रांची के सूर्यमुखी दिनेश आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में मना धन्वन्तरि जयंती एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
कोरोना काल ने स्वास्थ्य के प्रति लोगों का दृष्टिकोण ही बदल दिया है, जो लोग स्वास्थ्य के प्रति पूर्व में लापरवाह रहा करते थे, आज वे भी स्वास्थ्य के प्रति सचेष्ट हैं, जिसमें आयुर्वेद ने लोगों को स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा दी। सच पूछा जाये, तो आयुर्वेद नहीं होता तो भारत की बहुत बड़ी आबादी को कोरोनाकाल में संरक्षित रख पाना, संभव नहीं था।
आयुर्वेद ने इस संक्रमण काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में एक से एक उपचार लोगों तक पहुंचाई, जिससे लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती गई और कोरोना पर लोगों ने काबू भी पा लिया। ये बातें आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रविशंकर सिंह ने रांची के बूटी में स्थित सूर्यमुखी दिनेश आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के धन्वंतरि सभागार में आयोजित पंचम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस समारोह में कही।
महाविद्यालय के प्राचार्य वैद्य अमिताभ कुमार ने आगत अतिथियों के स्वागत के क्रम में कहा कि आयुर्वेद दिवस पर केन्द्रीय आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा “कोविड के लिए आयुर्वेद” कार्यक्रम का आयोजन, लोगों में आयुर्वेद के प्रति बेहतर सोच के भाव को जन्म देगा। इस दौरान उन्होंने आयुर्वेद के माध्यम से संक्रमण काल में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता के संवर्द्धन पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्य वक्ता आयुर्वेद के शल्य विभाग के प्रो. वैद्य सुनील कुमार ने सभागार में उपस्थित लोगों के बीच अपनी बातों को रखा तथा आयुर्वेद का विशेष लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन आयुर्वेद पद्धति का कही कोई विकल्प नहीं, जैसे ही आप इस ओर लौटेंगे, आपको पता चलेगा कि आपने अपने स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बना लिया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रुप से वैद्य गौरी शंकर उपाध्याय, वैद्य अनिल पांडेय, वैद्य बी. बी. पांडेय, डा. अर्चना पाठक, डा. अमृत लता, वैद्य अवध बिहारी शर्मा, डा. राजेश उपाध्याय समेत महाविद्यालय एवं अस्पताल के चिकित्साकर्मी भी उपस्थिति थे।