बधाई हो! इंडिया गठबंधन के दिग्गज नेताओं ने लिया संकल्प, 2024 में एनडीए गठबंधन को दिलायेंगे 400 सीटें, नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनायेंगे
इंडिया गठबंधन को बधाई दीजिये। उनके गठबंधन में शामिल ज्यादातर नेताओं को एक बीमारी एक साथ लग गई है। आप कह सकते है कि उन्हें एक प्रकार का उस बीमारी का दौरा पड़ा हैं। जो बीमारी तमिलनाडू, कर्नाटक से होता हुआ बिहार तक पहुंच गया है। सभी ने इस बीमारी से प्रभावित होकर लगता है कि एक प्रकार का संकल्प कर लिया है कि ये सब मिलकर 2024 में एनडीए को कम से कम 400 सीटें तो जरुर ही दिलवा देंगे। साथ ही प्रधानमंत्री के पद पर नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर अपने मेहनत से स्थापित करवायेंगे।
सबसे पहले यह बीमारी तमिलनाडू में देखी गई। तमिलनाडू का संबंध इधर ऐसे भी बिहार से तगड़ा दिख रहा है। तभी तो तमिलनाडू के सुर में सुर मिलाकर बिहार का राजद का एक नेता जगदानन्द सिंह ने भी वही बोला जो इन दिनों उदयनिधि बोल रहा है। जगदानन्द ने क्या बोला, पहले उसे देखिये, जगदानन्द ने बोला – टीका लगाकर घूमनेवालों ने भारत को गुलाम बनाया था।
दरअसल जगदानन्द जिस पार्टी से आता है, उस पार्टी का इतिहास शुरु से ही विवादास्पद रहा हैं। उसका नेता लालू प्रसाद यादव हाल ही में चारा घोटाला में दोषी सिद्ध होकर जेल काटकर भी आया है। हाल ही में इसी दल का एक शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव तुलसीकृत श्रीरामचरितमानस पर गंदी टिप्पणी की थी। कभी लालू प्रसाद यादव भी ब्राह्मणों को फूटी आंखों देखना पसन्द नहीं करते थे, पर आजकल एक ब्राह्मण मनोज झा को उन्होंने राज्यसभा भिजवा दिया है। वो ब्राह्मण मनोज झा, ईमानदारी से लालू यादव और उनकी पार्टी का राज्य सभा में झोला ढोता है, उसकी झोला ढोनेवाली इस कला पर हर बिहारी ब्राह्मणों को गर्व हैं, चाहे वो हर ब्राह्मणों को नीचा दिखाने में रुचि ही क्यों न लेता हो।
राजद के इन नेताओं के इस घटियास्तर के बयान से आह्लादित इसके समर्थन से सरकार चला रही जदयू के नेता भला इसमें पीछे क्यों रहते। तब नीतीश व लालू की सरकार ने मिलकर हिन्दू धर्म से संबंधित पर्वों पर होनेवाली छुट्टियों पर ही कैंची चला दी। जब भाजपा के लोगों ने हल्ला किया और जनता ने भौंहे तानी तो शायद इन महान प्रबुद्ध नेताओं को लगा कि कही जो हथियार उन्होंने भाजपा को रौंदने के लिए चलाये हैं वो हथियार उनके ही उपर न आ जाये तो इन दोनों दलों के मूर्धन्य नेताओं ने अपना लिया फैसला वापस ले लिया। लेकिन इनकी की गई गलतियों को यहां की जनता माफ कर देगी, हमें ऐसा नहीं दिखाई देता।
एक बात और कह दें कि हर नेताओं को यह गुमान हो जाता है कि वो सर्वशक्तिशाली है, जब वो सत्ता में होता हैं। लेकिन जैसे ही सत्ता जाती है, तब उनकी औकात पता लग जाती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी लग रहा है कि दुनिया की सारी बुद्धि उनके ब्रेन में समा गई है, पर उन्हें नहीं पता कि उनकी उलटी गिनती शुरु हो गई है और जो दिमाग उन्होंने नरेन्द्र मोदी को हटाने में लगाना शुरु किया हैं, वो उलटा तीर उनके ही बुद्धि को कुंद करने में लग गया है।
