आपातकाल लगाने वालों का DNA भारत में अभी भी है जिन्दा, प्रदेश कार्यालय व जिला स्तर पर BJP ने मनाया काला दिवस
आपातकाल विरोध दिवस पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मोरारजी देसाई और सत्याग्रह संचालन करने वाले अग्रजों के कारण हमारा मौलिक अधिकार अभी बचा हुआ है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के पूर्व, पूरा देश इंदिरा गांधी सरकार के भ्रष्टाचार से तंग आ चुका था।
संपूर्ण क्रांति, महंगाई, भ्रष्टाचार और राइट टू रिकॉल की लड़ाई लड़ी जा रही थी। इंदिरा ने सत्ता बचाने के लिए देश पर काला कानून आपातकाल थोप दिया। इस दौरान विपक्षी दल के एक लाख से ज्यादा नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जहां पुलिसिया दमन और बर्बरता की पराकाष्ठा देखी गई। उन्होंने कहा कि देश में आज भी आपातकाल लगाने वालों का डीएनए जिंदा है।
जिन्हें ना तो लोकतंत्र, प्रजातंत्र, लोकतांत्रिक संस्थाओं और न ही संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा है। कांग्रेस की नीति नीयत और नेतृत्व को लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है। पार्टी में भी आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो चुका है। उन्होंने मनमोहन सिंह के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, किंतु देश सोनिया गांधी चला रही थी, यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है।
कांग्रेस का चाल चरित्र सत्ता उपभोग के लिए राजनीति करना: बाबूलाल
इस कार्यक्रम में उपस्थित विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आपातकाल में संघर्ष करने वाले नेताओं को याद करते हुए कहा कि आपातकाल के विरोध में सर्वाधिक भारतीय जनसंघ और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया। आज उनके संघर्ष का फल है कि देश में पुनः लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल की गई। आपातकाल और कांग्रेस का चाल चरित्र बतलाता है कि कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ सत्ता उपभोग के लिए राजनीति करती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी का इतिहास रहा है लोकतंत्र के लिए संघर्ष करना।
राष्ट्रवाद की भावनाओं के साथ देश बढ़ेगा आगे: सीपी सिंह
आपातकाल के विरोध में जेल की यातनाएं सहने वाले रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश रक्षा से लेकर विकास के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है किंतु लोकतंत्र की हत्या करने वाले कांग्रेसियों को यह सब पच नहीं रहा। उन्होंने कहा कि चारा घोटाला के आरोपी और परिवारवाद को आगे बढ़ाने वाले लालू यादव और वंशवाद को आगे बढ़ाने वाले मुलायम का समाजवाद फेल हो चुका है। देश सिर्फ राष्ट्रवाद की भावनाओं के साथ आगे बढ़ेगा।
किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वाले दीपक प्रकाश पर किया गया केस कांग्रेसी तानाशाही का प्रतिफल
वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह कार्यक्रम के संयोजक दिनेशानंद गोस्वामी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना पढ़ते हुए कहा कि आजादी की दूसरी लड़ाई आपातकाल के दौरान लड़ी गयी। भारतीय इतिहास के लिए 25 जून काला दिन है। इंदिरा ने सत्ता की लोलुपता में विपक्षी नेताओं से लेकर सत्याग्रह करने वालों, अखबार व पत्रकारों पर जुल्म के इंतहा बरसाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से निकले हुए दलों में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो चुका है।
जो दल अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं के लिए न्याय नहीं दे सकते, वे देश को कभी भी न्यायिक नजरिये से देख नहीं सकते। उन्होंने कहा कि किसानों के हक और हुकूक की लड़ाई लड़ने वाले प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश व अन्य नेताओं पर जिस प्रकार से कांग्रेस झामुमो की सरकार ने केस किया है यह कांग्रेस की तानाशाही का घोतक है।
कार्यक्रम के दौरान आंदोलनकारी वरिष्ठ नेता सूर्यमणि सिंह और प्रमोद मिश्र ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि संविधान से पास हो चुका CAA, किसान कानून और धारा 370 की समाप्ति के विरोध में कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र का विरोध है। उन्होंने कहा कि नेहरू काल में शुरू हुआ तानाशाही आज भी जारी है। इंदिरा ने तानाशाही रवैये को शिखर पर ले जाने का कार्य किया था।
इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ जयप्रकाश नारायण और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के तस्वीर पर माल्यार्पण और आपातकाल के दौरान शहीद हुए प्रतिमूर्तियों के प्रति मौन रख कर कार्यक्रम आरंभ किया गया। इस क्रम में आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले और प्रदेश पदाधिकारियों को अंगवस्त्र और पुस्तक देकर सम्मानित किया गया।