क्या आपको पता है कि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी पुरुष न होकर महिला है?
एक बहुत बड़ा सवाल मेरे जेहन में चल रहा है, वो सवाल मैं आप सभी से पूछ रहा हूं कि क्या आपको पता है कि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पुरुष न होकर महिला है? आप पूछेंगे कि अरे ये कैसे हो सकता है? लेकिन मैं बता दूं कि इस भारत वर्ष में और उसमें भी इस झारखण्ड जैसे राज्य में कोई भी पुरुष, महिला या कोई भी महिला पुरुष हो सकती है, क्योंकि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों ने ऐसी जगह यहां बना ली है कि, सरकार किसी की भी हो, ये भ्रष्टाचार न तो कभी खत्म होगा और न ही भ्रष्टाचारियों का साम्राज्य समाप्त होगा।
दरअसल, दैनिक भास्कर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर आज एक समाचार छापी है। समाचार में यह प्रकाशित किया गया है कि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता षाड़ंगी बोले – “बिना आवेदन खाते में आ गए पैसे, सवाल ये कि आखिर जरुरी दस्तावेज किसने दिये”। भाई इसमें कौन सी बड़ी बात है, जब भ्रष्टाचार ही है तो और जिसको भ्रष्टाचार ही करना है, उसके लिए जरुरी दस्तावेज कही से उठाकर कही पर शामिल कर देने में कौन सी दिक्कत है?
इस अखबार ने कुणाल षाड़ंगी पर आरोप लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन ये नहीं बताया कि भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के अधीन कृषि, कारपोरेशन एवं कृषक कल्याण विभाग द्वारा जारी पीएम किसान सम्मान निधि सूची में कुणाल षाड़ंगी पुरुष से स्त्री कैसे हो गये? अगर दैनिक भास्कर इस सवाल पर भी दिमाग लगाता तो फिर उसे यह जानने में कोई दिक्कत नहीं होती कि भ्रष्टाचार यहां किस कदर हावी है।
अरे, यहां तो सरकार किसी की भी हो, अगर आपने सरकार के खिलाफ कुछ लिख दिया तो आपका सरकारी विज्ञापन ही बंद हो जायेगा, और ज्यादा ये सब लिखे और भ्रष्टाचारियों को ये बात समझ में आ गई और इन भ्रष्टाचारियों ने सरकार में शामिल मठाधीशों तक ये बात पहुंचा दी, तो आपको लेने के देने पड़ जायेंगे।
अब जैसे दैनिक भास्कर और उसके संवाददाता या भारत सरकार ही बता दें कि…
- क्या उनके पास इस बात के पक्के सबूत है कि कुणाल षाड़ंगी ने पीएम किसान निधि प्राप्त करने के लिए कोई आवेदन भरा है?
- सच्चाई यह है कि इनकम टैक्स पेयी होने के कारण इस योजना का वे लाभ ही नहीं ले सकते, क्योंकि सिस्टम इसे एलाउ ही नहीं करेगा। फिर भी इसे एलाउ कैसे किया गया?
- लाभुक का लिंग बदलकर उसे महिला कर देने के बाद भी क्या सिस्टम एलाउ करेगा?
- न तो राशि भेजने के समय कोई सूचना और न ही राशि भेजना बंद करने के समय लाभुक को किसी तरह की सोई सूचना देना, क्या ये गलत नहीं?
- जब पिछले साल ही राशि को वापस करने के लिए बैंक को सूचित किया गया, क्योंकि बैंक को ही यह काम करना है, लाभुक को इस बात की जानकारी नहीं कि पैसा किस एकाउंट से आया है, ताकि उसी एकाउंट में पैसे भेजा जा सके। ऐसे में बैंक ने सुधार क्यों नहीं किया?