फादर स्टेन स्वामी को देश की वर्तमान व्यवस्था नहीं, आप जैसे नेताओं की सोच निगल गई CM हेमन्त बाबू
झूठ मत बोलिये झारखण्ड के राजा हेमन्त बाबू, फादर स्टेन स्वामी को देश की वर्तमान व्यवस्था नहीं, बल्कि आप जैसे नेताओं की सोच निगल गई। आप जैसे ही नेता ऐसी व्यवस्थाओं को जन्म देते हैं, जिसमें ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, दलितों, गरीबों व शोषकों की मदद करनेवाला एक समय ऐसा निसहाय हो जाता है कि उसके पास मौत के सिवा कोई दूसरा रास्ता ही नहीं होता, और आप जैसे दस नेताओं ने फादर स्टेन स्वामी के निधन की जांच को लेकर जो राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, वो दरअसल जनता को भरमाने के लिए मगरमच्छ के आंसू हैं, नहीं तो फादर स्टेन स्वामी की इस प्रकार मौत ही नहीं होती।
आप छाती पर हाथ रखकर बोलिये हेमन्त बाबू, कि आपने कभी भी फादर स्टेन स्वामी की सुध ली। आप या आपके ये दस नेता उनके जीवित रहते कभी सरकार या राष्ट्रपति को पत्राचार किया। अरे आपकी सोनिया और आपके दोस्त उद्धव की सरकार थी महाराष्ट्र में और आपने फादर स्टेन स्वामी की ठीक से इलाज हो, इसकी व्यवस्था तक नहीं कराई। अरे आप तो मंत्री और विधायकों के लिए एयरलिफ्टिंग की व्यवस्था करवाने वालों में से एक राजा है, आपने फादर स्टेन स्वामी के लिए ऐसा क्या किया?
अरे केन्द्र ने उन्हें गिरफ्तार किया था, पर जेल तो महाराष्ट्र में थी, अस्पताल तो महाराष्ट्र में थी, डाक्टर तो महाराष्ट्र के थे, जहां सोनिया, जहां उद्धव, जहां तथाकथित महान देशभक्त शरद पवार के पार्टियों की सरकार थी, और वहां फादर स्टेन स्वामी का इस प्रकार चले जाना क्या बताता है? हम तो कहेंगे कि इसके लिए आप भी उतने ही जिम्मेवार है, भले आप कितना भी फादर स्टेन स्वामी के निधन पर घड़ियाली आंसू बहा लें। झारखण्ड की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी, क्योंकि वो आपकी और आपके परिक्रमाधारियों की सारी हरकतें देख रही हैं।
आप ही है न, बकोरिया-बकोरिया चिल्लाते थे, सदन को ठप कर देते थे, आज क्या कर रहे हैं, जिस पर बकोरिया कांड का दाग लगा हैं, उसे बोकारो का डीआईजी बना रहे हैं। अरे जनता को आप इतना बेवकूफ क्यों समझते हैं? जनता जब रघुवर को किनारा कर सकती हैं तो आप क्या है? इसलिए फादर स्टेन स्वामी के शव पर अब झूठे आंसू नहीं बहाएं, ईश्वर सब देख रहा हैं, उस व्यक्ति को सद्गति देगा, पर आप जैसे नेताओं को समय आने पर दंड भी देगा, ये शाश्वत सत्य है।
आप कहते है कि “वर्तमान व्यवस्था ने 84 साल की उम्र में मुंबई की जेल में उनको मरने के लिए छोड़ दिया।” जब उन्होंने मरने के लिए छोड़ दिया तो आप क्या कर रहे थे? आपकी सोनिया, आपके उद्धव, आपके पवार वहां क्या कर रहे थे, फादर स्टेन स्वामी के मरने का इंतजार, ताकि आप सभी इस पर राजनीतिक रोटियां सेंक सकें।
आप कहते हैं कि “गरीबों की आवाज बननेवाले कई लोग इसके शिकार हो रहे हैं, यह बहुत कठिन घड़ी है, यह सिलसिला नहीं रुका, तो लोकतंत्र के मायने बदल जायेंगे।” अरे लोकतंत्र के मायने तो आप भी बदल रहे हैं, नहीं तो ब्लैकमेलर चैनल की इतनी औकात नहीं थी कि हम जैसे लोगों पर झूठे केस डाल देता और इतनी पुलिस की भी हिम्मत नहीं थी कि वो ब्लैकमेलर चैनल को बचाने में लग जाता तथा सीसीटीवी फूटेज तक नहीं उठाता।
हम सब देख रहे हैं, ईमानदार पुलिस अधिकारी खून के आंसू पी रहे हैं, और बेईमानों की पौ-बारह हैं, अरे सरकार आपकी हो या रघुवर की, यहां तो फादर स्टेन स्वामी जैसे लोगों को हर हाल में मरना है, इसलिए बेचारे मर गये। अब आप राजनीति करते रहिये, लेकिन इसका फायदा आप उठा ही लेंगे, ये आपको किस परिक्रमाधारियों (कनफूंकवें) ने कह दिया?