अपनी बात

भाजपा के पूरे प्रदेश में प्रखण्ड कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन की धनबाद में निकली हवा, सांसद-विधायक समेत सभी प्रमुख नेताओं ने प्रदर्शन स्थल से बनाई दूरियां, गिने-चुने लोग ही पहुंचे कार्यक्रम में

आज भाजपा ने प्रदेश स्तर पर राज्य के सभी प्रखण्ड कार्यालयों में राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन का आयोजन किया था। लेकिन इस धरना प्रदर्शन की उस वक्त हवा निकल गई, जब धनबाद के प्रखण्ड कार्यालय में आयोजित धरना-प्रदर्शन से भाजपा सांसद पीएन सिंह व विधायक राज सिन्हा के साथ-साथ धनबाद के सभी प्रमुख नेताओं ने मुंह फेर लिया। स्थिति ऐसी हो गई कि केवल गिने-चुने लोग ही दिखाई पड़े। वे भी वैसे लोग, जिनका धनबाद में कोई राजनीतिक हैसियत ही नहीं हैं।

धनबाद में स्वयं सांसद पीएन सिंह व विधायक राज सिन्हा, झरिया की नेतृ रागिनी सिंह, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हरि प्रकाश लाटा, संजीव अग्रवाल, प्रियंका पाल, रमेश राही, राज कुमार अग्रवाल, चंद्रशेखर सिंह, जिला कमेटी के प्रमुख नेता नितिन भट्ट, संजय झा, महेन्द्र शर्मा, प्रदीप मंडल, भाजयुमो धनबाद के अमलेश सिंह और उनकी टीम के साथ-साथ अन्य प्रमुख भाजपा नेताओं को अचानक इस धरना प्रदर्शन से गायब हो जाना यहां केवल भाजपा में ही नहीं, बल्कि अन्य दलों में भी चर्चा का विषय बना रहा।

राजनीतिक पंडित बताते हैं कि ऐसा इसलिए हुआ कि आज का दारोमदार भाजपा के प्रदेशस्तर के नेताओं ने प्रभारी सरोज सिंह को बनाया था, जबकि संयोजक मानुस प्रसून बनाये गये थे। ऐसे भी धनबाद के जो प्रमुख नेता हैं, वे सरोज सिंह को अभी तक स्वीकार नहीं कर पाये हैं और न उसे पसन्द करते हैं। उधर राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि वर्तमान जिलाध्यक्ष श्रवण राय जो सरोज सिंह व धनबाद भाजपा विधायक राज सिन्हा के कहने पर ही प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह ने बनाया था।

उसकी कार्यशैली से यहां सभी नाराज हैं और रही सही कसर पीएम मोदी के धनबाद आगमन ने कर दी, जब इस चुनाव के समय में भाजपा के कई प्रमुख नेताओं को पीएम मोदी से मिलने के लिए पास ही नहीं निर्गत किया गया और ऐसे लोगों को पीएम मोदी से मिलवा दिया गया, जिनकी कोई राजनीतिक हैसियत ही नहीं हैं। इधर आज की प्रखण्ड पर प्रदर्शन को नजरदांज कर भाजपा विधायक राज सिन्हा, धनबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा पाल रखी है और वर्तमान में कर्मवीर सिंह के कहने पर दिल्ली की दौड़ लगा दी है, तथा दिल्ली में बैठे नेताओं की परिक्रमा पर ज्यादा जोर दे दिया है। जिससे स्थिति बिगड़ गई है।