रघुवर शासन में डाक्टरों की अब खैर नहीं, अब डाक्टरों को दिखाया जा रहा कट्टे का भय, मौत के साये में डाक्टरों को देनी होगी अपनी सेवा
रघुवर शासन का कमाल देखिये, अब यहां के चिकित्सकों को कट्टे का भय दिखाया जा रहा है, यही नहीं उन्हें देख लेने की धमकी भी दी जा रही हैं, खूलेआम कट्टे को नर्सिंग होम के सामने लहराया जा रहा हैं, फायरिंग की जा रही है, और नर्सिंग होम में कार्यरत कर्मियों को कट्टे के बल पर उठाने का प्रयास भी किया जा रहा हैं, जब पुलिस को इसकी सूचना दी जाती है, तो वह उक्त अपराधी को पकड़ने की कोशिश नहीं करती।
पता नहीं आखिर पुलिस किसके भय से अपराधियों को पकड़ने में दिलचस्पी नहीं लेती, बताया जा रहा है कि जिस अपराधी ने ये कुकृत्य किया हैं, उस पर बाघमारा के ही जनप्रतिनिधि का वरद्हस्त प्राप्त है, जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस को हैं, जिसके कारण उसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
ये सारी घटना हैं, धनबाद के कतरास की, जहां के संजीवनी नर्सिंग होम में कल एक अपराधी ने रात को कट्टा लहराया, फायरिंग की, लोग बताते है कि अगर कोई मरीज कल बाहर होता तो निश्चय ही गोली का शिकार होता और मर जाता। जिसने यह कुकृत्य किया, उसका नाम संजय राय हैं, जो कोलमुरना का रहनेवाला है। इसके खिलाफ नेम्ड एफआइआर किया गया है, फिर भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
सूत्र बताते है कि संजीवनी नर्सिग होम डा. सौरभ प्रकाश चलाते हैं। इस घटना के बाद से पूरे धनबाद के चिकित्सक डरे हुए हैं, उनका कहना है कि अगर ऐसी हालत रहेगी तो डाक्टर कैसे लोगों का इलाज करेंगे? भय से तो इलाज किसी का हो ही नहीं सकता। ये घटना तो शर्मनाक है। कल की घटना के बाद सभी डाक्टर हड़ताल पर चले गये, जिससे पूरे धनबाद में चिकित्सा सेवा ठप पड़ गई है।
इधर डा. सुशील कुमार, आइएमए, जेनरल सेक्रेटरी, धनबाद का कहना है कि यह घटना पूरे झारखण्ड के कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर कर दे रहा हैं, यह पूरे भारत वर्ष में पहली घटना है, जो झारखण्ड में घटी है, इससे बड़ी शर्मनाक बात झारखण्ड सरकार और यहां के पुलिस प्रशासन के लिए कुछ हो ही नहीं सकता।
कमाल है जिस अपराधी ने अपराध किया, उसे यहां की पुलिस-जंगल झाड़ियों में खोज रही है। उन्होने जिला पुलिस प्रशासन और झारखण्ड सरकार पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि जब डाक्टरों से इतनी ही चिढ़ है तो मैं कहता हूं कि मार दो सारे डाक्टरों को, फांसी पर लटका दो, चौराहों पर लटका दो। हथियारों से कही इलाज होता है, अरे हम भी डाक्टर हैं, मनुष्य है, भय से नहीं बल्कि भाइचारे से काम करेंगे।
धनबाद का पुलिस प्रशासक इतना मूकदर्शक हो गया कि उसे विडियो फूटेज उपलब्ध करा दिया गया और वह उक्त अदना सा अपराधी को गिरफ्तार तक नहीं कर पाया है। इसी से ये घटना बताता है कि धनबाद पुलिस प्रशासन की क्या औकात है? जरुरत पड़ा तो इस घटना के खिलाफ आंदोलन के तौर पर इसे जिले अथवा पूरे राज्य में फैलायेंगे तथा चिकित्सा सेवा ठप कर देंगे। यहां का पुलिस प्रशासन, बाघमारा प्रशासन, जनप्रतिनिधि समझ लें, आइएमए चुपचाप बैठा नहीं रहेगा, हथियार पर हम चलनेवाले नहीं। अगर हमको मारना है तो मार दो, कई डाक्टर मरे हैं, पर हम जब भी किसी मरीज का इलाज करेगें, डर के नहीं करेंगे।
इधर कल रात की इस घटना के खिलाफ धनबाद के सुप्रसिद्ध चिकित्सकों ने कतरास में धरना दिया तथा स्थानीय पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। इधर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने डाक्टरों को भरोसा दिलाया है कि वे जल्द ही अपराधी को गिरफ्तार कर लेंगे, पर डाक्टरों को स्थानीय पुलिस प्रशासन पर भरोसा नहीं हैं।
दूसरी ओर बुद्धिजीवियों का कहना है कि अगर इस घटना पर जल्द अंकुश नहीं लगा तो आनेवाले दिनों में एक भी अच्छे डाक्टर धनबाद में नहीं दिखेंगे, क्योंकि कोई जान देकर यहां किसी का इलाज क्यों करेगा। बुद्धिजीवियों का भी कहना है कि इस घटना ने पूरे पुलिस प्रशासन के मुंह पर कालिख पोत दी है, ऐसे भी धनबाद में कानून-व्यवस्था की क्या हाल हैं, सभी को पता है?