अपनी बात

पंडाल निर्माण में एक कील ठोककर सीपी सिंह ने DRM को दी चुनौती, कहा पंडाल यहीं बनेगा, इधर रेलवे अधिकारियों के खिलाफ बढ़ रहा जनाक्रोश

केन्द्र में सरकार भाजपा की। रेल मंत्री भाजपा का। रांची रेलवे स्टेशन पर सीधी पकड़ किसकी, तो केन्द्र सरकार की। रांची में विधायक सीपी सिंह भाजपा के। रांची के सांसद संजय सेठ भाजपा के। रांची की जनता का माइंडसेट भी भाजपा का, क्योंकि ज्यादातर चुनावों में चाहे वो लोकसभा हो या विधानसभा भाजपा के लोग ही जीतते रहे हैं, पर इन दिनों रांची रेल मंडल के अधिकारियों के एक आदेश ने सब की नींद उड़ा दी हैं।

जिसको लेकर दिन-प्रतिदिन भाजपा ही नहीं, बल्कि अब जनता का भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है, अगर जनता का आक्रोश इसी तरह बढ़ता चला गया तो रांची रेल मंडल के अधिकारियों के लिए भविष्य में दिक्कतें हो सकती है, क्योंकि बिना जन-सहयोग के आप कुछ भी नहीं कर सकते और ये सब हो रहा है रांची रेलवे स्टेशन पर होनेवाले दुर्गापूजा के लिए बननेवाले पंडाल पर रोक लगा दिये जाने से।

हम आपको बता दें कि रांची रेलवे स्टेशन पर दुर्गापूजा के दौरान भारी भीड़ पहुंचती है। यहां श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रहती है। शायद ही कोई रांचीवासी हो, जो घर से दुर्गापूजा का अवलोकन करने के लिए निकले और यहां न पहुंचे। सभी की प्राथमिकताओं में यहां की दुर्गा पूजा और पंडाल देखने की होती हैं, अगर कोई बाहर से आया है, तो वो भी यहां आने से खुद को रोक नहीं पाता, स्थिति ऐसी होती है कि कोई लाचारीवश दुर्गापूजा देखने के लिए नहीं निकला, उसके बाद भी रांची रेलवे स्टेशन पर एक बार आने के बाद, अपनी दुर्गा पूजा पूरी समझ लेता है।

पिछले दो वर्षों से कोरोना के कारण दुर्गा पूजा एक तरह से बंद ही था, पर इस बार राज्य सरकार द्वारा मिली छूट से, विभिन्न दुर्गा पूजा समितियां भव्य तरीके से दुर्गा पूजा मनाने के अपने काम में लग गये, पर ये क्या रांची रेल मंडल ने तो लगता है कि कसम खा ली है कि, वो अपने परिक्षेत्र में दुर्गा पूजा का पंडाल बनने ही नहीं देगा।

सौन्दर्यीकरण के नाम पर, उसने रांची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष मुनचुन राय को पंडाल निर्माण पर रोक लगाने को कह दिया, यहीं नहीं पंडाल निर्माण के लिए अनुमति मांगने का अनुरोध पत्र लिखने को कह दिया। मुनचुन राय विद्रोही24 को बताते है कि दुर्गा पूजा मनाने के लिए कभी उन्होंने रांची रेल मंडल से परमिशन ही नहीं लिया तो आज इसकी बात क्यों हो रही, उन्हें समझ नहीं आ रहा?

वे कहते हैं कि वे तो दुर्गा पूजा उत्सव मनाते हैं और फिर इस जगह से उनका कोई मतलब भी नहीं रहता, तो फिर इस प्रकार की पाबंदी क्यों? वे यह भी कहते है कि रांची रेल मंडल बता दें कि वो कहां दुर्गा पूजा के लिए पंडाल बनाये, उसके लिए भी हम तैयार है, पर धीरे-धीरे समय को बढ़ाते हुए, मात्र पन्द्रह दिन के लिए समय देने की बात कहना, तो क्या 15 दिन के अंदर पंडाल निर्माण संभव है?

मुनचुन राय ने बताया कि आज भी रांची रेल मंडल के अधिकारियों से उनकी हर मुद्दों पर बातचीत हुई, पर इस मसले का कोई समाधान नहीं हुआ। मुनचुन राय कहते है कि वे टकराव नहीं चाहते और न ही टकराव से समस्या का समाधान होता है, हम एक बार फिर रांची रेल मंडल के अधिकारियों से आग्रह करेंगे कि वे रांची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति के इस कार्यक्रम में सहयोग करें, वे भी रेलवे को हर प्रकार से सहयोग करने को तैयार है।

इधर भाजपा सांसद संजय सेठ तो जैसे ही यह बात सुनी, वे दुर्गा पूजा स्थल पर पहुंचे और रेलवे अधिकारियों की कड़ी आलोचना की, उन्होंने यह भी कहा कि अगर रांची रेल मंडल के अधिकारियों ने अपने में सुधार नहीं लाया तो वे यहां बिस्तर लगाकर आंदोलन शुरु कर देंगे, दूसरी ओर राज्य के पूर्व नगर विकास मंत्री एवं रांची के विधायक सी पी सिंह रांची रेलवे स्टेशन पर दुर्गा पूजा के लिए बन रहे पंडाल में एक कील ठोककर रांची रेलवे मंडल के अधिकारियों को चुनौती दे डाली, कह दिया पंडाल बनकर रहेगा, कोई ताकत इसे रोक नहीं सकती।

इधर जैसे-जैसे समाचार फैल रहा है, वैसे -वैसे जनाक्रोश भी बढ़ता जा रहा हैं, अगर ये जनाक्रोश इसी तरह बढ़ता गया तो एक नया झमेला यहां खड़ा हो जायेगा, इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता, क्योंकि दो वर्षों के अंतराल के बाद लोगों को लग रहा है कि एक बार फिर से वहीं माहौल देखने को मिलेगा, जो दो वर्षों से देखने को नहीं मिला, यानी दुर्गा पूजा उत्सव एक बार फिर बेहतर तरीके से मनेगा, जिसका आनन्द सभी लेंगे।