अपनी बात

झारखण्ड विधानसभा के दूसरे फेज का चुनाव संपन्न, जनता ने कहा उन्हें हेमन्त पसन्द, पुनः राज्य में हेमन्त सरकार बनने की प्रबल संभावना, झामुमो गठबंधन की सीटें बढ़ेंगी, भाजपा गठबंधन ने अपना कबाड़ा खुद निकाला

झारखण्ड विधानसभा के दूसरे फेज का चुनाव भी आज संपन्न हो गया। झारखण्ड की जनता का झुकाव फिर से हेमन्त सोरेन की ओर दिखा। राजनीतिक पंडितों की मानें तो राज्य में हेमन्त सरकार की दुबारा बनने की प्रबल संभावना दिख रही हैं। झामुमो गठबंधन की सीटें भी बढ़ेंगी, भाजपा गठबंधन ने अपना कबाड़ा खुद निकाल लिया है। आज के मतदान ने राज्य के उन असामाजिक तत्वों व घटिया स्तर के तथाकथित पत्रकारों पर भी करारा तमाचा मारा है, जो हर चुनाव को जाति व धर्म के नजरों से देखते हैं।

पहली बार हर मतदान केन्द्रों में हर जाति व हर धर्म के लोगों ने मिलकर जिसे जिसको मन किया, मतदान किया। ऐसा नहीं कि किसी खास जाति के लोगों या किसी खास धर्म के लोगों ने खास पार्टी को वोट देकर मतदान की इतिश्री कर दी। ग्रामीण क्षेत्रों में खुलकर भारी मतदान हुआ। बताया जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में झामुमो गठबंधन के पक्ष में खुलकर मतदान हुए। संथाल परगना व कोयलाचंल में हुए आज के मतदान में झामुमो गठबंधन और भाजपा गठबंधन में कहीं कोई मुकाबला नहीं दिख रहा। हर जगह झामुमो गठबंधन मजबूत स्थिति में दिखा।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो हेमन्त सोरेन को आज ही चुनावी जीत की बधाई दे दी जा सकती है, क्योंकि आज के मतदान का रूख तो क्लियर बता दे रहा है कि झामुमो गठबंधन के आगे भाजपा गठबंधन कहीं नहीं दिखी। कई मतदान केन्द्रों पर तो भाजपा गठबंधन बहुत कमजोर दिखी। कई इलाकों में भाजपा कार्यकर्ता ही अपने प्रत्याशी के खिलाफ आज के दिन भी कैंपेन चलाते दिखे और ये सब दिखा कोयलांचल में। धनबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में तो कई जगहों पर भाजपा के कट्टर समर्थक और भाजपा के पदाधिकारी ही भाजपा के खिलाफ दिखे, जिसे देखकर राजनीतिक पंडितों का समूह आश्चर्यचकित था।

राजनीतिक पंडितों का कहना था कि आज के चुनाव में भाजपा की इतनी दयनीय दशा कभी देखी नहीं गई। राजनीतिक पंडितों की मानें तो इसके लिए अगर कोई जिम्मेदार हैं तो भाजपा के प्रदेश के वे नेता हैं, जिन्होंने भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी। जबकि जैसे-जैसे मतदान की तिथियां नजदीक आती गई। इन इलाकों में हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन का जादू सिर चढ़कर बोला। जिसके कारण झामुमो कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद होते चले गये, जबकि मतदाताओं में भी इन दोनों की इम्पैक्ट बनी रही।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो भाजपा के बड़े-बड़े नेता इस बार धराशायी होते दिख रहे हैं। चंदनकियारी में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी और धनवार में बाबूलाल मरांडी की स्थिति ठीक नहीं दिख रही। जबकि सिल्ली में आजसू के सुदेश महतो भी पिछड़ते नजर आ रहे हैं। खिजरी में आज के चुनाव ने फिर से राजेश कच्छप को मजबूती दे दी हैं। पूरे प्रदेश में जयराम महतो की पार्टी वोटकटवा सिद्ध हुई हैं और इस पार्टी ने सर्वाधिक नुकसान भाजपा गठबंधन का ही किया है। 

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जयराम महतो की पार्टी का इस विधानसभा चुनाव में भी खाता नहीं खुलेगा। लेकिन उसकी पार्टी हर जगह पर अच्छा खासा वोट काटकर भाजपा-आजसू को नुकसान पहुंचाने में बहुत आगे निकल गई। जबकि झामुमो गठबंधन हर जगह इन्टैक्ट नजर आया। इस दल के वोट जहां भी पड़े, थोक में पड़े। संभावना है कि झामुमो गठबंधन 50 से 55 सीटें जीतेंगी। इस बार राजद और भाकपा माले की सीटें बढ़ेंगी, जबकि कांग्रेस की सीटें घटेंगी। भाजपा की सीटें इस बार अप्रत्याशित रूप से घटेगी।

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