माले ने किया शहीदों का सम्मान, दी श्रद्धाजंलि, पूछे केन्द्र से सवाल, चीनी घुसपैठ नहीं तो सैनिकों की शहादत कैसे?
भाकपा माले ने भारत-चीन सीमा पर वीरगति को प्राप्त भारतीय सेना के शहीदों को सम्मान दिया। उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि दी, साथ ही केन्द्र की मोदी सरकार से कुछ सवाल भी पूछे? भाकपा माले के नेताओं का सवाल था कि जब चीनी घुसपैठ हुई ही नहीं, तो सैनिकों की शहादत कैसे हो गई, केन्द्र सरकार बताये?
भारत–चीन सीमा पर वीर जवानों की शहादत के सम्मान में भाकपा माले और एआईपीएफ ने संयुक्त रुप से रांची के सैनिक बाज़ार परिसर में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया था। कार्यक्रम के पूर्व शहीद वीर जवानों की याद में मोमबत्तियां जलाकर दो मिनट का मौन रख शोक -श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
इस मौके पर मौजूद माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि जब ऐसे समय में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है। उस समय सीमा पर चीन द्वारा तनाव पैदा करने की इस हरकत की पार्टी कड़ी निंदा करती हैं और मांग करती है कि दोनों देशों की आपसी पहल पर द्विपक्षीय वार्ता से समाधान तलाशी जाये।
जनार्दन प्रसाद ने कहा कि सीमा विवाद के मामले में पीएम नरेन्द्र मोदी देश की जनता को गुमराह करना बंद करें और बताएं की अगर घुसपैठ नहीं हुई है तो फिर सेना के जवान शहीद कैसे हुए? एआईपीएफ नेता नदीम खान ने कहा की भारत की संप्रभुता पर हमें नाज़ है, किसी भी देश की दखलंदाजी हम बर्दाश्त नहीं करेगें। सेना हमारी ताकत है हम सब भारतीय सेना के साथ है।
शोक–श्रद्धांजलि कार्यक्रम में माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य शुभेंदु सेन,भुवनेश्वर केवट, मोहन दत्ता, मिथिलेश तिवारी, भीम साव, विश्वनाथ पंडित, अधिवक्ता इम्तेयाज़ अशरफ़, अधिवक्ता जयंत पांडेय, ओरंगजेब खान, मो.बाबर, मो तबरेज़, रवि पीटर, मो चांद, झारखंड यूथ फाउंडेशन के साकिब जेया, असफ़र खान, मो राहिल, ऐपवा की नौरीन अख़्तर, एती तिर्की, संतोष मुंडा, रानी, शमीमा खातून,आरती केशरी,आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।