राजनीति

दीपक प्रकाश ने राज्यपाल से लगाई गुहार, लें एक्शन, सरकार को अपनी कुर्सी की चिन्ता, बेटियां अब घरों-स्कूलों में सुरक्षित नहीं

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने झारखण्ड के राज्यपाल रमेश बैस को पत्र लिखा है, तथा उस पत्र में क्रमवार एक विशेष समुदाय द्वारा राज्य में बढ़ रहे अपराध और सरकार की चुप्पी की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया है। दीपक प्रकाश का कहना है कि स्थिति गंभीर हो चली है। राज्य की बेटियां अब स्कूल ही नहीं, अब वो घरों तक में सुरक्षित नहीं। ऐसे में राज्य की स्थिति का आकलन किया जा सकता है। उन्होंने राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी करने की अपील भी की। दीपक प्रकाश ने जो राज्यपाल को पत्र लिखा है, वो इस प्रकार है…

सेवा में,

महामहिम राज्यपाल,

झारखंड।

विषय – झारखंड में राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति के कारण बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं, महिला उत्पीड़न और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संबंध में।

महोदय,

राज्य के विभिन्न समाचार पत्रों, चैनल्स पर प्रतिदिन प्रसारित महिला अपराध, नाबालिगों से बलात्कार, नाबालिगों को पेट्रोल से जलाकर मारने जैसी भयानक और दर्दनाक घटना, लोभ ,भय और चंगाई सभा के माध्यम से जबरन धर्मांतरण के प्रयास जैसी खबरें आपके संज्ञान में अवश्य होंगी। राज्य में पिछले 32 महीनो में 5400 से ज्यादा बलात्कार की घटनाएं हुई है जिसमे अधिकांश आदिवासी और दलित परिवार की बहन बेटियां प्रभावित हुई हैं।

महोदय, सरकार गठन के साथ ही वर्तमान राज्य सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति का खुल्लम खुल्ला खेल प्रारंभ कर दिया। जिसके अनेक उदाहरण जनता के समक्ष है। चाहे विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटन का मामला हो या फिर कोरोना काल में बांगलादेशियों को बसों में भरकर भेजना, तबलीगी जमात के साथ सख्ती नही बरतना, कोरोना वारियर्स के साथ दुर्व्यवहार करने वाले समुदाय विशेष पर कारवाई नहीं करना, सिमडेगा एवम हजारीबाग में हुई मॉब लिंचिग की घटनाओं में समुदाय विशेष के जुड़े आरोपी लोगों के साथ नरमी बरतना जैसे अनेक उदाहरण हैं।

महोदय, विगत एक माह से राज्य तुष्टिकरण का भयावह और अप्रत्याशित दंश झेल रहा है जो निम्नानुसार उल्लेखित कर रहा हूं-

11 अगस्त – राज्य में चंगाई सभा के नाम पर धर्मांतरण का प्रयास।

18 अगस्त – बड़कागांव में ग्रामीणों पर मुस्लिम धर्म अपनाने का दबाव।

24 अगस्त – दुमका में घर में सोई नाबालिग छात्रा को पेट्रोल छिड़ककर जलाया गया।

01 सितंबर – बोकारो एसपी आवास परिसर में अपने शरीर पर पेट्रोल डाल महिला ने न्याय नहीं मिलने के कारण आत्मदाह का किया प्रयास।

02 सितंबर – दुमका में बांग्लादेशी संगठन सक्रिय, लड़कियों को झांसे में लेकर बदला जा रहा धर्म।

03 सितंबर – खूंटी में ट्रिपल मर्डर मामले में पत्थर गड़ी कनेक्शन।

05 सितंबर – लोहरदगा में लव जिहाद का मामला उजागर।

06 सितंबर – खूंटी में लव जिहाद का मामला उजागर।

09 सितंबर – दुमका लव जिहाद मामले में आरोपी डीएसपी ने इसी प्रकार के  एक अन्य मामले में 90 दिनों तक चार्जशीट दर्ज नही किया, क्योंकि आरोपी समुदाय विशेष का है।

11 सितंबर – राजधानी रांची से सटे ओरमांझी के एक विद्यालय में हथियार से लैस मुस्लिम युवकों ने विद्यालय में घुसकर छात्राओं को धमकाया।

12 सितंबर – राज्य में धर्मांतरण के मामले बढ़े, धनबाद में 12 परिवार ने ईसाई धर्म अपनाया।

12 सितंबर – गढ़वा की नाबालिग का अपहरण कर लोहरदगा में दुष्कर्म।

महोदय, इसके अतिरिक्त चाहे गो तस्करों द्वारा महिला दारोगा की गाड़ी से कुचलकर की गई हत्या हो अथवा रांची की मुख्य सड़क पर विगत दिनों हुआ हिंसा का तांडव। इस सरकार ने तुष्टिकरण की पराकाष्ठा को भी पार कर दिया है।

महोदय, ऐसे हालात में पूरे प्रदेश में भय और दहशत का वातावरण है। अब बेटियां घरों में अपने विद्यालयों में भी सुरक्षित नहीं है। भारतीय जनता पार्टी राज्य के ऐसे हालात से चिंतित है और लगातार विभिन्न कार्यक्रमों, वक्तव्यों के माध्यम से सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराने का हरसंभव प्रयास किया है। माननीय उच्च न्यायालय ने भी इन मुद्दों पर सरकार को कड़े निर्देश दिए हैं। परंतु सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है। इस सरकार को केवल अपनी कुर्सी की चिंता है।

अतः उपर्युक्त के आलोक में अनुरोध है कि राज्य सरकार को ऐसी घटनाओं पर अविलंब रोक लगाने के लिए सख्त निर्देश देने की कृपा की जाय।

भवदीय,

दीपक प्रकाश