बधाई हेमन्त जी आपके इस ऐतिहासिक फैसले को, लॉटरी सिस्टम से पोस्टिंग किये गये 24 नवनियुक्त खेल अधिकारी
बधाई दीजिये, राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को, जिन्होंने वो काम किया, जिसे आज तक किसी मुख्यमंत्री ने नहीं किया। आम तौर पर जो आरोप लगता रहता है कि फलांने अधिकारी को फलांने जगह पैरवी या पैसे के बल पर मनचाहे जगह पोस्टिंग कर दी गई, ये किस्सा ही उन्होंने सदा के लिए समाप्त कर दिया, जब राज्य के सभी 24 जिलों में खेल पदाधिकारियों की नई नियुक्ति उन्होंने लॉटरी सिस्टम से कर दी।
राजनीतिक पंडितों की मानें, तो यह व्यवस्था हर विभाग के अधिकारियों के लिए लागू कर दी गई, तो 50 प्रतिशत भ्रष्टाचार ऐसे ही समाप्त हो जायेगा, क्योंकि जो अधिकारी भ्रष्ट तरीके से मनचाही स्थानों पर जाते हैं, तो उनका यही कहना होता है कि जब उपर देकर आये हैं तो निःसंदेह कमायेंगे भी और यही कारण होता है कि भ्रष्टाचार के दलदल में फंसकर आम आदमी तबाह हो जाता है।
चलिए, देर से ही सही किसी ने शुरुआत की, इसलिए इसकी प्रशंसा होनी चाहिए। खुशी इस बात की भी है कि यह राज्य खेलों को लेकर बराबर देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर तक सुर्खियों में रहा है। क्रिकेट हो या हॉकी या तीरंदाजी अथवा कोई भी खेल यहां राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भरे पड़े हैं, ऐसे में हर जिलों में जिलास्तरीय खेल पदाधिकारी का होना जरुरी था, आम तौर पर जहां भी खेल आयोजित होते थे, वरीय प्रशासनिक अधिकारियों को इसका जिम्मा दे दिया जाता था, जिससे खेल और खिलाड़ियों को वो सम्मान नहीं प्राप्त हो पाता था, जिसके वे हकदार थे।
अब चूंकि राज्य के हेमन्त सोरेन ने इसकी पहल की है, तो माना जाना चाहिए कि आनेवाले समय में खेल विश्वविद्यालय की भव्यता भी देखने को मिलेगी, खेल में सुधार होंगे, और यहां के खिलाड़ियों को अब किसी प्रकार का कष्ट नहीं होगा, नव-नियुक्त खेल-पदाधिकारियों को भी यह प्रण लेना होगा, कि भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण में उनकी नियुक्ति हुई है, पोस्टिंग हुई है, इसलिए वे खेल में कम से कम भ्रष्टाचार का बीज नहीं बोने देंगे, नहीं तो अन्य विभागों की तरह इसमें भी भ्रष्टाचार के बीज आ गये, तो फिर झारखण्ड के लिए ये बड़ा नुकसान होगा।