आदिवासी पारंपरिक सामाजिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास, CM हेमन्त ने संताल परगना के परगनैत को प्रति माह तीन हजार रूपए सम्मान राशि देने संबंधी प्रस्ताव को दी स्वीकृति
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बाद आदिवासी सामाजिक व्यवस्था को गांव-पंचायत स्तर पर नेतृत्व प्रदान करने वाले संताल परगना के परगनैत को मानकी की तरह प्रति माह तीन हजार रूपए सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त एवं आयुक्त, दुमका के अनुशंसा के आलोक में संथाल परगना के विभिन्न जिले के परगनैत को मानकी के अनुमान्य मानदेय देने के विषय पर अपना अनुमोदन दे दिया है।
सम्मान राशि में तीन गुना वृद्धि
वर्तमान में मानकी को प्रतिमाह तीन हजार रूपए, मुण्डा एवं ग्राम प्रधान को प्रतिमाह दो हजार रूपए तथा डकुआ, परगणौत, पराणिक, जोग मांझी, कुडाम नायकी, नायकी, गोडैत, मूल रैयत, पड़हा राजा, ग्रामसभा का प्रधान, घाटवाल, तावेदार तथा ग्रामीण दिउरी (पुजारी) को प्रतिमाह एक हजार रूपए सम्मान राशि का भुगतान किया जा रहा है।
पूर्व में भी सम्मान राशि देने का दिया है आदेश
मुख्यमंत्री ने इससे पहले फरवरी 2022 में गिरिडीह जिला के पीरटांड़ में निवास करने वाले मांझी हडाम, जोग मांझी, पराणिक, नायके बाबा, कुड़ाम नायके को राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा प्रतिमाह एक हजार रूपये सम्मान राशि के रूप में भुगतान करने का आदेश दिया था। राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के उपरांत पीरटांड़ के 177 मांझी हडाम, 179 जोग मांझी, 143 पराणिक, 78 एवं 120 कुड़ाम नायके को सम्मान राशि प्राप्त हो रही है। मालूम हो कि उपरोक्त सभी 697 लोगों का नाम पूर्व में छूट गया था। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने इन्हें सम्मान राशि प्रदान करने का आदेश दिया था।