इस गुलाबी ठंड में भी पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तथा उनके पूरे कुनबे को कंपकंपी छूट रही हैं, इसका मूल कारण है कल पहला फेज का चुनाव और झामुमो के आगे भाजपा का कहीं भी टिकते हुए नहीं देख पाना
अभी ठंड ठीक से नहीं शुरु हुआ। अभी तो गुलाबी ठंड ही धीरे-धीरे पूरे झारखण्ड में पांव पसार रही हैं। लेकिन इस गुलाबी ठंड में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तथा उनके पूरे कुनबे को कंपकंपी छूट रही हैं और ये कंपकंपी होने का मुख्य कारण है, राज्य के मुख्यमंत्री व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमन्त सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन की चुनावी सभा में उमड़नेवाली भारी भीड़।
आश्चर्य है कि ये दोनों झारखण्ड के किसी भी कोने में चुनाव प्रचार करने के लिए जा रहे हैं। लोग बड़ी संख्या में इनके भाषण को सुनने के लिए जुट रहे हैं। जहां भाजपा के चुनावी सभा में लोगों को पकड़-पकड़कर लाने की योजना चलती हैं, तो वहीं झामुमो की चुनावी सभा में लोग स्वतः पहुंच रहे हैं और उस भीड़ में झामुमो जिन्दाबाद, हेमन्त सोरेन जिन्दाबाद, कल्पना सोरेन जिन्दाबाद के नारे भी खूब लग रहे हैं।
आश्चर्य यह भी है कि भाजपा के दिग्गजों द्वारा नाना प्रकार से षडयंत्र भी किया जा रहा है कि ये दोनों झामुमो के प्रमुख नेता अपनी चुनावी सभा में न पहुंच पाये, उसके बावजूद इन दोनों नेताओं की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं हुई हैं। भाजपा में तो कोई प्रदेशस्तर के नेता तो यहां हैं भी नही कि इन दोनों के सामने टिक सकें। इसलिए हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन का मुकाबला करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह मैदान में आ चुके हैं। उसके बावजूद भी ये दोनों कोई असर नहीं डाल पा रहे।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि आश्चर्य है कि नरेन्द्र मोदी व अमित शाह का रोड शो हो या चुनावी सभा इनका कोई कार्यक्रम जनता पर असर नहीं डाल रहा। यही कारण है कि पलामू जैसी जगह पर जहां गढ़वा में पीएम मोदी की सभा में भीड़ अच्छी-खासी जुटी, उसके बावजूद वहां का भाजपा प्रत्याशी सत्येन्द्र नाथ तिवारी चुनाव जीत ही जायेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं। वहां आज भी झामुमो प्रत्याशी और मंत्री मिथिलेश ठाकुर उतनी ही मजबूत स्थिति में हैं, जितनी 2019 में थे।
यही हाल अमित शाह की जमशेदपुर में हुई रोड शो का हाल है। अमित शाह के रोड शो होने के बावजूद ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू दास, जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट से जीत पाने की स्थिति में नहीं दिख रही और न ही जमशेदपुर पश्चिम में जदयू के टिकट पर लड़ रहे सरयू राय अच्छी स्थिति में दिख रहे।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इसके विपरीत भाजपा द्वारा घुसपैठिया का मुद्दा व भ्रष्टाचार का मुद्दा बार-बार उठाने पर भी इसका झामुमो के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा। आज ही सारठ में जब हेमन्त सोरेन चुनावी सभा करने को पहुंचे तो वहां भारी भीड़ उनके स्वागत में खड़ी थी। यही हाल टुंडी विधानसभा में था जहा झामुमो के प्रत्याशी मथुरा महतो चुनाव लड़ रहे हैं। ख्याल रहे, कि यही मथुरा महतो के खिलाफ भाजपा समर्थक एक निजी विवादास्पद चैनल चार साल पुराना स्टिंग चलाया। उसके बावजूद मथुरा महतो के चुनाव जीतने में कही कोई अड़चन नहीं दिख रहा। यहां तो भाजपा कही दिख भी नहीं रहा।
राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि पीएम मोदी की चंदनकियारी में संपन्न सभा के बावजूद वहां से निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी जीत ही जायेंगे। इसकी कोई गारंटी नहीं, क्योंकि यहां झामुमो प्रत्याशी उमाकांत रजक, उन्हें अच्छी टक्कर दे रहे हैं। यही हाल प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का धनवार विधानसभा क्षेत्र में हैं। मतलब साफ है कि पीएम, होम मिनिस्टर, केन्द्रीय एजेसियां, मीडिया का इतना खुला सपोर्ट भी भाजपा को झारखण्ड में अच्छी स्थिति में नहीं ला रहा। हालांकि कुछ मीडिया के लोगों ने गलत-सलत रिपोर्ट दिखाकर यहां की जनता को भरमाने की कोशिश की। लेकिन यहां की जनता इतनी मजबूत हैं कि इन पर इन मीडिया के गाल बजावन रिपोर्ट का उन पर कोई असर ही नहीं पड़ता।