राजनीति

बाबूलाल को घेरने के चक्कर में कांग्रेसी विधायक की जुबान फिसली, सदन में कहा आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है? भाजपाइयों ने इरफान की लगाई जमकर क्लास

अपने विवादास्पद बयानों के लिए झारखण्ड व देश में विख्यात कांग्रेस के जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी फिर सुर्खियों में हैं। सुना है कि इस बार इरफान अंसारी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को लेकर आदिवासी समुदाय पर ही विवादास्पद टिप्पणी कर दी। दरअसल विधानसभा में वे चले थे, बाबूलाल मरांडी को घेरने, पर वे अब स्वयं घिरते दिखाई पड़ रहे हैं, जब उन्होंने बाबूलाल मरांडी को घेरने के चक्कर में यह कह दिया कि आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है?

भारतीय जनता पार्टी ने उनके इस बयान को हाथों-हाथ लिया है और उनकी जमकर कड़ी आलोचना शुरु कर दी है और उन्हें तथा उनकी पार्टी को आदिवासी विरोधी करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है। इरफान का यह छोटा सा बयान बहुत तेजी से वायरल भी हो रहा है। आदिवासी समुदाय में भी उनके इस बयान की अब आलोचना होते देखी जा रही है।

कुछ दिन पहले ही अपने इलाके में एक आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने अपने माथे से तिलक पोछ लिया था, तथा जनता के बीच एक विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी, जो बड़ी तेजी से वायरल हुई। उसको लेकर भी उनकी तीखी आलोचना हुई थी, अब फिर से एक नये उनके बयान ने कांग्रेस को कही का नहीं छोड़ा है। हालांकि इरफान अंसारी को कई बार कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने नाप-तौल कर बोलने की सलाह दी हैं, पर उनकी आदत ऐसी रही है कि उनके मुंह से कुछ न कुछ निकल ही जाता है, जो बाद में विवाद का कारण बन जाता है।

इधर भाजपा के बड़े नेता संबित पात्रा ने इरफान के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक टिव्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि आदिवासी समाज को लेकर कांग्रेस पार्टी की यही मानसिकता सदियों से चली आ रही है, उनके लिए सिर्फ एक परिवार ही सब कुछ है। अमित मालवीय ने कहा कि ये कांग्रेस की जनजातीय समाज के प्रति सोच है। पंकज तिवारी ने कहा कि आदिवासी समाज के लोगों के लिए कांग्रेस के मन में कितना घृणा और नफरत छुपा हुआ हैं, वो इरफान अंसारी के बातों को सुनकर समझा जा सकता है। यहीं है कांग्रेस का देश के आदिवासियों के लिए मुहब्बत का दुकान? आखिर कांग्रेस के लोग इतना नफरत लाते कहां से हैं?

अर्जुन राम मेघवाल का कहना है कि देश के गौरव आदिवासी समाज को लेकर झारखंड में कांग्रेस पार्टी के विधायक इरफान अंसारी कह रहे – ‘आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है?’  ये बात उन नेताओं को कैसे समझ में आएगी, जिनके लिए सिर्फ एक परिवार के चंद लोग ही सर्वोपरि हैं। इनको तो सिर्फ परिवार की चिंता रहती है, जनता की नहीं।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अब चूंकि लोकसभा चुनाव सिर पर हैं, साथ ही अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में कांग्रेस के नेताओं को संभल कर बयान देना होगा, नहीं तो खुद तो हारेंगे ही, कई लोगों को हार का स्वाद चखा देंगे, क्योंकि उन्हें नहीं भुलना चाहिए कि उनका यहां प्रतिद्वंदी कोई सामान्य पार्टी नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी है, जिसका आधार झारखण्ड में कांग्रेस से कही ज्यादा मजबूत है। भाजपा का आइटी सेल उनसे ज्यादा कई मामलों मे सक्रिय और मजबूत है।