झारखण्ड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा बुलाये गये झारखण्ड बंद का रांची-खूंटी में दिखा असर, धनबाद-जमशेदपुर-डालटनगंज में बंद का कोई असर नहीं
झारखण्ड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा कथित 60-40 नियोजन नीति के विरोध में बुलाये गये झारखण्ड बंद का राजधानी रांची व खूंटी में थोड़ा-बहुत असर दिखा, जबकि दूसरे प्रमुख शहरों जैसे जमशेदपुर, धनबाद व डालटनगंज में कोई खास असर नहीं दिखा। हालांकि इन शहरों में भी सुबह के समय कुछ इक्के-दुक्के स्थानों पर बंद समर्थकों ने टायर जलाकर यातायात को प्रभावित करने की कोशिश की, पर इसका कोई खास असर नहीं दिखा।
राजधानी रांची के मोराबादी इलाकों व अलबर्ट एक्का चौक पर बंद का असर साफ दिखा। लोगों ने अपने दुकानें सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्वयं बंद रखे। आज के बंद को देखते हुए रांची के सभी स्कूलों ने अपना स्कूल स्वयं बंद कर दिया था। यह एक तरह से परिपाटी ही कह लीजिये, क्योंकि कोई भी संगठन अब बंद का ऐलान करता हैं तो निजी स्कूल स्वयं उस दिन स्कूल बंद कर देता हैं, क्योंकि कोई इस बंद को देखते हुए सिरदर्द मोल लेना नहीं चाहता।
ऐसे भी भीषण गर्मी के कारण अब लोग सुबह नौ बजे के बाद से लेकर सायं पांच बजे के पहले तभी निकलते हैं, जब उन्हें बहुत ही जरुरी हो। इसलिए इस भीषण गर्मी में ऐसे भी बहुत कम गाड़ियां सड़कों पर दिखाई देती है। ऐसे में रांची में देखा जाय, तो स्कूलें बंद थी। अपरबाजार की ज्यादातर व्यापारिक दुकानें बंद दिखी, जबकि चुटिया में बंद का कोई असर नहीं दिखा। लोग गर्मी से बचने के लिए अपने घरों में रहना ही ज्यादा सुरक्षित जरुरी समझा।
इधर सूचना है कि रांची के कुछ इलाकों में बंद समर्थकों पर पुलिस की लाठियां चटकी, कुछ जगहों से बंद संमर्थक गिरफ्तार भी किये गये। जबकि जमशेदपुर, धनबाद व डालटनगंज से ऐसी कोई सूचना नहीं हैं। विद्रोही24 ने जब इन इलाकों के प्रमुख संवाददाताओं से संपर्क साधा तो उनका कहना था कि उनके इलाके में बंद का कोई असर नहीं हैं। आम दिनों की तरह यहां भी सारे काम-काज चल रहे हैं।
स्कूल-कॉलेज खुले हैं। व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले हैं। आम दिनों की तरह सडकों पर वाहन चल रहे हैं। गर्मी का प्रभाव यहां भी हैं। लोग अपने घरों में रहना ज्यादा जरुरी समझ रहे हैं। सुबह नौ बजे से लेकर सायं पांच बजे तक ऐसे भी सडकों पर इक्के-दुक्के ही लोग नजर आते हैं, क्योंकि इस गर्मी से हर कोई जान छुड़ाना चाहता है।