जब नीतीश कुमार ने केन्द्र की मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों का एक मजबूत गठबंधन तैयार करने के लिए काम शुरु किया था तो इसे देखकर कई राजनीतिक पंडितों ने सोचा था कि यह देश के लिए हितकर होगा। पर जो इन दिनों कुछ दिनों से इंडिया गठबंधन में शामिल द्रमुक, राजद व कांग्रेस तथा जदयू के लोगों की कार्यप्रणाली सामने आ रही हैं, वो देश की एकता व अखंडता के लिए खतरा उत्पन्न होता दिख रहा है। इसमें शामिल ज्यादातर नेताओं ने सनातन धर्म पर आक्रमण करना इसलिए शुरु कर दिया है ताकि मुस्लिमों व ईसाईयों का एकमुश्त वोट उन्हें मिल सकें।
वो सनातन धर्म की। जिसकी प्रशंसा आज दुनिया कर रही है। जिसका प्रभाव ब्रिटेन, अमरीका व कई पश्चिमी देशों में दिख रहा है। जहां दीपावली व रक्षाबंधन पर अब छुट्टियां भी मिलने लगी है। लेकिन यहां के इंडिया गठबंधन के लोगों को मुस्लिमों और ईसाई वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए हिन्दूओं को गाली देने में बड़ा ही आनन्द आता हैं और इसका जमकर वे इस्तेमाल भी करते हैं। जिसमें ईसाई-मुस्लिम तो होते ही हैं, कुछ नास्तिक लोग भी होते हैं, जिनका धर्म से कोई लेना-देना नहीं होता पर सारी बुराईयां इन्हें सनातन धर्म में ही नजर आती है।
जिस सनातन धर्म की रक्षा के लिए सिक्खों के कई गुरुओं ने स्वयं को बलिदान कर दिया। जिस सनातन धर्म की रक्षा के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने गजब ढा दिया। जिस सनातन धर्म की ध्वजा कभी स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो धर्म सम्मेलन में लहराई। जिस सनातन धर्म की ध्वजा आज भी शील प्रभुपाद जी के द्वारा विश्व के कई देशों में लहर रही हैं, पर इन मूर्खों को सारी बुराइयां सनातन धर्म में नजर आती है।
जरा देखिये न। वो द्रमुक नेता है। वो ईसाई समुदाय से आता है। वो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का बेटा है। वो तमिलनाडु सरकार में एक मंत्री भी है। उसका नाम उदयनिधि स्टालिन है। वो सनातन धर्म पर ओछी टिप्पणी करते हुए कहता है कि सनातन धर्म समानता एवं सामाजिक न्याय के विरुद्ध है और इसका उन्मूलन करने की जरुरत है। वो सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करता है।
इधर उदयनिधि स्टालिन के बयान का एक तरह से कर्नाटक के कांग्रेसी मंत्री प्रियांक खड़गे जो मल्लिकार्जुन खड़गे का बेटा है, उसने भी समर्थन कर दिया है। कभी प्रियांक खड़गे का पिता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सत्ता में लौटे तो देश में सनातनियों का, सनातन धर्म का तथा सनातन कर्मियों की सरकार बन जायेगी।
दरअसल सोनिया गांधी ईसाई मूल की महिला है। ईसाईयत का प्रभाव सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी, बेटी प्रियंका वाड्रा, दामाद रावर्ट वाड्रा में साफ दिखता है, ये अलग बात है कि दिखावे के लिए ये सब कभी मंदिरों में तिलक लगवाते हुए, भगवा पगड़ी या गमछा डाले हुए दिख जाते हैं। कभी-कभी स्वयं को जनेऊधारी ब्राह्मण भी कहलाते हैं, पर सच्चाई यह है कि ये आजकल ब्राह्मणों और सनातनियों को देखना भी पसन्द नहीं करते। ये अपने पास सर्वाधिक वामपंथी विचारकों को अपना पीए या सचिव बनाकर रखे हुए हैं जो उनको बहुत ही पसन्द है।
राजनीतिक पंडितों की मानें, तो ये साफ कहते है कि इंडिया गठबंधन ज्यादा जोगी मठ उजार की लोकोक्ति को आगे चलकर चरितार्थ करेगा। पहली बात तो इनलोगों ने तीन-तीन जगहों पर बैठकें कर ली, पर एक संयोजक तक नहीं चुन सकें। गठबंधन का नाम इंडिया रख लिया और सोच लिया कि पूरे देश पर राजनीतिक कब्जा कर लेंगे और इस देश का जो राजनीतिक प्राण व आत्मा सनातन है, उसी पर चोट करने लगे। ऐसे में आप सत्ता में आयेंगे या अपनी ही मिट्टी पलीद कर रहे हैं।
