखिर उनका मन कब पसीजेगा और पारा टीचरों से बात करेंगे, उनकी समस्याओं का हल निकालेंगे।

इसी बीच भाजपा के विधायकों में भी पारा टीचरों को लेकर सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है, बाघमारा के भाजपा विधायक एवं सीएम के अतिप्रिय तथा यौन शोषण के आरोपी ढुलू महतो ने पारा टीचर के मुद्दे पर, अपने प्रदेश अध्यक्ष से विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग कर दी है, ढुलू महतो का कहना है कि पारा शिक्षकों की प्रमुख मांगों में बिहार तथा छत्तीसगढ़ के तर्ज पर स्थायीकरण एवं वेतनमान लागू करने की संबंधी मांग का वे पुरजोर समर्थन करते है।

कभी पारा टीचर के मुद्दे पर वर्तमान मंत्री सरयू राय भी अपनी बातें रख चुके है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इस मुद्दे पर गंभीरता से सभी जनप्रतिनिधियों को सोचने को कहा था, पर इन दोनों प्रमुख नेताओं की बातें राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हवा में उड़ा दी, इसी बीच खबर है, कि राज्य में पारा टीचर के मुद्दे पर अब भाजपाई विधायक भी आर-पार के मूड में है, क्योंकि उन्हें पता लग चुका है कि आनेवाले समय में उनकी विधायकी खतरें में पड़ सकती है।

इसी बीच सिंदरी के भाजपा विधायक फूलचंद मंडल ने भी पारा शिक्षकों की मांग को जायज ठहराया है, इधर कई जिलों में पारा शिक्षकों की भाजपा नेताओं से हाथा-पाई तथा थूकम-पैजार हो रहा है, जिसकी जानकारी संबंधित जिलों के नेताओं का ग्रुप प्रदेश अध्यक्ष को दे रहा है, और यह भी बता रहा है कि जितना दिनों तक पारा टीचरों का आंदोलन चलेगा, भाजपा के लिए उतना ही खतरा बढ़ता जायेगा।

इधर मिशन मोदी अगेन पीएम के प्रदेश अध्यक्ष अनुरंजन अशोक ने भी पारा टीचरों के मांग का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को अपनी हठधर्मिता छोड़, पारा टीचरों की मांगों पर पुनर्विचार करना चाहिए, नहीं तो आनेवाले समय में इसके गंभीर परिणाम भाजपा को ही भुगतने पड़ेंगे, क्योंकि लोकतंत्र में हठधर्मिता नहीं चलती, अहं नहीं चलता, यहां लोककल्याणकारी कार्य आपने कितना किया, यहीं जनता देखती है, पर पारा टीचर मुद्दे पर जिस प्रकार राज्य सरकार का रवैया है, उसे कतई सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की मौत, किसी के कारण हो जाये तो ये लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्य है, पारा टीचरों की लगातार हो रही मौत, झारखण्ड के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

One thought on “CM का घमंड सातवे आसमां पर, अब तक तीन पारा टीचरों की मौत, प्रमुख नेताओं ने रघुवर को चेताया

  • जय किशोर प्रसाद

    घाटशिला की विधायक लक्ष्मण टुडू ने भी पारा टीचर की मांग को जायज ठहराते हुए यह बयान दिया है की इस मामले में शीघ्र ही विधायकों की बैठक होगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी विद्रोही 24 में इस समाचार का भी उल्लेख किया जाना चाहिए

    नाम के अनुरूप इस समाचार का तेवर देखकर हमें प्रसन्नता है क्योंकि वर्तमान समय सभी अखबार वाले और मीडिया इलेक्ट्रॉनिक वाले इससे हट धर्मी मुख्यमंत्री के तलवे चाट रहे हैं ऐसे मुख्यमंत्री के खिलाफ सभी अखबारों को भी एकजुट होना चाहिए

Comments are closed.