संघ की समन्वय बैठक, चुनाव तक भाजपा के सारे काम को देखेंगे प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा, कर्मवीर और गोपाल की बल्ले-बल्ले, उधर बाबूलाल की जगह रघुवर दास को बिठाने की चुपके से तैयारी
संघ परिवार की समन्वय बैठक कल रांची के होटल ग्रीन एकर में संपन्न हो गई। बैठक को संघ के सह सरकार्यवाह आलोक जी ले रहे थे। बैठक में पहली बार देखा गया कि किसी मुद्दे पर चर्चा न होकर, इस बात पर चर्चा किया गया कि प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा को कैसे भाजपा का पूरा चुनाव देखने के लिए स्थापित कर दिया जाये और वहीं हुआ भी। आलोक जी ने घोषणा की कि भाजपा का सारा काम चुनाव तक प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा देखेंगे, जबकि संघ के संगठन का काम सह प्रांत प्रचारक राजीव जी देखेंगे।
सूत्र बता रहे हैं कि संघ की समन्वय बैठक में सभी ने यह स्वीकार किया कि इस चुनाव में भाजपा एकतरफा जीत दर्ज करने नहीं जा रही हैं, बल्कि हर जगह पर उसे चुनौती व संघर्ष करने की आवश्यकता पड़ रही हैं। इसलिए अब भाजपा का छोटा कार्य हो या बड़ा कार्य जब तक चुनाव संपन्न नहीं हो जाता संघ के प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा ही देखेंंगे। संघ परिवार का कोई संघटन सीधे बीजेपी से बात नहीं कर पायेगा। अब प्रांत प्रचारक को पहले बताना होगा कि बीजेपी से क्या चाहिए, यानी यहां वर्तमान में गोपाल शर्मा और कर्मवीर ही प्रधान हो गये, जो ओबीसी को आगे कर यहां आदिवासी समुदाय को साइड करेंगे।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार, पूर्व में जब बैठक होती थी तो भाजपा से क्या अपेक्षा हैं, यह पूछा जाता था, लेकिन इस बार ये मुद्दा ही गायब रहा। समन्वय बैठक में यहां तक कहा गया कि समाज में भाजपा को अब कैसे ले जाना है, किस प्रकार उसकी उपस्थित दर्ज करानी है, गोपाल शर्मा तय करेंगे। उन्हीं की देखरेख में सब कार्य संपन्न होंगे। संघ सरकार्यवाह आलोक जी ने समन्वय बैठक में स्वीकार किया कि सोशल साइट पर झामुमो व कांग्रेस, भाजपा की अपेक्षा ज्यादा मजबूत है।
भाजपा, झामुमो व कांग्रेस के आगे कही टिकती नहीं दिख रही। मौजूदा स्थितियों में सोशल साइटों पर भाजपा ज्यादा अलोकप्रिय है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा की ओर से बाबूलाल मरांडी, अमर कुमार बाउरी, संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह, क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेन्द्र त्रिपाठी, क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन, क्षेत्रीय प्रचारक रामनवमी आदि मौजूद थे।
सूत्र बता रहे हैं कि इधर सभी को वर्तमान में 23 अगस्त को होनेवाली भारतीय जनता युवा मोर्चा की रैली को सफल बनाने में लगने को कहा गया है। एक लाख लोगों को लाने की तैयारी है। मतलब संघ परिवार अपनी पूरी ताकत इसे सफल बनाने में लगायेगा, इधर सूत्र बता रहे है कि इस बैठक से यह भी पता चला कि भाजपा का राज्यस्तरीय आइटी सेल को भी पूरी तरह से बदलने की तैयारी है, क्योंकि इनके द्वारा किये जा रहे काम सही मायनों में आम जनता को रास नहीं आ रहे हैं। युवा वर्ग तो भाजपा से कब का खिसक चुका है और झामुमो-कांग्रेस के पक्ष में जाता दिख रहा है।
राजनीतिक पंडितों की माने तो संघ परिवार की समन्वय बैठक काफी मायने रखती है। यही भाजपा का मूलाधार भी होता है। इसमें लिये गये निर्णय को ही सर्वोपरि माना जाता है। अगर कल के निर्णय सही हैं तो इसका मतलब है कि भाजपा के प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा और संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह की बल्ले-बल्ले हैं। अब यही दोनों पावरफूल हो गये, यहीं दोनों जो डिसाइड करेंगे, सभी को मानना पड़ेगा, चाहे वो प्रदेश अध्यक्ष हो या सामान्य कार्यकर्ता। इनके आगे सभी बौने पड़ जायेंगे।
सूत्र बता रहे है कि आलोक जी और प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा बैक डोर से बाबूलाल को हटा कर रघुवर दास को फिर से सीएम बनाने के लिए चक्रव्यूह की रचना रच चुके हैं, क्योंकि आदिवासी सीट हारने का ठीकरा बाबूलाल पर फोड़ दास प्रथा को प्रमोट किया जाएगा। बीजेपी 53 ग़ैर आदिवासी सीट पर फोकस कर चुनाव लड़ेगी, ताकि दास प्रथा को आगे लाया जाय। मतलब साफ है कि बीजेपी आदिवासी को मुख्यमंत्री नहीं बनाने जा रही संयुक्त नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा।
सराहनीय पहल, इस तरह का निर्णय समाज, प्रान्त, एवं देश के हित में है।