विकास-विकास का रट लगानेवाले, सीएम रघुवर के राज में, सिस्टम फेल, एक वृद्धा की भूख से मौत
पश्चिमी सिंहभूम के सोनूआ प्रखण्ड के पोड़ाहाट गांव में 65 वर्षीया एकल वृद्धा वीरेन दिग्गा की भूख से मौत की समाचार झारखण्ड में सुर्खियों में हैं, खुशी इस बात की है जहां एक ओर सीएम रघुवर दास को इन सभी बातों में रुचि नहीं होती, वहां इस विभाग के मंत्री सरयू राय ने इस समाचार को गंभीरता से लिया हैं तथा इस पूरे मामले की जांच जिला प्रशासन को, करने को कहा हैं। मंत्री सरयू राय ने जमशेदपुर परिसदन में एक संवाददाता सम्मेलन भी किया, तथा संवाददाताओं को अपनी पीड़ा भी बताई।
मंत्री सरयू राय ने कहा कि आज के प्रभात खबर में छपी खबर के अनुसार मृतका के पास अंत्योदय का राशन कार्ड नंबर है, लेकिन उसे तीन माह से राशन नहीं मिला, महिला पेंशनधारी है, लेकिन उसको पेंशन भी नहीं मिला, जो बताता है कि मामला अति गंभीर है, उन्होंने कहा कि इस संबंध में उपायुक्त को जांच करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि भूख से मौत की जांच के संदर्भ में एक विभागीय स्तर पर जो कमेटी बनी थी, उसने एक प्रोटोकॉल बनाया है, उस प्रोटोकॉल के मुताबिक उसमें एक चिकित्सक, प्रखंड विकास पदाधिकारी और जिलास्तरीय वरीय पदाधिकारियों को शामिल करते हुए तीन सदस्यीय समिति का गठन कर मामले की जांच करायी जायेगी।
मंत्री सरयू राय ने बताया कि सूचना का स्रोत रानी पांड्या है, जो पंचायत समिति की सदस्य भी है, वह कुछ दिनों से इस संबंध में प्रयास कर रही थी, वह मार्केटिंग आफिसर, डीएसओ, बीडीओ सभी से बात की, पर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, जो बताता है कि ये मामला कितना गंभीर है और स्थानीय प्रशासन कितनी तत्परता से काम कर रही है।
मंत्री सरयू राय के अनुसार, रानी पांड्या ने वहां के मुखिया से संपर्क नहीं किया, जबकि मुखिया के पास इन्हीं सभी कार्यों के लिए दस हजार रुपये दिये जाते है ताकि वह ऐसे हालात में उक्त राशि से संबंधित व्यक्ति के लिए अन्न का प्रबंध कर सकें। सरयू राय ने कहा कि वहां आकर्षणी महिला स्वयंसेवी समूह वहां की राशन डीलर है, डीएसओ द्वारा बताया गया है कि उन्हें हर माह आवंटन मिलता है, लेकिन उसका उतना आवंटन काट दिया जाता है, जितना दो माह पहले उसके स्टॉक में राशन है, मंत्री का कहना था कि जब राशन डीलर को आवंटन मिला, कटौती करके मिला है, उसके पास पहले का राशन शेष है, तो उसका काम देना है। मंत्री ने कहा कि रानी पांड्या का कहना है कि राशन डीलर ने ऑफलाइन राशन को बाट दिया, जबकि ऑनलाइन राशन बांटना चाहिए।
मंत्री का कहना है कि जो भी उन्हें सूचना प्राप्त हुई है, वे सारी अपुष्ट है, जिला प्रशासन को जांच करने को कहा गया है, अगर जांच सही नहीं हुई तो उच्चस्तरीय जांच भी इसका करायेंगे, क्योंकि विभाग मानता है कि राज्य में किसी की भी भूख से मौत नहीं होनी चाहिए। मंत्री सरयू राय ने कहा कि राशन कार्ड के साथ-साथ मुखिया के पास भी पैसे की व्यवस्था होने पर भी किसी की मौत भूख के कारण हो जाये तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि राशनडीलरों के लिए राज्य में एक और सुधार वे करने जा रहे हैं, कि कोई भी महिला या पुरुष यदि घर में अकेला है, और महीने का राशन नहीं लिया तो डीलर ये सुनिश्चित करेगा कि आखिर उसने राशन किस कारण से नहीं लिया और वहां राशन पहुंचाने का काम करेगा, इसके लिए उसे अलग से प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी, इसके लिए वे कानून भी बनवायेंगे।