स्पीकर रवीन्द्र द्वारा नमाज कक्ष के आवंटन से बौखलाई भाजपा ने उठाई मांग विधानसभा में शीघ्र बने हनुमान मंदिर
कल यानी शुक्रवार को स्पीकर रवीन्द्र नाथ महतो के आदेश से झारखण्ड विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर विधानसभा भवन में कमरा नंबर TW-348 को नमाज कक्ष के रुप में आवंटित कर दिया। जिसको लेकर भाजपा और उसके समर्थक आग-बबूला हो गये और वे इसको लेकर सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन करने की बात कर रहे हैं।
स्पीकर रह चुके सीपी सिंह तो साफ कहते है कि वे रवीन्द्र नाथ महतो द्वारा दिये गये आदेश का विरोध नहीं करते, क्योंकि इबादत करने का अधिकार सभी को है, ऐसे में इबादत करने का अधिकार हम भाजपा विधायकों को भी है, ऐसे में जब मुस्लिम विधायकों को नमाज पढ़ने के लिए एक कक्ष आवंटित कर ही दिया गया।
तब बाकी बचे विधायकों के लिए भी एक भव्य हनुमान मंदिर बनाने के लिए विधानसभा परिसर में एक स्थल आवंटित किया जाये, रही बात मंदिर बनाने की, तो उसकी चिन्ता हेमन्त सरकार या स्पीकर नहीं करें, हम विधायक मिलकर खुद ही बना लेंगे। पूर्व स्पीकर और नगर विकास मंत्रालय संभाल चुके सीपी सिंह साफ कहते है कि यह सीधा-सीधा तुष्टिकरण का मामला है।
चार विधायकों के लिए नमाज कक्ष का आवंटन, तो 78 विधायकों के लिए मंदिर की स्थापना क्यों नहीं? राजनीतिक पंडितों की मानें, तो हेमन्त सरकार जब से सत्ता में आई हैं, तो उसकी छवि हिन्दु-विरोधियों की हो गई हैं, उसके कई उदाहरण है। हाल ही में मुख्यमंत्री का यह बयान कि आदिवासी हिन्दु नहीं है।
नियुक्ति परीक्षा को लेकर भाषा के किये गये चयन में उर्दू को तो रखा गया पर भोजपुरी, मगही, मैथिली और हिन्दी का सफाया कर दिया गया और अब विधानसभा कक्ष में नमाज कक्ष बना दिया जाना, साफ-साफ बताता है कि हेमन्त सोरेन की रुचि एक विशेष समुदाय के वोटों की तरफ है, तुष्टिकरण पर सरकार का ज्यादा ध्यान है।
जिसको लेकर भाजपाइयों में गुस्सा है, और इसका प्रभाव झारखण्ड के मतदाताओं पर भी पड़ रहा हैं, जिसका आकलन हेमन्त सरकार को नहीं हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से मुस्लिम-आदिवासियों को वोट उन्हें भरपूर मिलेगा और फिर से वे सत्ता में आ जायेंगे।
पर जानकारों का कहना है कि सच्चाई यह है कि अब कभी भी चुनाव होंगे, हेमन्त सरकार का जाना तय है, चाहे वो कितना भी तुष्टिकरण का कार्य क्यों न कर लें, क्योंकि इसकी प्रतिक्रिया भी हिन्दु समुदाय में उसी प्रकार हो रही हैं, जिस प्रतिक्रिया की आशा भाजपा कर रही है। तभी तो भाजपा के सारे विधायक इन दिनों सरकार के खिलाफ मुखर है।
भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी कहते हैं कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है, जिसे किसी धर्म या पंथ की परिधि में समेट कर रखा नहीं जा सकता। लेकिन झारखण्ड विधानसभा में किसी वर्ग विशेष के लिए नमाज कक्ष का आवंटन किया जाना न केवल एक गलत परम्परा की शुरुआत है।
बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के भी विपरीत है। मैं विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो से अविलम्ब इस निर्णय को वापस लेने का अनुरोध करता हूं, अन्यथा भाजपा झारखण्ड इस निर्णय के विरोध में सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन करेगी।
विरंची नारायण कहते है कि विधानसभा में नमाज के लिए एक कमरा एलॉट करना तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है, अगर आप एक वर्ग को नमाज पढ़ने के लिए एक कमरा एलॉट करते हैं तो हिन्दू विधायकों को हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए कम से कम पांच कमरे एलॉट करें।
क्योंकि उनकी संख्या अधिक है, अच्छा रहेगा पांच कमरों की जगह एक हॉल ही एलॉट करवा दिया जाये, यहीं नहीं हिन्दूओं के साथ-साथ बौद्ध, जैनियों व सरना धर्मावलम्बियों के लिए भी विशेष कक्ष एलॉट कराई जाये, आखिर केवल मुस्लिमों पर ही इतनी कृपा क्यों?