अपनी बात

ढुलू की परेशानी बढ़नेवाली अपने ही नेता को गंजेड़ी बोला, अपराधियों के साथ पदयात्रा की, दूसरी ओर पत्रकारों का जमकर रखा जा रहा ख्याल, पत्रकारों ने भी हर-हर ढुलू, घर-घर ढुलू कहना किया शुरु

ढुलू महतो की परेशानी बढ़नी निश्चित है। वे अपने बड़बोलेपन के कारण फिर सुर्खियों में हैं। चंदनकियारी में उन्होंने फिर विवादास्पद बयान दिया है। अपने ही सांसद को गंजेड़ी तक कह डाला है। उनके ये वीडियो सोशल साइट पर खूब वायरल हो रहे हैं। दूसरी ओर इनके इस नये वीडियो से भाजपा कार्यकर्ताओं में गुस्सा और भड़कता जा रहा है।

राजनीतिक पंडितों का इधर कहना है कि ढुलू महतो जान-बूझकर ऐसा कर रहे हैं, ताकि धनबाद का वोटर फारवर्ड-बैकवर्ड में बंट जाये और इससे उनकी जीत सुनिश्चित हो जाये। लेकिन दूसरी ओर राजनीतिक पंडित ये भी कह रहे हैं कि ढुलू के बार-बार इस बयान से संभ्रांत नागरिकों में यह संदेश गया है कि ढुलू महतो इस धनबाद की जनता के प्रतिनिधित्व को स्वीकार करनेलायक ही नहीं हैं।

जिस धनबाद का प्रतिनिधित्व कभी ए के राय, रीता वर्मा जैसी शिक्षाविद् और पीएन सिंह जैसे शांतचित्त व्यक्ति ने किया हो, वहां ढुलू महतो जैसा अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति, जिस पर कई अपराधिक मामले चल रहे हों, कई में सजायाफ्ता भी हो, उसे वोट देना भी वोट का अपमान है। पता नहीं भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं ने ऐसे व्यक्ति को टिकट किस आधार पर दिया?

इधर उस वक्त केन्दुआ में कई भाजपा नेताओं की स्थिति हास्यास्पद हो गई, जब वे ढुलू महतो के साथ निकले थे पदयात्रा में और वहां अपराधियों का एक बहुत बड़ा गैंग, जिसमें भुटका यादव, राजेश चौहान, अमर रवानी जैसे अपराधी खुलकर ढुलू महतो के समर्थन में आ गये। जिससे ढुलू महतो के संग चल रहे चरित्रवान नेता भी शर्म से शर्मसार हो गये, क्योंकि उनके इज्जत पर उस वक्त आन पड़ी थी। कई लोगों ने उन नेताओं से संपर्क किया तो उन्होंने अपनी स्थिति पर शर्म भी महसूस किया और स्वीकारा कि गलत तो हो रहा है।

इधर झारखण्ड में अगर किसी संसदीय क्षेत्र के पत्रकार सर्वाधिक मालामाल हो रहे हैं। तो वे हैं धनबाद के पत्रकार। चाहे चिरकुट पत्रकार हो या संपादक स्तर का सभी का ख्याल रखा जा रहा है। हर जगह मुंहमांगी रकम पहुंच रही है। पत्रकार महोदय भी खुश हैं। वे ईश्वर को इसके लिए धन्यवाद दे रहे हैं। उनका कहना है कि हमेशा धनबाद में चुनाव होते रहे।

ढुलू महतो और अनुपमा सिंह जैसे कोयला के धंधे में लगे मठाधीश चुनाव लड़ते रहे ताकि उनकी भी दुकानदारी चलती रहे। आश्चर्य तो यह भी है कि कुछ चिरकुट पत्रकार ढुलू महतो की जय-जय इस प्रकार कर रहे हैं, जैसे लगता हो ढुलू महतो अगर नहीं होता तो उसका अस्तित्व ही नहीं होता। वो खुलकर यूट्यूबर बनकर ढुलू के विरोधियों को अनाप-शनाप बक रहे हैं। ऐसा ही एक यू-ट्यूबर का सोशल साइट पर वीडियो वायरल हो रहा है। जो सरयू राय का ही क्लास लेने में दूसरों को ज्ञान दिये जा रहा है। यह वीडियो करीब 11 मिनट का है। यूट्यूबर ऐसा लग रहा है कि पूरा ड्रिंक किये हुए हैं।