असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा के विवादास्पद बयान पर झारखण्ड में भूचाल, झामुमो की मांग हिमंता के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज हो व तत्काल प्रभाव से उन पर झारखण्ड में प्रवास और भ्रमण पर भी लगे रोक
कल सारठ में भाजपा की हुई सभा में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा दिये गये विवादास्पद बयान को लेकर झारखण्ड में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। भाजपा और उससे जुड़े दलों को छोड़कर उसकी चिर प्रतिद्वंदी सभी पार्टियों ने इस विवादास्पद बयान पर अपनी भृकुटी तान दी है और इस भाषण को बर्दाश्त से बाहर बताते हुए राज्य के मुख्य निर्वाची पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा तथा उस भाषण की एक विडियो क्लिप भी मुख्य निर्वाची पदाधिकारी को सौंपी तथा इस पर जल्द ही एक्शन लेने को कहा, मुख्य निर्वाची पदाधिकारी ने सारठ की सभा की जांच कराने और एक्शन लेने की बातें इंडिया गठबंधन के नेताओं से कही हैं।
इसी बीच झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिस प्रकार की भाषा असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा उपयोग कर रहे हैं, उसे किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता। पहले तो ये व्यक्तिगत तौर पर अपनी बातों को रख रहे हैं, फिर राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं और उसके बाद ये धर्म और धर्म में पृथकता की बातें ला दे रहे हैं। हमलोगों ने इसकी जानकारी ज्ञापन के माध्यम से मुख्य निर्वाची पदाधिकारी को दे दी हैं। मुख्य निर्वाची पदाधिकारी ने भी इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की बात कही हैं।
लेकिन झामुमो की मांग है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज हो, तत्काल प्रभाव से उन पर झारखण्ड में प्रवास और भ्रमण पर भी रोक लगे, क्योंकि उनके द्वारा फैलाये जहर झारखण्ड की समृद्ध परम्परा के खिलाफ है। सुप्रियो ने कहा कि बांगलादेशी घुसपैठी की बात करनेवाले भाजपा से उनका सवाल है कि 2011 में इस देश की जब अंतिम जनगणना हुई तो क्या उनकी पार्टी अस्तित्व में नहीं थी। उस वक्त तो झारखण्ड भी 11 साल का हो चुका था। 2014 और 2019 में भी चुनाव हुए, उस वक्त बांगलादेशी घुसपैठ का सवाल इन्होंने क्यों नहीं उठाया, आज बांगलादेशी घुसपैठी का मामला क्यों उठ रहा? ये कौन सा सर्वे आ गया कि आज ये इतने बेचैन हो गये।
सुप्रियो ने कहा कि दरअसल इनके पास कोई मुद्दे ही नहीं हैं। इनके पास कोई नेतृत्व ही नहीं हैं। भ्रष्टाचार द्वारा इन्होंने अकूत संपत्ति बना ली है। कल से पूरे झारखण्ड को आग में झोंकने का काम शुरु होगा। इनके यहां से एक और स्टार प्रचारक आयेगा जो उलटा लटकाकर सीधा करने की बात करता है। जबकि यह समय सांप्रदायिक सौहार्द के साथ पर्व मनाने का है। चुनाव भी लोकतंत्र का पर्व है। जिसमें सभी धर्मों के लोग भाग लेते हैं। छठ आ रहा है, जिसमें दलित समुदाय के यहां से सूप और दौरा खरीदा जायेगा। राइन समुदाय फल बेचेगा। घाटों की सफाई होगी। उस समय ऐसी बातें करना, वो भी तब जब समाज को एक होना है, मिलकर खुशियां मनाना है। उस समय इस प्रकार की बात?
सुप्रियो ने कहा कि अब अशफाक उल्ला, मौलाना आजाद से उनका जन्म और सीमांत गांधी तथा एपीजे कलाम से उनका वंश पूछा जायेगा? कहां से ऐसे लोग आते हैं? भाषा की भी एक सीमा होती है। चुनाव आयोग यह तय कर लें कि झारखण्ड में शांति भंग करने का भाजपा की जो कोशिश को अगर वे शह देंगे तो चुनाव तो आते-जाते रहते हैं, जनता का आशीर्वाद हमारे साथ हैं, सरकार हम ही बनायेंगे। जो इस प्रकार की बात करता है, समाज को बांटने की बात करता है, झारखण्ड को आग में झोंकना चाहता है, इस राज्य को कारपोरेट के हाथों गिरवी रखना चाहता है, वैसे लोगों को झारखण्ड की जनता माफ नहीं करेगी।
सुप्रियो ने कहा कि चुनाव आयोग कल 24 घंटे तक यह तय कर लें कि उके स्टार प्रचारक की जो भाषाएं हैं, उसकी स्कूटनी करें और अपना निर्णय दें, उनके प्रवास भ्रमण, चुनावी सभाओं पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करें। भाजपा के जो झारखण्ड के नेता हैं, वो आज इनलोगों के कारण शर्मिंदा हैं। भाजपा के लोग मुंह नहीं दिखा रहे हैं। क्षेत्र में नहीं जा रहे हैं। भाजपा का जो शीर्ष नेतृत्व भी सोचे और ऐसे लोगों को प्रतिबंधित करें।