गुजरात चुनाव में अर्जुन मुंडा की मांग, CM रघुवर दास को भाजपा ने किया दरकिनार
दो चरणों में होनेवाले गुजरात विधानसभा के चुनाव के प्रथम चरण का चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है, दूसरे चरण का चुनाव प्रचार 12 दिसम्बर को समाप्त हो जायेगा। इन दोनों चरणों में भाजपा ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को गुजरात चुनाव प्रचार से दूर रखा है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की मांग बरकरार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा इन दिनों गुजरात के आदिवासी बहुल इलाकों में धुआधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अर्जुन मुंडा आदिवासियों के बीच स्पष्ट रुप से कह रहे हैं कि आदिवासियों का हित भाजपा से ही जुड़ा हैं। आदिवासी बहुल इलाकों में अर्जुन मुंडा को सुनने के लिए अच्छी खासी भीड़ भी जुट रही हैं।
अर्जुन मुंडा अपने भाषण में कहते है कि हमें भूलना नही चाहिए कि पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ही आदिवासियों के कल्याण और विकास की चिन्ता करते हुए एक अलग ही मंत्रालय बना दिया। अनुसूचित जनजाति मंत्रालय का ही देन है कि आदिवासियों के हितों के लिए एक नये युग का शुरुआत हुआ। उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता एक बार फिर भाजपा को सत्ता में लाये ताकि गुजरात का सम्मान बरकरार रहे।
पिछले दिनों गुजरात के दाहोद में अर्जुन मुंडा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ चुनावी सभा में भाग लिया, जबकि आज गुजरात के लिमखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित किया। विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यक्रम में भी पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा विशेष रुप से रुचि ले रहे हैं, वे उन कार्यक्रमों में भाग लेकर गुजरातियों के बीच एक बेहतर संबंध बनाने में कामयाब रहे। इधर गुजरात विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास को एकदम दरकिनार कर दिये जाने से भाजपा और सरकार में शामिल लोगों ने अभी से ही तरह-तरह के कयास लगाने शुरु कर दिये हैं। कुछ तो यह भी कह रहे कि कहीं ऐसा तो नहीं कि सीएम रघुवर दास ने पीएम नरेन्द्र मोदी का विश्वास खो दिया।