अपनी बात

कांग्रेसी रामेश्वर ने बैठे-बैठाए भाजपाइयों को च्यवनप्राश खिला दी, साथ ही कांग्रेस व हेमन्त सरकार को जनता की नजरों में विलेन बना दिया

पता नहीं झारखण्ड के नेताओं को कभी-कभार कौन सा दौरा पड़ जाता है कि वे बैठे-बैठाए ऐसा बयान दे देते हैं कि देखते ही देखते उनके बयान आम जनमानस को उद्वेलित तो करते ही है, विपक्ष को भी बैठे-बैठाए एक ऐसा मौका मिल जाता है कि वे बिन मुद्दे के मुद्दे को लेकर आंदोलन पर उतारु हो जाते हैं। कल तक ओरमांझी व सांसद प्रतिनिधि कांड को लेकर जो भाजपा बैकफूट पर थी।

आज कांग्रेस पार्टी के होनहार नेता व राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा दिये गये बयान से अचानक  हमलावर हो गई और देखते ही देखते झारखण्ड के कई इलाकों में भाजपाई रामेश्वर उरांव के पुतले को लेकर चौक-चौराहो पर पहुंच गये, आक्रोश व्यक्त किया और रामेश्वर उरांव का पुतला दहन कर दिया।

स्थिति ऐसी है कि रामेश्वर उरांव के बिहारियों और मारवाड़ियों के खिलाफ दिये गये बयान से खुद कांग्रेस के ही कई नेता सकते में हैं, उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि इस बयान से वे कैसे पिंड छुड़ाए? यही हाल सत्ता में बैठे प्रमुख पार्टी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का है, उनके नेताओं को भी समझ नहीं आ रहा कि इस बयान से कैसे मुक्ति पाएं?

राजनीतिक पंडितों की मानें तो वे साफ कहते है कि भारत में कौन ऐसा राज्य हैं, जिस राज्य में केवल उसी राज्य के लोग निवास करते हैं। एक तरफ आप विकास की भी बात करेंगे, सामाजिक समरसता की बात करेंगे, सामाजिक सद्भाव की बात करेंगे और फिर अपनी झूठी अस्मिता की आड़ में अपने ही हाथों से उस सामाजिक समरसता को आग भी लगायेंगे, ये तो कदापि नहीं चलेगा।

भाजपा के राज सिन्हा तो अपनी प्रतिक्रिया में साफ कहते है कि रामेश्वर उरांव को तो सब कुछ बिहार से मिला। यहां तक कि समधियाना भी बिहार में ही हैं। तब बिहार से काहे इतना गुस्सा कर रहे हैं वे, उन्हें समझ नहीं आ रहा। वे आगे कहते है कि रामेश्वर उरांव द्वारा दिया गया बयान समाज को तोड़नेवाला है, जिसका कड़ा विरोध करना आवश्यक है। रांची के भाजपा नेता संजय कुमार जायसवाल तो फेसबुक के माध्यम से रामेश्वर उरांव से पूछ रहे है कि रोहिंग्या और बांगलादेशी घुसपैठिए, आपके कौन लगते हैं मंत्री जी, इस पर तो जवाब दीजिये।

कांग्रेस की महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह, अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के इस बयान से दुखी नजर आई। एक पोर्टल को दिये बयान में उन्होंने साफ कहा कि वो रामेश्वर उरांव के उस बयान से सहमत नहीं है, और वे इस बयान का विरोध कर रही है। यही हाल झामुमो-कांग्रेस में पड़े कई नेताओं का हैं, जो फिलहाल रामेश्वर उरांव के बिहारियों-मारवाड़ियों के खिलाफ दिये गये बयान से खुद को अलग रखने में ज्यादा दिमाग लगा रहे हैं, पर बिहारियों-मारवाड़ियों में रामेश्वर उरांव द्वारा दिये गये बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है, लोग कह रहे है कि रामेश्वर उरांव ने बैठे-बैठाए भाजपा को एक मुद्दा थमा दिया और हेमन्त सरकार को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया, अपना नुकसान जो किया सो अलग।