आश्चर्य है, इस गठबंधन में शामिल जो भी दल हैं, सबको नरेन्द्र मोदी से ही लड़ना है, पर विषय क्या होगा, ये अभी तक तैयार नहीं कर पाये और किया क्या? एक लोकोक्ति हैं न, खाया-पीया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा आठ आना। मतलब, ये लोग अपनी करतूतों से बैठे बिठाये 2024 का शानदार विषय नरेन्द्र मोदी और भाजपाइयों को दे दिया। अब नरेन्द्र मोदी और भाजपा के लोग इन सभी का ऐसा इलाज कर देंगे कि ये भागने की भी सोचेंगे तो भाग नहीं पायेंगे।
इन मूर्खों को यह भी नहीं पता कि जिस व्यक्ति ने कभी हारना नहीं सीखा, जिस व्यक्ति को ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त है, उसे कभी हराया ही नहीं जा सकता। आज उसी व्यक्ति का देन है कि भारत पांचवी अर्थव्यवस्था है। आज उसी व्यक्ति की देन है कि चीन का शी जिंगपिंग को कुछ बुझा ही नहीं रहा कि भारत को कैसे डील करें। आज उसी व्यक्ति की देन है कि जिन भारतीयों को विदेशों में सम्मान नहीं मिलता था, आज तुम्हारे (इंडिया गठबंधन में शामिल नेताओं) खानदान के बच्चे सम्मान पूर्वक विदेशों में जीवन बिता रहे हैं।
आज उसी व्यक्ति की देन हैं कि जिन इस्लामी देशों में कभी पाकिस्तान की तूती बोलती थी, वहां भारत की तूती बोल रही है। पाकिस्तान खाने पीने की वस्तुओं और दवा तक के लिए तरस रहा है। आज भारत जी-20 का नेतृत्व कर रहा है। आज इसी व्यक्ति की देन है कि भारत तेरे टूकड़े होंगे कहनेवालों को सुर तक बदल गये। आज नरेन्द्र मोदी का ही देन है कि 500 वर्षों की गुलामी का प्रतीक बाबरी मस्जिद दिखाई नहीं दे रहा, बल्कि वहां भारत के राम दिख रहे हैं।
धारा 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर की समस्या ही सदा के लिए खत्म कर दिया। नई संसद लाकर खड़ा किया। गुलामी की प्रतीकों को उठा-उठाकर फेंका और नये भारत की रचना कर दी और आप इंडिया गठबंधन के लोगों ने क्या किया। अपने बेटे-बेटियों, बहुओं-दामादों के लिए भारत की कितनी संपत्ति को उनके नाम करवा सकते हैं, इसी में दिमाग लगाया।
तभी तो ईडी, सीबीआई, आईटी जैसी एजेंसियां जहा भी आपके उपर हाथ डालती हैं तो छेद नहीं बल्कि भमार दिखता है। नीतीश, स्टालिन, लालू, सोनिया, खरगे, पवार, ठाकरे, अब्दुल्ला जैसे लोग कितना भी जोर लगा लें। नरेन्द्र मोदी को कोई उखाड़ नहीं सकता। ये ध्रुव सत्य है, क्योंकि उस व्यक्ति के साथ सत्य है और रही बात सनातन, सनातनियों को गाली देनेवालों, तुम खुद ही दुनिया से मिट जाओगे।
कभी अंग्रेज व मुगल भी मिटाने आये थे। आज जाकर ब्रिटेन को देखो। वहां ऋषि सुनक जैसा सनातनी प्रधानमंत्री बनकर बैठा है। सिंगापुर का नया समाचार मिल ही गया होगा। अमरीका में भी नया समाचार देख लेना। बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ को भी जाकर देख लेना। उसमें कोई जगदानन्द या स्टालिन या नीतीश कुमार या लालू का परिवार का सदस्य नहीं दिखेगा। सभी सत्यनिष्ठ अर्थात सनातनी ही दिखेंगे। बड़ी आये नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाने, अरे वो जहां से खड़ा होकर चाहेगा, तुम्हें फूंक देगा, और तुम सभी उड़ जाओगे।