अपराध

पहले तो बच्चे को अपने पास नहीं रखना चाहती और न पति के साथ रहना चाहती थी और अब बच्चे को पाने के लिए नासिक तक पहुंच गई नामकुम रांची की निशा

कोई ज्यादा दिनों की बात नहीं, बस 25 नवम्बर 2024 की बात है। निशा देवी ने महिला थाना रांची को एक आवेदन लिखकर दिया था कि वो नामकुम थानान्तर्गत जोरार बस्ती की रहनेवाली है। वो अपने पति अजय गुप्ता के साथ नहीं रहना चाहती और न ही वो अपने बच्चे के साथ रहना चाहती है। उसका पति अजय गुप्ता ही उसके बच्चे को रखेगा। वो अपने मां के घर रहेंगी। वो दूसरी शादी करेगी। वो अपने वर्तमान पति से एक भी पैसा नहीं लेगी और न ही फोन पर बात करेगी। अगर वो इन सभी बातों का पालन नहीं करेगी तो वो कानूनी कार्रवाई की भागीदार बनेंगी।

लेकिन कुछ ही दिनों पहले वो नामकुम थाना पहुंचती है और वो थाने में रिपोर्ट लिखाती है कि उसका बच्चा, उसका पति लेकर नासिक चला गया है। वो अपने बच्चे को चाहती है। जब नामकुम पुलिस नासिक में रह रहे उसके पति अजय गुप्ता से संपर्क करती है तो अजय साफ कहता है कि वो अपने बच्चे को लेकर नहीं भागा, बल्कि निशा यानी उसकी पत्नी जो उसे छोड़ चुकी हैं, वो खुद अपने बच्चे को अपने पास नहीं रखना चाहती थी, इसलिए वो अपने बच्चे को ले आया और उसका पालन-पोषण कर रहा है।

जब नामकुम पुलिस ने निशा से ये सवाल पूछा तो निशा ने पहले तो काना-कानी की, लेकिन जैसे ही अजय ने महिला थाना में उसके द्वारा दिये गये आवेदन को नामकुम थाने के एएसआई टी पी केसरी को व्हाट्सएप्प के माध्यम से भेजा, तो निशा की कलई खुल गई। एएसआई टी पी केसरी को यह जानते देर नहीं लगी कि गलती किसकी है। फिर भी एएसआई टी पी केसरी ने बच्चे के भरण-पोषण और उसका ख्याल उसकी मां बेहतर ढंग से कर सकती है। ऐसा सोचते हुए, उन्होंने अजय को निशा के हवाले करने की बात कही।

इस पूरे मामले को देख रहे नामकुम थाने में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक टी पी केसरी

अजय ने भी बिना किसी विरोध के नासिक थाने में अपने बच्चे को निशा के हाथों पुलिस के कहने पर सौंप दिया। निशा अपने बच्चे को लेकर नामकुम लौट रही हैं। टीपी केसरी बताते हैं कि दोनों ने कुछ साल पहले ही शादी डॉट कॉम के माध्यम से न्यायालय में विवाह किया था। अचानक इन दोनों में क्या खटपट हुई। ये दोनों स्वयं से अलग हो गये और अब निशा चाहती है कि उसका बेटा, उसके साथ रहे। ऐसे में अब मामला अदालत में जायेगा, अदालत क्या फैसला देती हैं। अब अदालत पर ही है।

लेकिन वे सुनिश्चित करेंगे कि अजय और निशा के विवाद में नवजात शिशु के भरण-पोषण पर कोई असर न पड़ें। इधर अजय गुप्ता के परिवार ने नासिक थाने और नामकुम थाने के पुलिसकर्मियों से गुहार लगाई है कि उसके बच्चे पर कोई संकट न आये, इसे सुनिश्चित किया जाये। निशा के अचानक इस बदलाव की चर्चा से पूरा समाज हतप्रभ है और ये कहने से नहीं हिचक रहा कि आखिर अजय गुप्ता का इसमें क्या कसूर हैं? वो तो अपना दायित्व सही ढंग से निर्वहण कर रहा था। हालांकि नामकुम पुलिस इस पूरे संवेदनशील प्रकरण पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।

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