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CM हेमन्त सोरेन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई से कैमरून, दक्षिण अफ्रीका में फंसे 27 प्रवासी श्रमिक झारखण्ड लौटे, साथ ही प्रत्येक श्रमिकों को राज्य सरकार की ओर से मिले 25-25 हजार रुपये

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश एवं श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग की त्वरित पहल पर दक्षिण अफ्रीका के कैमरून के याउंडे में विनायक कंस्ट्रक्शन, फेस जेंडरमेरी, अप्रेस ऑडिटोरियम और जीन पॉल टू मबांकलो कंपनी में कार्यरत झारखंड के 27 श्रमिकों की आज सबेरे सुरक्षित अपने घर वापसी हो गई। श्रम विभाग को जैसे ही शिकायत मिली, उस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए एल० एण्ड टी० कम्पनी एवं भारतीय उच्चायोग से बात की गयी तथा उसी दिन सभी संबंधित प्रवासी मजदूरों को राशि भुगतान उनके खाते में कर दी गयी।

साथ ही जो प्रवासी श्रमिक वापस अपने देश आना चाहते थे उनको भारतीय उच्चायोग के सहयोग से भारत बुला लिया गया जिसमे श्रम विभाग का योगदान महत्वपूर्ण था। स्वदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों में खुशी की लहर है। उन्होंने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का तहे दिल से आभार जताया है। श्रमिकों ने कहा कि मुख्यमंत्री के त्वरित कार्रवाई एवं सतत प्रयास से हमलोग आज अपने घर सकुशल लौटे हैं।

बता दें कि लौटने वालों में 18 बोकारो, चार गिरिडीह तथा पांच हजारीबाग जिले के श्रमिक शामिल हैं। सभी श्रमिकों का पारसनाथ स्टेशन पर सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण व कौशल विभाग, श्रमायुक्त, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विभाग की उपस्थिति में जिला प्रशासन द्वारा माला पहनकर भव्य स्वागत किया गया।

इसके पश्चात प्रवासी श्रमिकों के सकुशल वापसी के उपलक्ष्य में वेद वाटिका होटल, डुमरी में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता, स्कूली शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम, महिला बाल विकास मंत्री बेबी देवी गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन शामिल हुई। इस अवसर पर सभी श्रमिकों के बीच 25-25 हजार रूपए का चेक का वितरण किया गया तथा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

मौके पर मुख्यमंत्री से मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन श्रमिकों से बातचीत कराई गई। उन्होंने सभी श्रमिकों का हौसला अफजाई किया और कहा कि राज्य सरकार आपकी सेवा और सुविधा में सदैव तत्पर है। सरकार का प्रयास यही है कि श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार के अवसर प्रदान किए जाय, जिससे कि श्रमिकों को कहीं पलायन नहीं करना पड़ें।

श्रम सचिव मुकेश कुमार ने जानकारी दी कि वैसे प्रवासी श्रमिक जो इस तरह के धोखाधड़ी में फंस जाते हैं इस हेतु पर विभाग द्वारा श्रमायुक्त, झारखण्ड की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गयी है जो इस मामले को देख रही है। इसमें जो भी ठेकेदार दोषी पाये जायेंगे, उन पर विभाग द्वारा कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी। श्रम सचिव ने प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि से बाहर जाने के पूर्व श्रम विभाग में पंजीकरण अवश्य कराएं।