अपनी बात

दूसरे फेज के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भी हेमन्त और कल्पना की जोड़ी भाजपा नेताओं पर पड़ी भारी, झामुमो की सभा में भारी भीड़ देख भाजपाइयों की बेचैनी बढ़ी, मतलब संथाल-कोयलांचल में झामुमो का जादू बरकरार

मांडू की सभा में हिमंता बिस्वा सरमा और बोरियो की सभा में बाबूलाल मरांडी वो भीड़ नहीं जुटा सकें, जिसकी उन्हें आशा थी। ज्ञातव्य है कि आज दूसरे फेज का चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा एनडीए प्रत्याशी निर्मल महतो के लिए मांडू में तथा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी लोबिन हेम्ब्रम के लिए बोरियो में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे।

ये दृश्य हैं मांडू विधानसभा में भाजपा नेता एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की चुनावी रैली का, आप स्वयं देखिये भीड़ की क्या स्थिति हैं, बीच में कुर्सियां साफ खाली दिख रही हैं।

हालांकि दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की राजमहल की सभा भारी भीड़ बटोरी। लोग उन्हें देखने और सुनने भारी संख्या में पहुंचे, जबकि कल्पना सोरेन और हेमन्त सोरेन की जोड़ी आज भी जहां पहुंची, वहां भारी भीड़ ही नहीं बटोरी, बल्कि जनता ने जमकर इन दोंनो को आशीर्वाद भी दिया। राजनीतिक पंडितों की मानें तो आज चुनाव प्रचार के अंतिम दिन एक बार फिर हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन की जोड़ी ने सिद्ध कर दिया कि उनकी जोड़ी के आगे भाजपा का कोई नेता राजनीतिक चुनावी मैदान में टिक नहीं सकता।

यह है बोरिया विधानसभा का, जब बाबूलाल मरांडी वहां भाषण दे रहे थे, यहां से भाजपा प्रत्याशी के रूप में लोबिन हेम्ब्रम चुनाव लड़ रहे हैं।

आश्चर्य है कि आज बोरियो में बाबूलाल मरांडी की सभा थी और कल ही हेमन्त सोरेन ने बोरियो में सभा की। लेकिन हेमन्त सोरेन की सभा में भारी भीड़ थी, जबकि बाबूलाल मरांडी की सभा में हाथों पर गिने जानेवाले लोग ही थे। ये वहीं बोरियो है, जहां लोबिन हेम्ब्रम भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वो लोबिन हेम्ब्रम जो कभी झामुमो के चहेते थे। खुद हेमन्त सोरेन उनका बड़ा सम्मान किया करते थे। आज बाबूलाल मरांडी की सभा में आये लोग और कल हेमन्त सोरेन की सभा में उमड़ी भीड़ से लोबिन हेम्ब्रम को भी अंदाजा हो गया होगा कि बोरियो में कौन जीत रहा हैं?

आज हेमन्त सोरेन सिल्ली में भी गरजे, जहां एनडीए गठबंधन के प्रमुख प्रत्याशी यानी आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो चुनाव लड़ रहे हैं। हेमन्त सोरेन ने यहां से झामुमो प्रत्याशी के रूप में अमित महतो को मैदान में उतारा है। यहां भी उनकी सभा देखनेलायक रही। यहीं नहीं, वे जामा विधानसभा और शिकारीपाड़ा विधानसभा के चुनावी मैदान में भी आ धमके, जहां हजारों की भीड़ उन्हें सुनने के लिए पहले से ही तैयार थी। जैसे ही वे वहां पहुंचे, सभी ने हेमन्त सोरेन जिन्दाबाद के नारे लगाकर स्वागत किया, जो बताने के लिए काफी था कि यहां झामुमो कितनी मजबूत स्थिति में हैं।

लोग बताते है कि इसके पहले कल उन्होंने लिट्टीपाड़ा और जामताड़ा की सभा को भी संबोधित किया था, जहां भारी भीड़ ने सभी राजनीतिक पंडितों को चौंकाया। उधर कल डुमरी में कल्पना सोरेन ने एक विशाल चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सबके दांत खट्टे कर दिये। कल की कल्पना की डुमरी की रैली ने सिद्ध कर दिया कि यहां झामुमो की स्थिति कितनी मजबूत है। कल तक रैलियों को लेकर ही विश्लेषण करनेवाले और दूसरे के गले में जीत का माला पहनाने का स्वप्न देखनेवालों ने भी मान लिया कि टाइगर जगरनाथ महतो के नहीं रहने के बावजूद भी झामुमो की स्थिति उतनी ही मजबूत हैं, जितनी उनके जीवित रहने के समय थी। मतलब साफ है कि उनकी पत्नी बेबी देवी को यहां से जीतने से कोई रोक नही सकता।

यह है कल्पना सोरेन की सभा और उसमें उमड़ी भीड़, अब आप खुद आकलन करिये कि झारखण्ड में कौन मजबूत हैं भाजपा या झामुमो?

इधर आज कल्पना सोरेन गांडेय में अपने मतदाताओं से मिली और उनका दिल जीता। कई जगहों पर मतदाताओं ने उनके साथ सेल्फी लेने में ज्यादा रुचि दिखाई। कई जगहों पर बुजुर्ग महिलाओं ने उन्हें दिल खोलकर आशीर्वाद दिया। जबकि कई जगहों पर लोग उनसे बातचीत करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। कुल मिलाकर देखा जाये, तो यहां भी झामुमो की स्थिति काफी मजबूत है।

शायद यही कारण रहा कि राजनीतिक पंडितों ने आज विद्रोही24 से बातचीत में कह दिया कि संथाल परगना और कोयलांचल में झामुमो गठबंधन को कहीं से भी चुनौती मिलती नहीं दिख रही। आम जनता का प्यार और हेमन्त-कल्पना को मिल रहे आशीर्वाद ने सारी तस्वीर स्पष्ट कर दी है कि यहां झामुमो गठबंधन का किसी से टक्कर ही नहीं हैं। हां, एक बात आज जरुर क्लियर हो गया कि जो लोग झामुमो छोड़कर भाजपा में गये थे, उनके चेहरे आज उतरे हुए नजर आये। शायद उन्हें आज अपनी गलती का ऐहसास हो चुका है।

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